पौड़ी DM के खिलाफ इंजीनियरों का आक्रोश, आंदोलन की तैयारी
सीएनई रिपोर्टर, देहरादून उत्तराखंड में इंजीनियरों का एक बड़ा वर्ग पौड़ी गढ़वाल की जिलाधिकारी (DM) द्वारा एक अधिशासी अभियंता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर आक्रोशित है। इस घटना के विरोध में, उत्तराखंड इंजीनियर्स फेडरेशन ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें सर्वसम्मति से जिलाधिकारी की कार्रवाई को ‘एकतरफा, मनमानी और तानाशाही’ बताते हुए इसके […] The post इंजीनियरों का आक्रोश, पौड़ी DM के खिलाफ आंदोलन का ऐलान appeared first on Creative News Express | CNE News.

पौड़ी DM के खिलाफ इंजीनियरों का आक्रोश, आंदोलन की तैयारी
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में इंजीनियरों ने जिलाधिकारी के खिलाफ हो रहे आक्रोश को लेकर एक बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है।
विवाद का कारण
सीएनई रिपोर्टर, देहरादून: उत्तराखंड में इंजीनियरों का एक बड़ा वर्ग पौड़ी गढ़वाल की जिलाधिकारी (DM) द्वारा एक अधिशासी अभियंता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर आक्रोशित है। यह घटना इंजीनियरों के लिए एक चिंता का विषय बन गई है। इंजीनियर्स फेडरेशन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए एक आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें जिलाधिकारी की कार्रवाई को ‘एकतरफा, मनमानी और तानाशाही’ बताया गया है।
उत्तराखंड इंजीनियर्स फेडरेशन की प्रतिक्रिया
उत्तराखंड इंजीनियर्स फेडरेशन ने बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जहां उन्होंने अपनी चिंताओं को स्पष्ट किया। फेडरेशन के अध्यक्ष ने कहा, “हम इस प्रकार की कार्रवाई की निंदा करते हैं। यह हमारी क्षमता और इंटेग्रिटी पर सवाल उठाता है।” उन्होंने यह भी कहा कि इंजीनियरों के मान-सम्मान की सुरक्षा जरूरी है.
क्यों उठ रही है आवाज?
इंजीनियर्स का कहना है कि प्रशासन का यह कदम उनकी पेशेवर स्वतंत्रता को प्रभावित कर रहा है। इससे न केवल इंजीनियरों की खुद की स्थिति कमजोर होगी, बल्कि यह पूरे राज्य के निर्माण कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह भी चिंताजनक है कि इस प्रकार के विवादों का समाधान सही तरीके से नहीं किया जा रहा है, जो कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।
आंदोलन की तैयारी
इस आंदोलन के माध्यम से इंजीनियर फेडरेशन अपने सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए सरकार से चर्चा करना चाहता है। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि यदि जिलाधिकारी की कार्रवाई वापस नहीं ली जाती है, तो राज्य भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
समापन
यह स्थिति स्पष्ट करती है कि इंजीनियरों के संबंध में अधिकारियों की कार्रवाई कितनी संवेदनशील हो सकती है। सभी की निगाहें अब इस मामले पर टिकी हैं कि क्या जिलाधिकारी अपने निर्णय पर पुनर्विचार करेंगे या नहीं।
हम सभी को उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और इंजीनियरों की चिंताओं का उचित समाधान निकालेगा।
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शुभकामनाएँ,
टीम हकीकत क्या है, प्रियंका शर्मा
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