पश्चिमी देशों को भारत ही इन समझौतों की अहमियत समझा रहा, जयशंकर ने FTA को लेकर क्या कहा
कार्नेगी ग्लोवल टेक्नॉलजी समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ व्यापार समझौते पर तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि अगर इस साल के अंत तक इन समझौतों में प्रगति होती है, तो यह भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करेगा। उन्होंने माना कि अमेरिका के बदले दृष्टिकोण के कारण ये वार्ताएं चुनौतीपूर्ण हैं, खासकर तकनीक के क्षेत्र में। जयशंकर ने कहा कि अब भारत ही पश्चिमी देशों को इन समझौतों की अहमियत समझा रहा है और अमेरिका की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है। इसे भी पढ़ें: 'हम बंदूक की नोंक पर बात नहीं करते', अरेरिका से ट्रेड टॉक के बीच ऐसा क्यों बोले पीयूष गोयलजयशंकर ने मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में यूरोपीय संघ के साथ भारत की बातचीत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, यदि आप यूरोपीय संघ को देखें, तो अक्सर लोग कहते हैं कि हम 23 साल से इस समझौते पर बात कर रहे हैं। यह पूरी तरह सच नहीं है, क्योंकि लंबे समय तक इस बारे में कोई किसी से बात भी नहीं कर रहा था। लेकिन वे बहुत लंबी प्रक्रियाएं रही हैं। जयशंकर ने कहा कि इस बार, हम निश्चित रूप से काफी तत्पर हैं। मेरा मतलब है, हमें यहां अवसर दिख रहा है। हमारी व्यापार वार्ता से जुड़ी टीम वास्तव में उत्साहित है, वे जो हासिल करना चाहते हैं, उसको लेकर काफी महत्वकांक्षी हैं।इसे भी पढ़ें: अमेरिका-यूरोप-चीन को ट्रेड वॉर के बीच जयशंकर ने दिखाया आईना, जानें क्या कहाविदेश मंत्री ने कहा कि हम प्रत्येक मामले में इसे गति देने का प्रयास कर रहे हैं। पहले हमारे बारे में यह शिकायत की जाती थी कि हम ही इसे धीमा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में आज स्थिति अलग है। हम तीनों पक्षों (अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन) को इन समझौतों की तात्कालिकता से अवगत कराने की कोशिश कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि मेरी समझ में शायद अन्य पक्षों की प्रतिक्रिया भी यही है। कम-से-कम अमेरिका ने अब तक जो भी कदम उठाए हैं, उससे लगता है कि उसने उस पर प्रतिक्रिया देने में काफी तेजी दिखाई है।

पश्चिमी देशों को भारत ही इन समझौतों की अहमियत समझा रहा, जयशंकर ने FTA को लेकर क्या कहा
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: सुमिता शर्मा, टीम नेटानगरि
परिचय
भारत ने अपनी आर्थिक नीति और अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसके चलते वह वैश्विक मंच पर अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। हाल ही में, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) के महत्व के बारे में स्पष्ट रूप से बताया है। आज हम जानेंगे कि जयशंकर ने क्या कहा और पश्चिमी देशों के साथ भारत के इन समझौतों की अहमियत क्या है।
जयशंकर का वक्तव्य
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मुक्त व्यापार समझौतों का उद्देश्य सिर्फ व्यापारिक लाभों को बढ़ाना नहीं है, बल्कि यह वैश्विक आर्थिक तंत्र में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता को भी बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि 'भारत आज अपनी ताकत के साथ वैश्विक समुदाय में प्रवेश कर रहा है और हम चाहते हैं कि अन्य देश भी हमारे दृष्टिकोण को समझें।'
FTA का महत्व
FTA यानि मुफ्त व्यापार समझौतों का उद्देश्य देशों के बीच व्यापारिक प्रतिबंधों को खत्म करना होता है। जयशंकर ने बताया कि भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत और इसके विशाल बाजार के कारण, पश्चिमी देशों को अब भारत के साथ व्यापार को लेकर गंभीरता से सोचना होगा। भारत का यह दृष्टिकोण न केवल व्यापार को सरल बनाता है, बल्कि देशों के बीच मतभेदों को भी कम करता है।
भारत की वैश्विक व्यापार धारणा
भारत ने विभिन्न देशों के साथ FTAs पर काम कर रहा है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के देश शामिल हैं। जयशंकर ने कहा, 'यदि हम अपनी घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहते हैं, तो हमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है।' इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत आने वाले समय में वैश्विक व्यापार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को तैयार है।
पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया
पश्चिमी देशों ने भारत के इस दृष्टिकोण का स्वागत किया है, और कई देशों की सरकारें अब भारत के साथ अपने व्यापार संबंधों को मज़बूत करने के लिए प्रयासरत हैं। जयशंकर के अनुसार, 'हमारी यह पहचान केवल एक उपभोक्ता के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रदाता और भागीदार के रूप में भी होनी चाहिए।'
निष्कर्ष
जयशंकर का यह बयान न केवल भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह वैश्विक समुदाय के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने की दिशा में भी एक संकेत है। भारत अब अपने व्यापारिक दृष्टिकोण से पश्चिमी देशों को हकीकत की गंभीरता समझाने में लगा हुआ है।
इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि भारत की आर्थिक नीति और वैश्विक व्यापार में उसकी भूमिका निरंतर बढ़ रही है। आने वाले समय में भारत की मुहिम और भी महत्वपूर्ण साबित होगी। अधिक जानकारी के लिए, विजिट करें haqiqatkyahai.com.
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