एक महिला डॉक्टर ने ऐसा क्या जुर्म किया कि उसे भरने पड़े 19 करोड़ रुपये?

महानाद डेस्क : एक महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 19 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूलने का मामला सामने आया है। सोचने वाली बात यह है कि महिला डॉक्टर ने ऐसा क्या जुर्म कर दिया था जिसके बदले उन्होंने अपने 19 करोड़ रुपये रिश्वत में दे दिये। यदि कोई 3 महीने में अपने 19 […]

Jul 30, 2025 - 00:39
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एक महिला डॉक्टर ने ऐसा क्या जुर्म किया कि उसे भरने पड़े 19 करोड़ रुपये?
एक महिला डॉक्टर ने ऐसा क्या जुर्म किया कि उसे भरने पड़े 19 करोड़ रुपये?

एक महिला डॉक्टर ने ऐसा क्या जुर्म किया कि उसे भरने पड़े 19 करोड़ रुपये?

महानाद डेस्क: एक महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 19 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूलने का मामला सामने आया है। सोचने वाली बात यह है कि महिला डॉक्टर ने ऐसा क्या जुर्म कर दिया था जिसके बदले उन्होंने अपने 19 करोड़ रुपये रिश्वत में दे दिये। यदि कोई 3 महीने में अपने 19 करोड़ रुपये रिश्वत में दे दे तो आप भी यह सोचेंगे कि जरूर उसने कोई इतना बड़ा कांड किया होगा कि जिसे छिपाने के लिए वह 19 करोड़ रुपये दे रहा है।

गुजरात में घटी यह अनोखी घटना

जी हां यह मामला गांधीनगर, गुजरात का है जहां साइबर ठगों ने एक वरिष्ठ महिला डॉक्टर को 3 महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखकर उनसे 19 करोड़ रुपये ठग लिए। ठगों ने महिला को लगातार डराकर 35 अलग-अलग बैंक खातों में यह रकम ट्रांसफर करवाई। अब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सूरत से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, आरोपी के खाते में 1 करोड़ रुपये जमा हैं।

साइबर ठगों की चालबाजी

बता दें कि साइबर ठगों ने 15 मार्च को महिला डॉक्टर को फोन किया और खुद को साइबर पुलिस, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और अन्य सरकारी अधिकारी बताकर उनसे कहा कि उनके फोन से आपत्तिजनक कंटेंट भेजा जा रहा है और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हो गया है। ठगों ने उन्हें इतना डरा दिया कि उन्होंने अपनी सारी संपत्ति, बैंक डिटेल्स और ज्वैलरी पर लोन लेकर इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी। वह घर से बाहर जाती थी तो वीडियो कॉल से अपनी हर गतिविधि साइबर ठगों को रिपोर्ट करती थीं। आखिरकार जब सब कुछ लुट गया तो उन्होंने 16 जुलाई को साइबर सेल सीआईडी क्राइम ब्रांच में मुकदमा दर्ज करवाया। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जिस खाते में सबसे ज्यादा रकम ट्रांसफर हुई थी, उसके मालिक को सूरत से गिरफ्तार कर लिया।

क्यों बनी वह ठगी का शिकार?

यहां यह सोचने का विषय है कि जब आपने अपने आप कोई गलत काम नहीं किया तो किसी के कहने भर से क्यों आप अपने को अपराधी मान रहे हैं और फिर 10-20 हजार की बात अलग है लेकिन क्यों आप रिश्वत के तौर पर 19 करोड़ रुपये दे रहे हो। किसी भी केस में फंसने पर सबसे पहले आदमी अपने लोगों से उस मामले में बात करता है। वकील के पास जाता है। लेकिन इस डिजिटल अरेस्ट के मामले में बस आदमी इतना फंस जाता है कि पैसे पर पैसे लुटाता चला जाता है। अपनों से दूर हो जाता है और बिना किये अपराध को इतना बड़ा मान लेता है कि रिश्वत के तौर पर पैसे पर पैसे दिये चला जाता है।

सावधान रहने की जरूरत

संभल जाइये, और किसी के ठगी के जाल में मत फंसिये। यदि आप बेकसूर हैं तो आपको फांसी नहीं होने वाली। कम से कम किसी को पैसे देने से पहले अपनों से इस बात पर चर्चा कीजिए। पुलिस से डर लग रहा है तो वकील से राय लीजिए। लेकिन अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को इस तरह बेगानों के नाम न कीजिए।

– खुद को सरकारी अधिकारी बताने वाले किसी भी अनजान कॉल पर विश्वास न करें।
– डराने या धमकाने वाले कॉल आते ही तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।
– कोई भी बैंकिंग या पर्सनल जानकारी साझा न करें।

निष्कर्ष

किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ठोस जानकारी और समझ आवश्यक हो जाती है। साइबर ठकों के जाल से बचने के लिए जागरूक रहना और जानकारी प्राप्त करना हमारी जिम्मेदारी बनती है। यह घटना केवल एक महिला डॉक्टर की नहीं, बल्कि सभी के लिए एक चेतावनी है कि हमें सतर्क रहना चाहिए और किसी भी अनजान कॉल पर बिना सोचे-समझे कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।

– टीम haqiqatkyahai

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