उत्तराखंड: गुलदार का हमला, चार साल की बच्ची बनी शिकार, परिवार में छाया मातम

Guldar Attack In Uttarakhand पोखड़ा रेंज के श्रीकोट गांव में एक गुलदार ने चार साल की बच्ची पर हमला कर उसे मार डाला। बच्ची का Source

Sep 13, 2025 - 18:39
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उत्तराखंड: गुलदार का हमला, चार साल की बच्ची बनी शिकार, परिवार में छाया मातम
उत्तराखंड: गुलदार का हमला, चार साल की बच्ची बनी शिकार, परिवार में छाया मातम

उत्तराखंड में गुलदार का हमला: चार वर्षीय बच्ची की जान गई

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कम शब्दों में कहें तो उत्तराखंड के पोखड़ा रेंज के श्रीकोट गांव में एक गुलदार ने चार साल की बच्ची पर हमला कर उसे जान से मार दिया। इस घटना ने पूरे गांव में मातम छा दिया है और परिवार पर दु:ख का पहाड़ टूटा है।

घटना का विवरण

श्रीकोट गांव में एक शांत रोज़मर्रा के दिन, एक गुलदार ने अचानक चार साल की बच्ची पर हमला किया। यह घटना उस समय हुई जब बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस प्रकार के हमले पहले भी हो चुके हैं, लेकिन इस बार की घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया है।

परिवार की प्रतिक्रिया

बच्ची के माता-पिता और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार के मुखिया ने कहा, "हम अपने संतोष के लिए क्या कहें? हमारी बच्ची चली गई। हम चाहते हैं कि ऐसे हमलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।" गांव वाले भी इस घटना से भयभीत हैं और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

वन्यजीव संरक्षण के मुद्दे

इस घटना के साथ साथ यह भी सवाल उठता है कि क्या स्थानीय वन्यजीव प्रबंधन ठीक से काम कर रहा है? विशेषज्ञों का कहना है कि गुलदार जैसे वन्य जीवों की बढ़ती संख्या और मानव बस्तियों के बीच बढ़ती निकटता इस तरह के हमलों का एक मुख्य कारण है। इसके लिए आवश्यक है कि वन्यजीवों के लिए सुरक्षित दायरे बनाए जाएं ताकि इंसान और जानवर दोनों की सुरक्षा हो सके।

स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई

अधिकारी घटना के तुरंत बाद गांव में पहुंचे और गांव वालों को सुरक्षा उपायों के बारे में समझाया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जंगलों में गुलदारों की गतिविधियों पर नज़र रखी जाएगी और यदि आवश्यक हो तो उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा।

निष्कर्ष

यह घटना एक बार फिर से हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम और हमारे जंगली साथी एक ही परिवेश में कैसे coexist कर सकते हैं। इस घटना से न केवल एक परिवार को नुकसान पहुंचा है, बल्कि यह पूरे गांव में डर और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। उचित कदम उठाने और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में न हों।

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सादगीपूर्वक,

टीम हकीकत क्या है - श्वेता कुमारी

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