उत्तराखंड में कुदरत का कहर : धराली में बादल फटने से भारी तबाही, 70 लोग लापत, गंगोत्री हाईवे ध्वस्त
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उत्तराखंड में कुदरत का कहर : धराली में बादल फटने से भारी तबाही, 70 लोग लापत, गंगोत्री हाईवे ध्वस्त
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उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम का प्रमुख पड़ाव धराली मंगलवार को बादल फटने से आए सैलाब के कारण पूरी तरह तबाह हो गया। खीरगंगा नदी में आए अचानक सैलाब की चपेट में आकर 15 से 20 होटल और घरों में भारी नुकसान हुआ। इस प्राकृतिक आपदा में चार लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, और 70 लोग अब भी लापता हैं। यह घटना 2013 की केदारनाथ आपदा की भयावह यादें ताजा कर देती है।
राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी
आपदा की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), सेना, पुलिस, और अन्य टीमों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। हालांकि, निचले हर्षिल क्षेत्र के एक शिविर से भारतीय सेना के 8-10 जवानों के लापता होने की खबर है, जबकि दो को सुरक्षित बचा लिया गया है। इस मुश्किल घड़ी में भारत की सेना के जवान राहत कार्यों में दिन-रात जुटे हुए हैं। भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) द्वारा 80 स्थानीय लोगों को सुरक्षित पहुंचाने का कार्य किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री ने लिया हालात का जायजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से बात की और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री धामी से फोन पर वार्ता कर घटना की जानकारी प्राप्त की। गृह मंत्रालय ने इस विषय में बताया कि आईटीबीपी की तीन और NDRF की चार टीमें मौके पर राहत कार्य के लिए भेजी गई हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
गंगोत्री हाईवे ध्वस्त, बिजली-पेयजल ठप
इस आपदा ने स्थानीय यातायात और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। गंगोत्री हाईवे का भटवाड़ी के पास डेढ़ सौ मीटर लंबा हिस्सा पूरी तरह से धंस गया है, जिससे जिला मुख्यालय से उपला टकनौर और हर्षिल का सड़क संपर्क कटा हुआ है। राहत दलों और सामग्री को धराली भेजने में भी बाधा आई है। इसके अलावा, धराली क्षेत्र में बिजली और पेयजल आपूर्ति भी पूरी तरह ठप हो गई है। मौसम का साफ होना राहत कार्यों की प्रगति के लिए अनिवार्य है।
यात्रा पर पड़ा असर, स्कूल बंद
यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। इसके अतिरिक्त, चमोली, नैनीताल, चम्पावत, पौड़ी और उधमसिंह नगर समेत कई जिलों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को आज के लिए बंद कर दिया गया है। उत्तरकाशी से देहरादून तक स्वास्थ्य सेवाओं को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।
दो और स्थानों पर बादल फटने की खबर
धराली की घटना के कुछ घंटों बाद ही जिले में दो और स्थानों पर बादल फटने की जानकारी मिली है। दोपहर करीब तीन बजे हर्षिल और गंगनानी के बीच सुक्की टाप के पास बादल फटने से स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई है। राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए वायुसेना से सहायता मांगने का निर्णय लिया है।
निष्कर्ष
धराली में आई इस त्रासदी ने न केवल मानव जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि स्थानीय बुनियादी ढांचे को भी गंभीर रूप से क्षति पहुंचाई है। स्थानीय प्रशासन हैरान कर देने वाली इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह सजग है। हम सभी के लिए यह वक्त है कि हम सरकारी सहायता के साथ-साथ एक-दूसरे का सहयोग करें। मौसम की स्थिति में सुधार के साथ ही राहत और बचाव कार्य तेज किए जाएंगे। यह एक कठिन समय है, और हमें उम्मीद है कि सभी लापता व्यक्तियों को बचाया जाएगा।
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