जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल: देहरादून में स्थापित हुए आधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन
देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल से आपदा एवं बाहरी आक्रमण के दृष्टिगत जनमानस को अलर्ट करने हेतु राज्य में प्रथमबार जनपद देहरादून में आधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन स्थापित किए जा रहें, जिनका सफल ट्रायल पूर्ण हो चुका है तथा फाइनल कमिशिनिंग चल रही है। आपदा एवं आपातकाल स्थिति से जनमानस की सुरक्षा एवं […]

जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल: देहरादून में स्थापित हुए आधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन
कम शब्दों में कहें तो, जिलाधिकारी सविन बंसल की प्रयासों से अब देहरादून में आधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन स्थापित कर दिए गए हैं, जो आपदा और बाहरी आक्रमण के समय जनमानस को तत्काल अलर्ट करने में सक्षम होंगे।
देहरादून: राज्य के जनपद देहरादून में पहली बार आधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन का प्रतिष्ठान किया जा रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल के परिणामस्वरूप, ये सायरन आपदा और बाहरी खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं। इनका सफल परीक्षण किया जा चुका है और अब फाइनल कमिशिनिंग की प्रक्रिया चल रही है। यह कदम जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
प्रशासन की प्राथमिकताएँ
जिला प्रशासन ने आधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन की स्थापना के लिए समुचित तैयारी की है। प्रारंभिक चरण में, जिले में 16 किमी और 8 किमी रेंज के सायरन स्थापित किए जाएंगे। कुल मिलाकर 13 सायरन विभिन्न प्रमुख स्थानों पर लगाए गए हैं। प्रशासन ने इन सायरनों के परीक्षण में पूर्ण सफलता प्राप्त की है और अब उन्हें औपचारिक रूप से स्थापित करने की प्रक्रिया में है।
सायरन का कार्यप्रणाली
प्रथम चरण में थाना पटेलनगर, राजपुर, डालनवाला, कैंट, कोतवाली, बसंत विहार, बिंदाल चौकी, लक्खीबाग चौकी, और पुलिस लाइन, नेहरू कॉलोनी में 8 किमी रेंज के सायरन लगाए जाएंगे। वहीं ऋषिकेश, प्रेमनगर, क्लेमेंटाउन, और रायपुर में 16 किमी रेंज के सायरन स्थापित किए जाएंगे। इन सायरनों को ट्रिगर करने की व्यवस्था संबंधित थाना-चौकियों एवं जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में भी होगी ताकि जरूरत पड़ने पर सभी सायरन एक साथ सक्रिय किए जा सकें।
आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा
इन सायरनों के माध्यम से नागरिकों को संभावित खतरे जैसे युद्ध और हवाई हमलों के बारे में सूचित किया जाएगा। जन सुरक्षा के दृष्टिकोन से, यह कदम काफी महत्त्वपूर्ण है। जिलाधिकारी की पहल के तहत, जिले में पहली बार आर्मी, पैरामिलट्री, एयरपोर्ट और बड़े हॉस्पिटल्स में रेपिड कम्यूनिकेशन सिस्टम भी स्थापित किए जा रहे हैं। इससे किसी बाहरी आक्रमण या आपात स्थिति में सभी संस्थानों से एक साथ संचार किया जा सकेगा।
भविष्य की योजनाएँ
आधुनिक लांग रेंज सायरन लगाने का एक प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपात स्थिति में आम नागरिकों तक तुरंत खतरे का संदेश पहुँच सके। इससे लोग सायरन की आवाज सुनकर सुरक्षित स्थानों पर जा सकेंगे। दूसरे चरण में ऋषिकेश, विकासनगर, चकराता और अन्य प्रमुख शहरों में भी चेतावनी सायरन लगाने की योजना है।
इस पहल से न केवल नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि नए सायरनों के माध्यम से सिविल डिफेंस सिस्टम को भी मजबूत किया जाएगा। इससे आपात स्थिति में सुरक्षा उपाय और अधिक प्रभावी बनेंगे।
यह योजना देहरादून जिले के निवासियों के लिए प्रशासन का एक स्वागतयोग्य प्रयास है, जो उन्हें आपातकालीन स्थितियों में सुरक्षित रखने के लिए प्रयासरत है। यह कदम कई वर्षों बाद जिलाधिकारी के आह्वान पर इमरजेंसी कम्यूनिकेशन और पब्लिक वार्निंग अलर्ट सिस्टम को उच्चीकृत करने की दिशा में उठाया गया है।
इससे देहरादून की भारी जनसंख्या को आपात स्थिति के समय एक साथ चेतावनी दी जा सकेगी, जिससे उनकी सुरक्षा बढ़ेगी।
सामाजिक सरोकार और प्रशासन की पहल
जिले के अधिकारियों और प्रशासन के प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए, जो इस प्रकार की महत्वपूर्ण पहलों को कार्यान्वित कर रहे हैं। यह परिवर्तन देहरादून की जनसंख्या की सुरक्षा और जागरूकता को बढ़ाने में मदद करेगा।
देहरादून में इस प्रकार के अनोखे प्रयास अन्य जनपदों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगे। संभवतः, यह पूरे राज्य के लिए एक मानक स्थापित कर सकेगा।
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