वीडियो: धराली (उत्तरकाशी) में बादल फटने से भारी तबाही, कल्पकेदार मंदिर भी मलबे में दबा
Round The Watch Desk: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद स्थित हर्षिल घाटी के धराली गांव में बादल फटने की घटना ने क्षेत्र में भारी तबाही मचा दी है। मंगलवार दोपहर घटित हुई इस प्राकृतिक आपदा के कारण धराली बाजार पूरी तरह बर्बाद हो गया है। चारों ओर केवल बाढ़ के साथ आया मलबा नजर आ रहा … The post वीडियो: धराली (उत्तरकाशी) में बादल फटने से भारी तबाही, कल्पकेदार मंदिर भी मलबे में दबा appeared first on Round The Watch.
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद के धराली गांव में बादल फटने की घटना ने क्षेत्र में भारी तबाही मचा दी है। मंगलवार दोपहर को यह प्राकृतिक आपदा आई, जिसके परिणामस्वरूप धराली बाजार पूरी तरह बर्बाद हो गया है। बाढ़ के पानी के साथ आए मलबे ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में अपने घरों को छोड़ रहे हैं और प्रारंभिक सूचना के अनुसार, 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं।
बाढ़ और मलबे की गंभीरता
घटना के बाद क्षेत्र में चारों ओर बाढ़ के साथ मलबा नजर आ रहा है, जिससे स्थानीय समुदाय में भय का माहौल है। खीर गंगा नदी के तट पर स्थित प्राचीन कल्पकेदार मंदिर भी मलबे में दबने की सूचना है, जिससे स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में शोक की लहर संवेदनशील बनी हुई है।
सरकारी प्रतिक्रिया और राहत कार्य
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुखद घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। सेना, SDRF, NDRF, BRO और अन्य संबंधित टीमें मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। शासन ने आपदाग्रस्त लोगों के लिए हर्षिल में राहत शिविर स्थापित किया है और राहत सामग्री, सुरक्षित आश्रय और चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
गृह मंत्री का बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस आपदा पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात करते हुए केंद्र की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, गृह मंत्री ने राहत और बचाव कार्यों को त्वरित गति से आगे बढ़ाने के लिए निर्देश दिए।
स्थानीय प्रशासन की तैयारी
स्थानीय प्रशासन ने संकट में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। ये नंबर नागरिकों को राहत और सहायता हासिल करने में मदद करेंगे। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों से बचें और सतर्क रहें।
निष्कर्ष
धराली गांव में हुई इस प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में मौसम की अस्थिरता कितनी घातक हो सकती है। स्थानीय प्रशासन और सरकार द्वारा उठाए गए कदम आवश्यक हैं, लेकिन समाज की संकल्पना और सहायता भी जरूरी है। हम सभी को इस हालात में एकजुट होकर प्रभावितों की मदद करनी चाहिए।
हमें आशा है कि इस भयानक स्थिति से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी और सभी लापता लोग जल्दी ही अपने परिवारों तक लौट सकेंगे। इस घटना से जुड़ी और अधिक जानकारी के लिए, हमारी वेबसाइट पर नियमित रूप से विजिट करें।
लेखक: सुमन गुप्ता, राधिका शर्मा, अनुष्का वर्मा
संपादित: टीम हक़ीक़तक्या है
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