अपने शांत स्वभाव और दृढ़ प्रशासनिक शैली के लिए जाने जाते थे विजय रूपाणी
अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना में जान गवाने वाले गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी अपने शांत स्वभाग और दृढ़ प्रशासनिक शैली के लिए जाने जाते थे। विजय रूपाणी अगस्त 2016 से सितंबर 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने गुजरात को कोरोना से उभारने में राज्य का नेतृत्व करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपने कॉलेज के दिनों में रूपाणी एक छात्र नेता थे जिन्होंने कई आंदोलनों का नेतृत्व किया और उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में काम किया। रूपाणी ने 1975 में आपातकाल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए भावनगर जेल में एक वर्ष के कारावास की सजा काटी थी। राजकोट नगर निगम में पार्षद चुने जाने के साथ ही 1987 में उन्होंने जन सेवा में प्रवेश किया और बाद में वह महापौर बने। वह 2006 से 2012 के बीच राज्यसभा के सदस्य भी रहे। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में राज्य औद्योगिक नीति 2020 की शुरूआत और आदिवासी उत्थान के लिए पहल देखी गई। रूपाणी ने सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी इस पहल से राज्य चुनावों से पहले ही भूपेंद्र पटेल के लिए मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।इसे भी पढ़ें: Sunil Dutt Birth Anniversary: कभी बस कंटक्टर का काम करते थे सुनील दत्त, फिर ऐसे बने एक्टिंग की दुनिया के बादशाहगुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के लिए 1206 जिंदगी भर लकी नंबर की तरह रहा। लेकिन 12 तारीख और छठे महीने को उनकी दर्दनाक मौत के चलते यह नंबर उनके लिए दुर्भाग्य का प्रतीक बन गया। हम आपको बता दें कि विजय रूपाणी 1206 नंबर के प्रति गहरी आस्था रखते थे। उनके सभी वाहनों– स्कूटर से लेकर कार तक की नंबर प्लेट पर 1206 अंक होता था। उनके मित्र कहते हैं कि यह हमेशा उनका लकी चार्म रहा है। लेकिन किस्मत ने उनके साथ इसी नंबर के जरिये क्रूर खेल खेल दिया। 12 जून, यानी 12/06 को उनकी जीवन यात्रा समाप्त हो गई।विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त, 1956 को म्यांमार (तब रंगून) में एक जैन परिवार में हुआ था। वह सात भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनका परिवार म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता के चलते 1960 में राजकोट आ गया था। विजय रूपाणी राज्यसभा के सदस्य, गुजरात विधानसभा के सदस्य और राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रहे थे।

अपने शांत स्वभाव और दृढ़ प्रशासनिक शैली के लिए जाने जाते थे विजय रूपाणी
अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना में जान गवाने वाले गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी अपने शांत स्वभाव और दृढ़ प्रशासनिक शैली के लिए जाने जाते थे। विजय रूपाणी अगस्त 2016 से सितंबर 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहें और उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान राज्य की सहायता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राजनीतिक यात्रा और नेतृत्व
विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त, 1956 को म्यांमार (तब रंगून) में एक जैन परिवार में हुआ था। उनके परिवार को 1960 में म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता के कारण राजकोट आना पड़ा। रूपाणी ने छात्र जीवन के दौरान ही सक्रिय राजनीति में कदम रखा, जहाँ उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में काम किया। 1975 में आपातकाल के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान उन्हें भावनगर जेल में एक वर्ष की सजा भी काटनी पड़ी।
1987 में, वह राजकोट नगर निगम के पार्षद बने और बाद में महापौर के रूप में अपनी कार्यशैली से सभी का ध्यान आकर्षित किया। 2006 से 2012 के बीच वह राज्यसभा के सदस्य रहे और उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण नीतियों की शुरूआत हुई।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
परिस्थितियों ने उन्हें फिर से अपने नेतृत्व कौशल को साबित करने का अवसर दिया, जब वह 2016 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उनके कार्यकाल के दौरान राज्य ने औद्योगिक नीति 2020 की शुरूआत देखी, जिससे राज्य में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिला। उन्होंने आदिवासी उत्थान के लिए भी कई योजनाएँ लागू कीं।
विजय रूपाणी को अपने प्रशासनिक दक्षता और उचित निर्णय लेने की क्षमता के लिए जाना जाता है। उन्होंने राज्य को कोरोना महामारी के दौरान प्रभावी ढंग से संभाला, जहाँ उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और वक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए कई कदम उठाए। उनका नेतृत्व नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बनेगा।
दुर्भाग्यपूर्ण निधन
12 जून को उनके निधन ने पूरे देश को हिला दिया। उनके मित्रोंका कहना है कि उन्होंने हमेशा से '1206' नंबर को अपना लकी चार्म माना है, जो अब उनके लिए दु:खद तो बन गया है। इस दिन उनके जीवन का अंत हुआ, जो उनके लिए एक शोकपूर्ण और संवेदनशील समय बन गया।
रूपाणी के निधन ने न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश में एक सुनहरा युग समाप्त कर दिया, जिससे उनकी उपलब्धियाँ हमेशा याद की जाएँगी। वर्तमान पीढ़ी उन्हें उनके शांत स्वभाव और दृढ़ प्रशासनिक तरीके के लिए हमेशा याद रखेगी।
अंत में
विजय रूपाणी का जीवन हमें यह सिखाता है कि आत्मविश्वास, मेहनत, और सेवा का भाव किस तरह की नेतृत्व क्षमता का निर्माण करता है। उनकी योगदानों और सेवा को भारतीय राजनीति की फलक पर हमेशा एक उच्च स्थान मिलेगा। हम विजय रूपाणी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके कार्यों को कभी नहीं भूलेंगे।
बीते समय ने हमें दिखाया कि जब भी नेतृत्व का विषय आता है, विजय रूपाणी की तरह की शख्सियत को याद किया जाएगा। उनके विचार और कार्य आने वाले नेताओं के लिए एक पथप्रदर्शक बनते रहेंगे।
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