पीपीपी मोड पर संचालित शहरी अस्पतालों पर जिला प्रशासन का शिकंजा: 12 केंद्रों पर छापे, 5 लाख का प्रारंभिक जुर्माना, टर्मिनेशन की सिफारिश

देहरादून। देहरादून में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर चल रहे 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य The post पीपीपी मोड पर संचालित शहरी अस्पतालों पर जिला प्रशासन का शिकंजा: 12 केंद्रों पर छापे, 5 लाख का प्रारंभिक जुर्माना, टर्मिनेशन की सिफारिश first appeared on radhaswaminews.

Jul 31, 2025 - 00:39
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पीपीपी मोड पर संचालित शहरी अस्पतालों पर जिला प्रशासन का शिकंजा: 12 केंद्रों पर छापे, 5 लाख का प्रारंभिक जुर्माना, टर्मिनेशन की सिफारिश
पीपीपी मोड पर संचालित शहरी अस्पतालों पर जिला प्रशासन का शिकंजा: 12 केंद्रों पर छापे, 5 लाख का प्रारंभिक जुर्माना, टर्मिनेशन की सिफारिश

पीपीपी मोड पर संचालित शहरी अस्पतालों पर जिला प्रशासन का शिकंजा: 12 केंद्रों पर छापे, 5 लाख का प्रारंभिक जुर्माना, टर्मिनेशन की सिफारिश

देहरादून। देहरादून में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर चल रहे 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में व्यापक अव्यवस्थाओं और अनियमितताओं को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में चार प्रशासनिक टीमों ने तड़के ही इन केंद्रों पर सुनियोजित छापे मारे, जिसमें डॉक्टरों की अनुपस्थिति, कर्मचारियों की ‘भूतिया एंट्री’, दवाओं की कमी और खराब स्वच्छता जैसी गंभीर खामियां सामने आईं।

औचक निरीक्षण में सामने आईं चौंकाने वाली अनियमितताएं

जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर आज सुबह 9 बजे से ही जिलाधिकारी सहित मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, एसडीएम हरी गिरी, और एसडीएम अपूर्वा सिंह ने अलग-अलग स्थानों पर इन पीपीपी केंद्रों का औचक निरीक्षण शुरू किया। इस अचानक हुई छापेमारी से शहरी पीएचसी में हड़कंप मच गया।

निरीक्षण के दौरान कई चौंकाने वाली अनियमितताएं सामने आईं:

  • डॉक्टर नदारद: अधिकांश केंद्रों पर चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए।
  • ‘भूतिया’ उपस्थिति: एएनएम, लैब टेक्नीशियन, और नर्सों की उपस्थिति रजिस्टर में ऐसी प्रविष्टियां मिलीं जो वास्तविक नहीं थीं।
  • दवाओं की कमी: केंद्रों पर आवश्यक दवाएं आधी या उससे भी कम मात्रा में उपलब्ध थीं।
  • खराब स्वच्छता और सुरक्षा: सफाई और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से अव्यवस्थित मिली।
  • अनुपस्थित जनरेटर सेट: बच्चों और महिलाओं के टीकाकरण के लिए आवश्यक जनरेटर सेट अनुपस्थित पाए गए।
  • अधूरी सुविधाएं: मरीजों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं थी और कई केंद्र ‘काल कोठरी’ जैसी स्थिति में थे।

अक्षांश/चित्रांश जेवीके प्रा. लि. पर कार्रवाई

इन गंभीर अनियमितताओं के मद्देनजर, जिलाधिकारी ने अक्षांश/चित्रांश जेवीके प्रा. लि. पर 5 लाख रुपये का प्रारंभिक अर्थदंड लगाया है। साथ ही, फर्म के अनुबंध को समाप्त करने की सिफारिश मुख्य सचिव को भेजी गई है। एमओयू की समीक्षा की जा रही है, और इस पर भारी भरकम अर्थदंड की कार्रवाई संभव है।

अलग-अलग केंद्रों का निरीक्षण और खामियां

जिलाधिकारी सविन बंसल: उन्होंने अर्बन पीएचसी जाखन और गांधीग्राम का निरीक्षण किया। इन केंद्रों पर मानक के अनुरूप स्टाफ, चिकित्सक और नर्स की कमी पाई गई। इसके अलावा, पर्याप्त दवा, सफाई, उपकरण, मरीजों और तीमारदारों के लिए बैठने की व्यवस्था, पेयजल आदि की भी कमी थी।

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह: सीडीओ ने चूना भट्टा, अधोईवाला और कारगी में पीपीपी पर संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। अधोईवाला पीएचसी पर चिकित्सक और अन्य स्टाफ अनुपस्थित मिले।

शिकायतों के बाद हुई कार्रवाई

जिलाधिकारी को जनमानस और विभिन्न माध्यमों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि पीपीपी मोड पर संचालित अस्पतालों में अनुबंध के अनुसार स्टाफ और दवा वितरण में खामियां हैं। इन शिकायतों के आधार पर यह बड़ी कार्रवाई की गई है।

इस कार्रवाई से पीपीपी मोड पर चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हड़कंप मच गया है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि एमओयू मानकों का पालन न करने वाली फर्मों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

समाप्ति में, यह कार्रवाई न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रशासन नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति कितनी गंभीर है।

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Written by: Riya Sharma, Anjali Gupta, Sneha Choudhary

Signed off by: Team haqiqatkyahai

Keywords:

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