उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: आरक्षण चक्र लागू, 12 जिलों के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष पद आरक्षित
देहरादून : राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) के लिए The post उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: आरक्षण चक्र लागू, 12 जिलों के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष पद आरक्षित first appeared on radhaswaminews.

उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025: आरक्षण चक्र लागू, 12 जिलों के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष पद आरक्षित
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - haqiqatkyahai
देहरादून: राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर आरक्षण चक्र को अंतिम रूप दे दिया है। पंचायतीराज अनुभाग-1 द्वारा जारी शासनादेश (संख्या: 1088/XII(1)/2025/86(22)/2019 दिनांक 01 अगस्त 2025) के अनुसार, राज्य के 12 जिलों में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। यह निर्णय राज्य में लोकतंत्र को मजबूती देने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
आरक्षण का उद्देश्य
इस फैसले के तहत महिलाओं, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग (अनारक्षित) के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष पदों का आरक्षण चक्र पहले बार लागू किया गया है। यह आरक्षण सुनिश्चित करता है कि समाज के विभिन्न वर्गों को राजनीतिक हिस्सेदारी मिले और उनके मुद्दों को सही स्थान पर रखा जा सके।
आरक्षण निर्धारण के आधार
उत्तराखंड पंचायतीराज (संशोधन) अधिनियम, 2025 और पंचायतों के आरक्षण एवं आवेदन नियमावली 2025 के तहत यह आरक्षण तय किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश (दिनांक 10.05.2022) और हाईकोर्ट के निर्णय (दिनांक 11.06.2025) को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह आदेश पारित किया। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य सभी वर्गों को सशक्त बनाना है, ताकि प्रत्येक समाज का प्रतिनिधित्व हो सके।
आरक्षण सूची – जिला पंचायत अध्यक्ष पद (2025)
- 1. अल्मोड़ा – महिला
- 2. बागेश्वर – अनुसूचित जाति
- 3. चंपावत – अनारक्षित
- 4. चमोली – अनारक्षित
- 5. देहरादून – महिला
- 6. नैनीताल – अनारक्षित
- 7. पौड़ी गढ़वाल – महिला
- 8. पिथौरागढ़ – अनुसूचित जाति
- 9. रुद्रप्रयाग – महिला
- 10. टिहरी गढ़वाल – महिला
- 11. उधमसिंह नगर – पिछड़ा वर्ग
- 12. उत्तरकाशी – अनारक्षित
आपत्तियां और सुझाव
शासन ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति इस प्रस्ताव पर आपत्ति या सुझाव देना चाहता है, तो वह 15 दिन के भीतर लिखित में अपना पक्ष पंचायतीराज विभाग, सचिवालय परिसर, 04-सुभाष मार्ग, देहरादून में प्रस्तुत कर सकता है। यह प्रक्रिया लोगों को अपने विचार व्यक्त करने का अवसर देती है, जिससे कि जनादेश की प्रक्रिया और स्पष्ट एवं पारदर्शी हो सके।
समापन टिप्पणी
यह नया आरक्षण चक्र केवल एक कानूनी प्रावधान नहीं है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रयास है। स्थानीय निकायों में विशेष शर्तों के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व के लिए न्यायालय के दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है। उम्मीद है कि इससे समाज के सभी वर्गों को न्याय और समानता का अनुभव होगा।
आगे के अपडेट के लिए, विजिट करें: haqiqatkyahai.com
Keywords:
Uttarakhand Panchayat Elections 2025, reservation cycle, district panchayat president posts, reservations for women, SC, OBC representation, democratic strength in local bodies, grassroots empowerment, political representation in Uttarakhand.What's Your Reaction?






