उत्तराखंड: दीपक बिजल्वाण की भाजपा में एंट्री से BJP नेताओं में खबलबली
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उत्तराखंड: दीपक बिजल्वाण की भाजपा में एंट्री से BJP नेताओं में खबलबली
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लेखक: राधिका शर्मा, नंदिता वासवानी, विनीता प्रकाश
टीम haqiqatkyahai
सुरुचिपूर्ण राजनीति का नया अध्याय
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिले की राजनीति में ज़ोरदार उबाल देखने को मिल रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव की घोषणा कर दी है। 14 अगस्त को हरिद्वार को छोड़कर राज्य के 12 जिलों में ये चुनाव होंगे। लेकिन इस बीच जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को लेकर उत्तरकाशी की राजनीति में हलचल मच गई है।
दीपक बिजल्वाण की भाजपा में एंट्री
दीपक बिजल्वाण, जो पहले से ही दोबारा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे थे, अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की संभावनाओं के चलते पार्टी के भीतर विरोध के केंद्र में आ गए हैं। जैसे ही बिजल्वाण के भाजपा में शामिल होने की खबरें तैरने लगीं, यमुनोत्री-गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र के नेताओं में बेचैनी बढ़ गई।
भाजपा नेताओं की नाराजगी
गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, और अन्य पार्टी के नेता अब पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर अपनी नाराज़गी व्यक्त कर रहे हैं। इन नेताओं ने दीपक बिजल्वाण पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी में शामिल न करने की मांग की है। इस स्थिति ने भाजपा में असहमति और विभाजन की नई लहर पैदा कर दी है।
राजनीतिक भूचाल की संभावनाएँ
भाजपा में यह स्थिति कई सवाल खड़े कर रही है। क्या ये विरोध सैद्धांतिक आधार पर है, या केवल सीटों की राजनीति का हिस्सा हैं? कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह केवल आगामी चुनावों के चलते अपनी स्थिति को बचाने की कोशिश है।
2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी
दीपक बिजल्वाण का लक्ष्य स्पष्ट है—वह यमुनोत्री विधानसभा सीट से 2027 में चुनाव लड़ने की ठोस योजना बना रहे हैं। इस स्थिति में भाजपा के अन्य नेता ऐसे महसूस कर रहे हैं कि अगर बिजल्वाण भाजपा में शामिल होते हैं, तो उनकी राजनीतिक संभावनाएँ खतरे में पड़ सकती हैं।
चुनावी रणनीति और विरोध
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह विरोध भाजपा नेताओं की रणनीतिक चाल है। नगर निकाय चुनावों में पिछली बार उन्होंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था और अब पंचायत चुनाव के आसन्न चुनावों से पहले अपनी स्थिति सुदृढ़ करने की कोशिश कर रहे हैं।
निष्कर्ष
अंत में, दीपक बिजल्वाण की भाजपा में एंट्री से उत्तरकाशी जिले के राजनीति में खलबली मच गई है। यह स्पष्ट है कि बिजल्वाण ने एक बड़ा राजनीतिक खिलाड़ी होने का सबूत दिया है। भाजपा नेताओं का विरोध उनके खिलाफ एकजुटता को दर्शाता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है। यदि आप इस विषय पर और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे वेबसाइट पर जाएँ: haqiqatkyahai.
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