DRDO में रहकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने लगा अल्मोड़ा का युवक

Round The Watch Desk: भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े जासूसी नेटवर्क का खुलासा करते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान महेंद्र प्रसाद के रूप में हुई है, जो उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का निवासी है और वर्तमान में … The post DRDO में रहकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने लगा अल्मोड़ा का युवक appeared first on Round The Watch.

Aug 6, 2025 - 18:39
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DRDO में रहकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने लगा अल्मोड़ा का युवक
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DRDO में रहकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने लगा अल्मोड़ा का युवक

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भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े जासूसी नेटवर्क का खुलासा करते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के कर्मचारी महेंद्र प्रसाद को गिरफ्तार किया है। महेंद्र मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का निवासी है और वर्तमान में जैसलमेर स्थित पोखरण फायरिंग रेंज के पास DRDO के विश्राम गृह में प्रभारी के पद पर कार्यरत था। यह घटनाक्रम न केवल सुरक्षा चुनौतियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे जासूसी की गतिविधियां तकनीकी युग में और बढ़ गई हैं।

महेंद्र प्रसाद की गतिविधियों का खुलासा

सूत्रों के अनुसार, महेंद्र प्रसाद पर आरोप है कि वह पैसे के लालच में पाकिस्तान को संवेदनशील रक्षा जानकारी मोबाइल के जरिए भेज रहा था। सुरक्षित संचार के साधनों का उपयोग करते हुए, उसने पाकिस्तान के साथ एक सीधा संपर्क स्थापित कर लिया था, जिससे उसे न केवल जानकारी के लिए पैसे मिल रहे थे बल्कि वह सुरक्षा के मामलों में भी एक बड़ी चूक का हिस्सा बन गया था।

कैसे हुआ खुलासा?

सुरक्षा एजेंसियां महेंद्र की गतिविधियों पर लंबे समय से नज़र रख रही थीं। हाल ही में उसकी संदिग्ध गतिविधियों के कारण सुरक्षा बलों ने उसे हिरासत में लिया। उसके मोबाइल को ट्रैक करते समय पता चला कि उसने अनेक संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान को भेज दी थीं। यह एक गंभीर मामला है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

DRDO विश्राम गृह में महेंद्र का कार्य

महेंद्र प्रसाद 2018 से DRDO विश्राम गृह, पोखरण में प्रभारी पद पर कार्यरत था। उसकी जिम्मेदारियों में वैज्ञानिकों और अधिकारियों के आवास और प्रशिक्षण की व्यवस्था करना शामिल था। इसी कारण उसे उच्चस्तरीय सूचनाएं भी प्राप्त होती थीं, जिनका दुरुपयोग उसने किया। इसका मतलब यह है कि उसके पास जानकारी की कमी नहीं थी, लेकिन उसने अपने वेतन और मूल्यों से परे जाकर पैसों के लिए सुरक्षा जानकारी साझा करने का चयन किया।

आगे की कार्रवाई

जैसलमेर जिला पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि संयुक्त जांच समिति आरोपी से पूछताछ कर रही है। साथ ही, यह भी कहा गया कि महेंद्र का पाकिस्तान के साथ संदेहास्पद संपर्क पहले से ही सामने आ चुका है। इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है और यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि उन्हें ऐसे मामलों पर कड़ी नज़र रखनी होगी।

यह मामला यह दर्शाता है कि कैसे तकनीकी अंतरिक्ष में उन व्यक्तियों द्वारा जानकारी साझा की जा रही है, जिन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और सतर्कता दोनों ही ज़रूरी हैं।

इस प्रकार, इस घटना ने न केवल देश की सुरक्षा को चुनौती दी है बल्कि यह भी परिचायक है कि सुरक्षा एजेंसियों को यथासंभव तेजी से ऐसे मामलों को पकड़ने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी अन्य व्यक्ति को ऐसी नासमझी न करनी पड़े।

इससे स्पष्ट होता है कि सुरक्षा विभाग को अपनी जाँच प्रक्रियाओं को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।

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