देहरादून में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश: 9428 आयुष्मान कार्ड बनाकर करोड़ों रुपये का हेरफेर

Rajkumar Dhiman, Dehradun: राजधानी देहरादून में आयुष्मान भारत योजना के नाम पर किए गए बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) द्वारा की गई जांच में सामने आया कि निरस्त किए गए 1,36,676 राशन कार्डों के सापेक्ष 9,428 फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए गए और इनके माध्यम से करोड़ों रुपये की बीमा राशि … The post दून में गड़बड़झाला: 9428 फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर करोड़ों डकारे, सीएम के इशारे पर डीएम बंसल ने घुमाया डंडा appeared first on Round The Watch.

Jul 6, 2025 - 00:39
 117  501.8k
देहरादून में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश: 9428 आयुष्मान कार्ड बनाकर करोड़ों रुपये का हेरफेर
दून में गड़बड़झाला: 9428 फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर करोड़ों डकारे, सीएम के इशारे पर डीएम बंसल ने घुमाया डंडा

देहरादून में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश: 9428 आयुष्मान कार्ड बनाकर करोड़ों रुपये का हेरफेर

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Haqiqat Kya Hai

लेखक: प्रियंका मेहरा, सुषमा गुप्ता, तान्या चौधरी, टीम हक़ीक़त क्या है

परिचय

कम शब्दों में कहें तो, देहरादून में आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें 9,428 फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। इस धोखाधड़ी के माध्यम से करोड़ों रुपये की बीमा राशि का अनुचित लाभ उठाया गया है। यह घटना तब उजागर हुई जब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) ने 1,36,676 निरस्त राशन कार्डों की जांच की। इस लेख में हम इस मामले की विस्तार से चर्चा करेंगे और इसकी गंभीरता का आकलन करेंगे।

मामले की शुरुआत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर, देहरादून जिले ने राशन कार्डों की सत्यापन प्रक्रिया शुरू की। इस अभियान से हजारों की संख्या में फर्जी कार्डों की पहचान की गई। प्रशासन ने निरस्त राशन कार्डों का डाटा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को भेजा, जिससे यह मामला उजागर हुआ। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि इस विषय पर सख्त कार्रवाई अवश्य की जाएगी।

फर्जीवाड़े का तरीका

जांच में पाया गया कि कई अपात्र व्यक्तियों ने बलात्कारी दस्तावेजों के माध्यम से राशन कार्ड बनवाए। जब इनका डेटा सिस्टम में डाला गया, तो स्वतः फर्जी आयुष्मान कार्ड बन गए। यह स्पष्ट करता है कि इस प्रक्रिया में प्रशासनिक स्तर पर मिलीभगत होनी चाहिए। स्वास्थ्य प्राधिकरण और जिला प्रशासन इस मामले में पेश आने वाले नुकसान का आंकलन कर रहे हैं और जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रहे हैं।

चोट पहुंचाने वाले उदाहरण

ऐसे फर्जी कार्डों का उपयोग कर कई लोगों ने बीमा राशि का दुरुपयोग किया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फर्जी कार्ड धारकों की पहचान प्रक्रिया शुरू कर दी है। आगे की जांच जारी है और नई जानकारियां सामने आ सकती हैं।

आगे की कार्रवाई

जिलाधिकारी बंसल ने फर्जीवाड़े में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। सत्यापन अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने भी इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। सभी संदिग्धों के खिलाफ उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।

निष्कर्ष

इस प्रकार, देहरादून में हुए इस बड़े फर्जीवाड़े ने न केवल स्वास्थ्य योजनाओं की विश्वसनीयता को प्रश्नांकित किया है, बल्कि यह भी संकेत करता है कि हमें ऐसे मामलों से निपटने के लिए कितनी सतर्कता बरतनी चाहिए। मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी के साहसिक निर्णयों के चलते हम उम्मीद कर सकते हैं कि इस मामले का सही समाधान निकलेगा। भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए नई नीतियों और प्रक्रियाओं की आवश्यकता पर बल दिया जाना चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए, हमारे पोर्टल Haqiqat Kya Hai पर जाएं।

Keywords:

fake Ayushman cards, Dehradun fraud, Ayushman Bharat scheme, ration card scam, CM Pushkar Singh Dhami, DM Savin Bansal, health scheme corruption, health insurance fraud, investigation report, financial embezzlement

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow