उत्तराखंड : जंगल नहीं गए, तो गुलदार खुद घर चला आया! कमरे में घुसकर महिला पर हमला
रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। The post उत्तराखंड : जंगल नहीं गए, तो गुलदार खुद घर चला आया! कमरे में घुसकर महिला पर हमला first appeared on radhaswaminews.

उत्तराखंड : जंगल नहीं गए, तो गुलदार खुद घर चला आया! कमरे में घुसकर महिला पर हमला
रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला अगस्त्यमुनि नगर पंचायत के वार्ड नंबर छह नाकोट का है, जहां मंगलवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे एक गुलदार ने घर में घुसकर 37 वर्षीय कुशला देवी पर जानलेवा हमला कर दिया। महिला गंभीर रूप से घायल है और चेहरे पर सात टांके आए हैं।
घटनास्थल की पूरी जानकारी
घटना के समय कुशला देवी अपने पति नत्थी लाल और बच्चों के साथ घर में सो रही थीं। उनके साथ पुत्र आशू, अंकित, और मायके से आई बेटी ज्योति तथा उसका दूधमुंहा बेटा आयुष्मान भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि गुलदार दरवाजे को धकेल कर घर में घुसा और सीधे कुशला देवी पर झपट पड़ा। अचानक हुए हमले से पूरे घर में अफरा-तफरी मच गई।
विज्ञान और तकनीक का उपयोग
पति नत्थी लाल ने बहादुरी दिखाते हुए गुलदार से पत्नी को छुड़ाया, जिसके बाद परिवार ने शोर मचाकर गुलदार को भागने पर मजबूर किया। घायल कुशला देवी को तुरंत अगस्त्यमुनि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। चिकित्सक डॉ. शिवांश के अनुसार, महिला के माथे, गाल और कंधे पर गहरे जख्म हैं और उन्हें सात टांके लगाए गए हैं। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें निगरानी में रखा गया है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
नत्थी लाल, जो पेशे से मजदूर हैं, ने बताया, “आज मेरा परिवार बाल-बाल बच गया। यह खौफ अब जीवन भर नहीं जाएगा।” उन्होंने वन विभाग से इलाके में पिंजरा लगाने और नगर पंचायत से सोलर लाइट लगाने की मांग की है, ताकि इस तरह की घटनाएं दोहराई न जाएं।
पिछले हमलों की श्रृंखला
पिछले एक महीने में अगस्त्यमुनि क्षेत्र में गुलदार के हमलों की यह चौथी घटना है। कुछ दिन पहले सिल्लाबामण गांव के बाराकोट तोक में एक महिला पर हमला हुआ था। इससे पूर्व किरोड़ा गांव में एक स्कूली छात्रा, और फिर गंगतल में एक महिला गुलदार की चपेट में आ चुकी है।
चमराड़ा गांव के ग्रामीणों ने भी गुलदार की लगातार आवाजाही की शिकायत की है। हालांकि अब तक किसी की जान नहीं गई है, लेकिन इलाके में भय का माहौल गहरा गया है। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और गश्त तेज कर दी गई है। स्थानीय लोगों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने और गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में इस प्रकार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में खौफ का माहौल है। मनुष्य और वन्यजीवों के बीच संघर्ष या तो जैव विविधता की रक्षा के लिए जरूरी है या इसे सीमित करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए। स्थानीय प्रशासन को इस गंभीर समस्या का समाधान निकालना होगा ताकि भविष्य में ऐसे हमले ना हों।
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