मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक भाई के रूप में मातृशक्ति की सेवा में सीएम धामी
देहरादून: सीएम धामी ने कहा कि वे एक मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक भाई के रूप में माताओं-बहनों की सेवा में उपस्थित हैं। उन्होंने अपील की कि प्रदेश की किसी भी बहन-बेटी को कभी भी कोई परेशानी हो तो वो सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय में संपर्क करें, मुख्यमंत्री का प्रयास रहेगा कि वे स्वयं […]

मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक भाई के रूप में मातृशक्ति की सेवा में सीएम धामी
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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि वे एक मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक भाई के रूप में माताओं-बहनों की सेवा में हमेशा तत्पर हैं। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की महिलाओं को आश्वास्त किया कि यदि उन्हें कभी भी कोई परेशानी हो तो वे सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क करें। उनका प्रयास रहेगा कि वे माताओं और बहनों की समस्याओं का समाधान स्वयं करें।
योजनाओं की नई पहल
सीएम धामी ने घोषणा की कि जल्द ही "जल सखी योजना" का संचालन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं की आजीविका को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, ग्रामीण इलाकों में पेयजल आपूर्ति का कार्य महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा जाएगा। इसके अलावा, नए कनेक्शन, बिल वितरण, एवं योजनाओं का रखरखाव भी महिला समूहों के हाथ में होगा। ये केवल योजनाएं नहीं हैं, बल्कि माताओं के प्रति उनकी जिम्मेदारी और ब्रदरहुड का संकेत हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने रक्षाबंधन समारोह में 2025 में भाग लेते हुए कहा कि उनकी मातृ शक्ति के द्वारा मिले प्रेम और आशीर्वाद से उन्हें सेवा का उत्साह मिलता है। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारे सामाजिक कर्तव्यों की याद दिलाने वाला है, जो बहनों के प्रति हमारे कर्तव्यों को भी दर्शाता है।
महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। धामी ने विभिन्न योजनाओं जैसे "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ", "सुकन्या समृद्धि योजना" और "उज्ज्वला योजना" का जिक्र करते हुए बताया कि ये सभी योजनाएं महिलाओं के आजीविका स्तर को ऊँचा उठाने के लिए बनाई गई हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30% का आरक्षण दिया है, ताकि उनकी भागीदारी बढ़ सके। इसके साथ ही, स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। उनकी मेहनत और उद्यमिता ने उन्हें लखपति दीदी योजना में सफलता दिलाई है, जिसमें 1.63 लाख महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।
महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों का वैश्विक परिचय
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की महिलाओं द्वारा उत्पादित सामान अब "हाउस ऑफ हिमालयाज" ब्रांड के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंच रहे हैं। उनको विभिन्न योजनाओं के तहत करोड़ों रूपए का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना से 30,000 महिलाओं ने 5 करोड़ रुपए से अधिक का व्यवसाय किया है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह दृष्टिकोण स्पष्ट करता है कि कैसे वह मातृ शक्ति के उत्थान एवं सशक्तिकरण के प्रति संकल्पित हैं। उनका यह संदेश न केवल महिलाओं के लिए बल्कि समूचे समाज के लिए प्रासंगिक है। यह सरकार की नीतियों का एक उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
सीएम धामी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके द्वारा किए जा रहे कार्य केवल योजनाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि भाईचारे और प्रेम का प्रतीक हैं। एक भाई के रूप में, वह हर मां और बहन की सेवा में हमेशा तत्पर रहेंगे, यह संदेश निश्चित रूप से समाज में एक नई ऊर्जा और उत्साह फेलेगा।
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