रानीखेत: 93 वर्षीय बाबा महंत गोपाल गिरी का निधन, मुक्तिधाम में दी गई भू-समाधी

मुक्तिधाम में लगाई गई भू—समाधी सीएनई रिपोर्टर, रानीखेत। मुक्तिधाम के बाबा महंत गोपाल गिरी ने अपने प्राण मुक्ति धाम में ही त्याग दिए। उनका अंतिम संस्कार प्रक्रिया (भू—समाधी) जनसेवा समीति के सहयोग से संपन्न की गई। महंग गोपाल गिरी महाराज ब्रह्मलीन : उल्लेखनीय है कि रानीखेत के मुक्ति धाम में पिछले दो दशक से आश्रित […] The post रानीखेत: बाबा महंत गोपाल गिरी ने 93 वर्ष की आयु में त्यागी देह appeared first on Creative News Express | CNE News.

Jun 26, 2025 - 09:39
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रानीखेत: 93 वर्षीय बाबा महंत गोपाल गिरी का निधन, मुक्तिधाम में दी गई भू-समाधी
रानीखेत: बाबा महंत गोपाल गिरी ने 93 वर्ष की आयु में त्यागी देह

रानीखेत: 93 वर्षीय बाबा महंत गोपाल गिरी का निधन, मुक्तिधाम में दी गई भू-समाधी

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कम शब्दों में कहें तो, रानीखेत में बाबा महंत गोपाल गिरी ने 93 वर्ष की आयु में अपने प्राण त्याग दिए। उनका अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में विधिविधान से किया गया और उन्हें भू-समाधी दी गई। इस घटना ने क्षेत्र में एक शोक की लहर को जन्म दिया है, जिसकी गूंज दूर-दूर तक सुनाई दी है।

आध्यात्मिक यात्रा का अंत

बाबा महंत गोपाल गिरी का जीवन तप और सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण था। पिछले दो दशकों से, वे रानीखेत के मुक्तिधाम में निवास कर रहे थे और न केवल स्थानीय भक्तों बल्कि समस्त भारत के श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा बना रहे। उनका समर्पण और सेवा भाव ने हजारों लोगों को आध्यात्मिक दिखावे से परे देखने पर मजबूर किया।

अंतिम संस्कार की प्रक्रिया

महंत गोपाल गिरी का अंतिम संस्कार जनसेवा समिति के सहयोग से संपन्न हुआ। उनके अनुयायियों का एक बड़ा समूह उनकी अंतिम यात्रा में भाग लेने के लिए एकत्र हुआ। मुक्तिधाम में उनकी भू-समाधी की स्थापना मात्र एक रस्म नहीं, बल्कि श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। यह समर्पण उनकी दीक्षा को एक नया अर्थ देती है।

सामाजिक कार्यों में योगदान

बाबा महंत गोपाल गिरी ने अपने जीवन में विभिन्न समाजसेवी और धार्मिक कार्यों में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने न केवल आध्यात्मिक जागरूकता का प्रसार किया बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी जोर दिया। उनके व्यक्तित्व ने अनगिनत भक्तों को आत्मिक शांति प्रदान की, जिससे उन्होंने समाज में जागृति का संचार किया।

सामाजिक सद्भाव में योगदान

उनका जीवन यह दर्शाता है कि धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ जब एक साथ आकर काम करती हैं, तो समाज में कितना बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। बाबा की शिक्षाएँ लोगों के दिलों में सदैव जीवित रहेंगी। उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियाँ हमेशा याद रखेंगी।

समापन विचार

महंत गोपाल गिरी का यह त्याग वास्तव में एक युग का अंत है। हमारी दुआ है कि उनका ज्ञान और मार्गदर्शन हमेशा हमारे साथ रहें। यह शोक की घड़ी हम सभी के लिए है, और हमें उनकी शिक्षाओं को अपनाने का प्रयास करना चाहिए। उनके योगदान के लिए हम सदैव उनके आभारी रहेंगे।

महंत गोपाल गिरी का नाम हमेशा जीवित रहेगा, और उनकी सेवानिवृत्त जीवन के संदेश को हम हमेशा याद करेंगे।

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यह एक दिल को छू लेने वाला समाचार है। हमें उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए और उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में स्थान देना चाहिए।

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सादर, Team Haqiqat Kya Hai

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