धराली आपदा: पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख देगी सरकार, पुनर्वास समिति गठित
Rajkumar Dhiman, Dehradun: धराली की भीषण आपदा के बाद उत्तराखंड सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए अब बड़ी राहत की घोषणा की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भटवाड़ी तहसील के धराली गांव में जिन लोगों के घर पूरी तरह नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें पुनर्वास/विस्थापन के लिए पांच लाख रुपये … The post धराली आपदा: पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख देगी सरकार, पुनर्वास समिति गठित appeared first on Round The Watch.

धराली आपदा: पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख देगी सरकार, पुनर्वास समिति गठित
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Rajkumar Dhiman, Dehradun: धराली की भीषण आपदा के बाद उत्तराखंड सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए अब बड़ी राहत की घोषणा की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भटवाड़ी तहसील के धराली गांव में जिन लोगों के घर पूरी तरह नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें पुनर्वास/विस्थापन के लिए पांच लाख रुपये की तत्काल सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही, आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को भी आपदा मद में पांच लाख रुपये की मदद मिल सकेगी।
सरकार का पुनर्वास करने का निर्णय
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावितों के पुनर्वास, समग्र पुनरुद्धार और आजीविका के स्थायी समाधान के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। यह समिति सचिव (राजस्व) की अध्यक्षता में बनेगी और एक सप्ताह के भीतर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। सरकार ने यह कदम शनिवार को उठाया है, जबकि शुक्रवार को आपदा प्रभावितों ने राहत राशि के चेक देखकर सरकार का विरोध शुरू कर दिया था।
हालांकि, सरकार ने अब स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत किसी भी आपदा में पीड़ितों को पांच हजार रुपये तत्काल उपलब्ध कराए जाते हैं। सरकार ने बताया कि पांच हजार रुपये केवल तात्कालिक जरूरतें पूरी करने के लिए दिए जा रहे थे, जैसे राशन, पानी और अन्य तत्काल खर्च। यह मुआवजा राशि नहीं थी। अब सभी पीड़ितों को सरकार उचित सहायता देगी। इस प्रकार, सरकार ने सही दिशा में यह निर्णय लिया है कि पीड़ित परिवारों के आर्थिक पुनर्वास हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं।
प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
सरकार की इस घोषणा से पहले, धराली आपदा प्रभावितों का गुस्सा खुलकर सामने आया। प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव में पहुंचकर परिवारों को अहेतुक सहायता के रूप में 5-5 हजार रुपये के चेक देने की कोशिश की, तो ग्रामीण भड़क उठे। उन्होंने कहा कि इतनी कम राशि से उनका जीवन दोबारा नहीं बस सकता। इसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। यह घटना प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल कर सकती है।
स्थानीय लोगों का मानना था कि प्रशासनिक अधिकारी उन्हें सही जानकारी नहीं दे पा रहे थे। सही संवाद की कमी और केंद्र सरकार की योजनाओं की गलत व्याख्या के चलते विवाद उत्पन्न हुआ। आपदा प्रभावितों को यह समझाना आवश्यक था कि यह कोई मुआवजा राशि नहीं है बल्कि, रोजमर्रा के आवश्यक खर्च के लिए दी जाने वाली धनराशि है। नुकसान का आकलन और सरकारी औपचारिकताओं में अधिक समय लगने की संभावना को समझते हुए, केंद्र सरकार ने यह मार्गदर्शन दिया कि आपदा प्रभावितों को कम से कम पांच-पांच हजार रुपये तत्काल प्रदान कर दिए जाएं।
भविष्य की योजना और अपेक्षाएं
राहत सहायता के महत्व को ध्यान में रखते हुए, सरकार को अब आवश्यक है कि वह प्रभावी योजना बनाएं और वादों को समय पर पूरा करें। यह देखा जाना चाहिए कि पुनर्वास समिति की रिपोर्ट के अनुसार क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं। यदि सरकार अपनी योजनाओं को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करती है, तो इससे प्रभावित परिवारों की स्थिति में सुधार हो सकता है।
प्रदेश की सरकार की यह पहल, आपदा प्रभावित लोगों के लिए राहत का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। राज्य सरकार को चाहिए कि वह अपनी पूरी कोशिश करे कि सभी प्रभावित परिवारों को समय पर उचित सहायता प्राप्त हो। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि ग्रामीण इलाकों में जागरूकता और संसाधनों की व्यवस्था बनाए रखना, जिससे भविष्य में ऐसी अवस्थाओं से बचा जा सके।
अंत में, हमें आशा है कि धराली आपदा के पीड़ित परिवारों को शीघ्र ही हर संभव सहायता और पुनर्वास मिल सकेगा।
Written by Team haqiqatkyahai
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