विधवा मां पर क्रूरता: जालिम बेटों को जिला बदर करने की तैयारी

Round The Watch, News (Dehradun): राजधानी दून में रिश्तों को कलंकित करने वाली क्रूरता की एक और कहानी सामने आई है। नशेड़ी बेटे अपनी विधवा मां को डंडों से पीट रहे हैं और उन पर हाथ-पैर चला रहे हैं। दुखियारी मां जिलाधिकारी सविन बंसल के पास पहुंची तो उन्होंने इसे बेहद गंभीरता से लिया। फास्ट … The post विधवा मां को पीट रहे जालिम बेटे, जिला बदर करेंगे डीएम appeared first on Round The Watch.

Aug 26, 2025 - 00:39
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विधवा मां पर क्रूरता: जालिम बेटों को जिला बदर करने की तैयारी
विधवा मां को पीट रहे जालिम बेटे, जिला बदर करेंगे डीएम

विधवा मां पर क्रूरता: जालिम बेटों को जिला बदर करने की तैयारी

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राजधानी दून में रिश्तों को कलंकित करने वाली एक और दुखद कहानी सामने आई है। यहाँ नशे में धुत बेटे अपनी विधवा मां को न केवल मानसिक प्रताड़ना दे रहे हैं, बल्कि उन पर शारीरिक हिंसा भी कर रहे हैं। विजय लक्ष्मी पंवार, जो इस जुल्म की शिकार हैं, ने जिलाधिकारी सविन बंसल के पास जाकर अपनी व्यथा सुनाई, जिसे उन्होंने गंभीरता से लिया। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक मोड में शुरू की गई और गोपनीय जांच का आदेश दिया गया है। शिकायत की पुष्टि होने पर बेटों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई का निर्णय लिया गया है, और जरूरत पड़ने पर उनको जिला बदर भी किया जा सकता है।

क्या है मामला?

बंजारावाला क्षेत्र की भागीरथीपुरम कालोनी निवासी विजय लक्ष्मी पंवार ने 22 अगस्त 2025 को जिलाधिकारी के समक्ष अपनी दुर्दशा साझा की। उन्होंने बताया कि उनके दोनों पुत्र, शुभम पंवार और अनुज पंवार, नशे के आदी हैं और पैसों के लिए उन्हें नियमित रूप से पीटते हैं। विजय लक्ष्मी ने कहा कि ये न केवल उन्हें मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं बल्कि अब उन्होंने शारीरिक उत्पीड़न का भी सहारा लेना शुरू कर दिया है, जिसके कारण उनकी जान को भी खतरा है।

जांच और कार्रवाई

जिलाधिकारी ने इस गंभीर मामले की संज्ञान में लेते हुए उपजिलाधिकारी (न्यायिक) कुमकुम जोशी को गोपनीय जांच करने का आदेश दिया। जांच के दौरान उपजिलाधिकारी ने स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत की। उनकी जांच के परिणामों के आधार पर विजय लक्ष्मी की शिकायत को सही पाया गया, जिससे यह तय हुआ कि उनके बेटों को उनसे दूर रखा जाना आवश्यक है।

आगे की प्रक्रिया

जिलाधिकारी ने शुभम और अनुज पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ करने का निर्णय लिया। उन्हें नोटिस भेजा गया है, जिसमें उन्हें 26 अगस्त को अपने पक्ष को रखने का अवसर दिया गया है। यदि वे अगली सुनवाई में उपस्थित नहीं होते हैं, तो उन्हें आरोपों पर टिप्पणी करने का कोई अवसर नहीं मिलेगा और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

क्या हम बदलाव ला सकते हैं?

यह घटना यह स्पष्ट करती है कि परिवारों में नशे का प्रभाव न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर करता है। प्रशासन की सक्रियता ऐसे मामलों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। विजय लक्ष्मी जैसी महिलाओं को, जो अपने बेटों की क्रूरता का शिकार हो रही हैं, सुरक्षा और न्याय की आवश्यकता है।

समाज के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि हम ऐसे मामलों को सिर्फ खंडित नहीं करें, बल्कि अपने आस-पास के वातावरण में जागरूकता फैलाने का प्रयास करें। क्या हम सिर्फ समाचारों के माध्यम से ऐसी क्रूरता को देखते रहेंगे, या हमें अपने आसपास ऐसी स्थितियों को समाप्त करने की दिशा में सक्रिय रहना चाहिए?

हालांकि प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही की है, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। सही शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से हम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

यह मामला समाज के हर सदस्य की भूमिका की मांग करता है। हमें अपने भीतर साहस, विनम्रता और सच्चाई लानी होगी ताकि हम सामाजिक विकृतियों को खत्म कर सकें। क्या हम सभी मिलकर इसके लिए प्रयास कर सकते हैं?

संपादकीय रूप से: टीम हक़ीक़त क्या है, रिया वर्मा

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