दुखद और अफसोसजनक...भारत ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर हमले की कड़ी निंदा की
भारत ने गुरुवार को बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ढाका स्थित आवास में तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की। यह घटना 5 फरवरी को हुई, जब हजारों प्रदर्शनकारियों ने प्रतिष्ठित घर में आग लगा दी, जिससे बड़े पैमाने पर क्षति हुई। भारत में विदेश मंत्रालय (एमईए) ने निवास के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की। भारत ने अपराधियों को जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक बयान में कहा कि यह दुखद है कि कब्जे और उत्पीड़न की ताकतों के खिलाफ बांग्लादेश के लोगों के वीरतापूर्ण प्रतिरोध के प्रतीक शेख मुजीबुर रहमान का यह ऐतिहासिक निवास 5 फरवरी 2025 को जला दिया गया।इसे भी पढ़ें: Border क्रॉस कर भारत में घुस आए बांग्लादेशी, BSF जवानों पर लाठी-डंडों से कर दिया अटैक, हथियार छीनने की कोशिशविदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश की राष्ट्रीय पहचान को आकार देने में शेख मुजीबुर रहमान के निवास की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। बयान में कहा गया है कि जो लोग बांग्ला पहचान और गौरव को पोषित करने वाले स्वतंत्रता संग्राम को महत्व देते हैं, वे बांग्लादेश की राष्ट्रीय चेतना के लिए इस निवास के महत्व से अवगत हैं। बर्बरता के इस कृत्य की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अपदस्थ प्रधान मंत्री शेख हसीना के लाइव ऑनलाइन संबोधन के बाद हिंसक प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना की अवामी लीग के नेताओं के घरों को भी ध्वस्त कर दिया और मुजीबुर रहमान की भित्तिचित्रों को विरूपित कर दिया। बुधवार को कई हजार लोगों ने राजधानी के धानमंडी इलाके में स्थित हसीना के पिता मुजीबुर रहमान के घर के सामने रैली की, जिसे पहले एक स्मारक संग्रहालय में बदल दिया गया था। यह रैली सोशल मीडिया पर बुलडोजर जुलूस के आह्वान के बाद हुई, क्योंकि हसीना को अपना संबोधन देना था। इसे भी पढ़ें: Bangladesh Violence: यूनुस सरकार पर फूटा शेख हसीना का गुस्सा, घर पर हमले के बाद हुई आगबबूलाबांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भी देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा अस्थिरता भड़काने के उद्देश्य से सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर लगातार की जा रही "झूठी और मनगढ़ंत" टिप्पणियों और बयानों पर भारत सरकार के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया। ढाका में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सौंपे गए एक विरोध नोट के माध्यम से बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसने बांग्लादेश सरकार की गहरी चिंता, निराशा और गंभीर आपत्ति व्यक्त की है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी ऐसी गतिविधियों को बांग्लादेश के प्रति शत्रुतापूर्ण कृत्य माना जाता है और यह दोनों देशों के बीच स्वस्थ संबंध स्थापित करने के प्रयासों के लिए अनुकूल नहीं है।

दुखद और अफसोसजनक...भारत ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर हमले की कड़ी निंदा की
Haqiqat Kya Hai - भारत ने बांग्लादेश के संस्थापक, नेता शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। यह घटना न केवल बांग्लादेश के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए एक दुखद क्षण है। देश की सुरक्षा और लोकतंत्र को खतरे में डालने वाले इस हमले ने पूरे क्षेत्र में चिंता पैदा कर दी है। इस लेख में हम इस घटना के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
हमले की जानकारी
हाल ही में, ढाका में स्थित शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर कुछ अनजान व्यक्तियों द्वारा हमला किया गया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, हमलावरों ने रात के समय घुसपैठ की और महत्वपूर्ण संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है, जिससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल उत्पन्न हो गया है।
भारत का प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "हम इस प्रकार की हिंसा और आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं।" बयान में यह भी कहा गया कि भारत हमेशा बांग्लादेश की संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति दृढ़ संकल्पित है। यह महत्वपूर्ण है कि भारत और बांग्लादेश एकजुट होकर इस तरह की घटनाओं के खिलाफ खड़े रहें।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस हमले पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी चिंता व्यक्त की है। कई देशों ने बांग्लादेश सरकार को समर्थन देने का आश्वासन दिया है। यूएन के महासचिव ने इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया है। यह हमलें क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा बना सकते हैं।
निष्कर्ष
भारत का बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास पर हुए हमले की निंदा करना इस बात का संकेत है कि भारत बांग्लादेश की सुरक्षा के प्रति कितनी सजग है। इस तरह की घटनाएँ न केवल बांग्लादेश की सुरक्षा को चुनौती देती हैं, बल्कि पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता पर भी असर डालती हैं। सभी राष्ट्रों को एक साथ मिलकर ऐसे कृत्यों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
हम सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे हमले हमारी साझा मानवता के खिलाफ हैं और हमें एकजुट होकर इनके खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए। इसके साथ ही, बांग्लादेश के नागरिकों को इस संकट के समय में सहयोग और समर्थन देना अत्यंत आवश्यक है।
लेखिका: सुष्मिता शर्मा, टीम नीतानगरि
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