देहरादून में नकली जीवन रक्षक दवाएं बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, STF ने किया बड़ा खुलासा

Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने स्वास्थ्य सुरक्षा के खिलाफ एक गंभीर खतरे का पर्दाफाश करते हुए एक बड़ी कार्रवाई में नकली दवाइयों के गिरोह के सरगना और फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह देश की प्रतिष्ठित दवा कंपनियों की जीवन रक्षक दवाइयों की हूबहू नकल तैयार कर बाजार … The post दून में ब्रांडेड कंपनियों की नकली जीवन रक्षक दवा बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ appeared first on Round The Watch.

Jul 18, 2025 - 18:39
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देहरादून में नकली जीवन रक्षक दवाएं बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, STF ने किया बड़ा खुलासा
दून में ब्रांडेड कंपनियों की नकली जीवन रक्षक दवा बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़

देहरादून में नकली जीवन रक्षक दवाएं बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़

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Author: Neha Sharma, Priya Verma, और Aditi Joshi
Team Haqiqat Kya Hai

सारांश

कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक गंभीर स्वास्थ्य सुरक्षा खतरे को खत्म करते हुए एक बड़े गिरोह के सरगना और फैक्ट्री के मालिक को पकड़ लिया है। यह गिरोह भारतीय दवा कंपनियों की जीवन रक्षक दवाइयों की नकली नकल तैयार कर रहा था।

मुख्य घटना

देहरादून से अमित भट्ट की रिपोर्ट: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने हाल ही में एक छापेमारी में एक नकली दवा उत्पादन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। यह कार्रवाही स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति गंभीर खतरे को रोकने के लिए की गई थी। एसटीएफ के अधिकारियों ने मुख्य आरोपी देवी दयाल गुप्ता सहित चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जो दिल्ली में स्थित थे।

फैक्ट्री का संचालन

गिरोह का नेतृत्व कर रहे देवी दयाल गुप्ता की कंपनी, Dr. Mittal Laboratories Pvt. Ltd., सहसपुर क्षेत्र में अवैध गतिविधियों के लिए जानी जाती थी। एसटीएफ द्वारा एकत्रित जानकारी के अनुसार, गुप्ता ने वर्ष 2021 से 2025 के बीच लगभग 1 करोड़ 42 लाख टैबलेट और 2 लाख से अधिक कैप्सूल का उत्पादन किया। ये नकली दवाएं प्रतिष्ठित ब्रांडों जैसे Pantaprazole, Diclocin SP, और Amlodipine के नाम पर बेची जाती थीं।

आरोपियों की गिरफ्तारी

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में संतोष कुमार, नवीन बंसल, आदित्य काला, और देवी दयाल गुप्ता शामिल हैं। पिछले महीने, एसटीएफ ने संतोष कुमार को भारी मात्रा में नकली दवाओं के साथ पकड़ा था, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया। यह सभी गिरफ्तारियाँ एसटीएफ और पुलिस विभाग के बीच बेहतर समन्वय का परिणाम हैं।

स्वास्थ्य और सुरक्षा पर खतरा

एसटीएफ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जनता से अपील की है कि वे दवाइयों की खरीदारी में सतर्कता बरतें। नकली दवाओं का सेवन सीधे तौर पर लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल सकता है और साथ ही यह सरकार के राजस्व को भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।

क्या करें?

एसटीएफ ने उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे दवाइयों की खरीदारी करते समय ब्रांड नाम, बैच नंबर, और QR कोड की अच्छी तरह से जांच करें। यदि किसी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि देखी जाए, तो संबंधित विभाग या पुलिस को तुरंत सूचित करना चाहिए।

निष्कर्ष

यह मामला न केवल देहरादून में स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति चिंता को उजागर करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे अवैध गतिविधियाँ समाज में गंभीर खतरे का कारण बन सकती हैं। एसटीएफ की सजगता से बड़ा गिरोह पकड़ा गया है, जो लोगों की जान के साथ खेल रहा था। हमें सजग रहने और स्वास्थ्य प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है।

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