भारत में फैक्ट्री खोलने के लिए ट्रंप से भिड़ने वाले टिम कुक की कंपनी के साथ अमेरिकियों ने ये क्या किया, ऐसे बनेगा US ग्रेट अगेन?
अमेरिका से आई कुछ तस्वीरों को देखकर आपको बांग्लादेश की याद आ सकती है। जब 5 अगस्त 2024 को विद्रोह करती भीड़ बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के आवास में घुस गई थी। आपको जुलाई 2022 की श्रीलंका की वो तस्वीर भी याद आ सकती है जब प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास को लूट लिया था। हालांकि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर घूम रही तस्वीरें बांग्लादेश या फिर श्रीलंका की नहीं बल्कि अमेरिका के सबसे बडे़ शहर लांस एजिल्स की है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कई नकाबपोश लोग एप्पल स्टोर में घुसकर गैजेट लूटते हुए देखे जा सकते हैं। पुलिस के आते ही कई लोग स्टोर से भागते हुए दिखाई दिए। इसे भी पढ़ें: Trump से नहीं संभल रहा अमेरिका, हाथ से निकलते लांस एंजिल्स के लिए भारत करेगा मदद? लॉस एंजिल्स की मेयर कैरेन बास ने एक पोस्ट में लिखा और हिंसा की निंदा की है। उन्होंने लिखा कि मैं स्पष्ट कर दूं, डाउनटाउन में तोड़फोड़ करने वाले या दुकानों को लूटने वाले किसी भी व्यक्ति को हमारे अप्रवासी समुदायों की परवाह नहीं है। आपको जवाबदेह ठहराया जाएगा। 9 जून की रात लांस एजिल्स के डाउन टाउन में एक एप्पल स्टोर को लूट लिया गया। दुनिया के तमाम देशों के बीच शांति समझौते कराने का क्रेडिट लेने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार बार वी विल मेक अमेरिका ग्रेट अगेन का नारा देते हैं। लेकिन जब उनके ही देश से सड़कों पर उतरे लोग और जलती गाड़ियों को तस्वीरें सामने आई तो ये सवाल तो बनता है कि अमेरिका में हो क्या रहा है। इसे भी पढ़ें: Musk-Trump की फाइट के बाद अमेरिका में क्यों भड़क उठी हिंसा, लांस एंजलिस में 33 सालों बाद उतरी सेना, आखिर ऐसा क्या हुआ?कैसे हुई हंगामे की शुरुआत?अमेरिका की इमीग्रेशन एजेंसी यानी इमीग्रेशन एंड कस्टम इंफोर्समेंट यानी आईसीई ने लांस एजेंलिस पर कई जगहों पर रेड डाली। इस रेड में 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया जो कथित तौर पर अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। जैसे ही ये गिरफ्तारियां हुई लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने आईसीई के खिलाफ नारेबाजी की। कई लोगों ने मेक्सिको का झंडा लहराया और उनके चेहरे मास्क से ढके हुए थे। कुछ जगहों पर हिंसा भी देखने को मिली। पत्थरबाजी, बोतलें और आतिशबाजी तक फेंकी गई और यहां तक की कार को आग के हवाले भी कर दिया गया। जब दो दिन तक हालात काबू में नहीं आए तो ट्रंप ने व्हाइट हाउस से एक बयान जारी किया। लांस एजिल्स में 33 साल बाद उतरी सेनाअमेरिका के लॉस एंजिल्स शहर में अवैध प्रवासियों की धरपकड़ के लिए इमिग्रेशन (आईसीई) के छापों के खिलाफ दंगे के हालात बन गए हैं। कई जगह आगजनी, पथराव और नारेबाजी हुई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने लॉस एंजिल्स में सेना (नेशनल गार्ड्स) के दो हजार जवान उतारे हैं। बता दें कि इससे पहले 1992 के लॉस एंजिल्स दंगों से निपटने के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने सेना उतारी थी। Stay updated with Latest International News in Hindi on Prabhasakshi Apple store in downtown LA being looted tonight pic.twitter.com/3k5i7wKiSG— Brendan Gutenschwager (@BGOnTheScene) June 10, 2025

भारत में फैक्ट्री खोलने के लिए ट्रंप से भिड़ने वाले टिम कुक की कंपनी के साथ अमेरिकियों ने ये क्या किया, ऐसे बनेगा US ग्रेट अगेन?
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By Neha Sharma, Priya Singh, and Anjali Mehta - Team haqiqatkyahai
प्रस्तावना
हाल ही में अमेरिका के लांस एंजेलेस में हुई घटनाओं ने दुनिया भर का ध्यान खींचा है। जहां एक ओर एप्पल के CEO टिम कुक ने भारत में अपनी फैक्ट्री खोलने के लिए एलेक्ज़न ट्रंप से टकराव किया, वहीं दूसरी ओर अमेरिका में उपद्रव और हिंसा के मामले सामने आए। यह सब कुछ ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अपने देश को "ग्रेट अगेन" बनाने का वादा कर रहे हैं। क्या वास्तव में यही उनकी योजना थी या यह एक रुख है जिससे देश की स्थिति और भी बिगड़ गई?
लॉस एंजेलेस में हिंसा की शुरुआत
9 जून को, लॉस एंजेलेस के डाउनटाउन में एक एप्पल स्टोर को लूट लिया गया। यह लूट उस समय हुई जब अमेरिका की इमीग्रेशन एजेंसी, आईसीई, ने अवैध प्रवासियों को पकड़ने के लिए छापे मारे। जैसे ही 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया, लोग सड़कों पर उतर आए। इस दंगे में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और कुछ ने तो मेक्सिको का झंडा भी लहराया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि ट्रंप को व्हाइट हाउस से एक बयान जारी करना पड़ा।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
दुनिया भर में लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को देखकर बांग्लादेश और श्रीलंका के दंगों की याद ताजा की। वीडियो में बैल्ट में बंदूकधारी नकाबपोश लोग एप्पल स्टोर से गैजेट लूटते हुए देखे जा सकते हैं। इसके तुरंत बाद, लॉस एंजेलेस के मेयर कैरेन बास ने पोस्ट कर हिंसा की निंदा की और कहा कि "तोड़फोड़ करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।" क्या ये हालात अमेरिकी समाज में गहरे विभाजन का संकेत हैं?
क्या टिम कुक की कंपनी एक बदलाव ला सकती है?
हालांकि टिम कुक ने भारत में फैक्ट्री खोलने का ऐलान किया है, लेकिन क्या यह कदम अमेरिका में हो रहे उपद्रव को सुलझा सकता है? अमेरिकी बाजार में एप्पल की स्थिति मजबूती से कायम है, लेकिन ऐसे समय में जब अमेरिकी लोग सड़कों पर उग्र हो रहे हैं, टिम कुक की कंपनी को क्या सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा?
निष्कर्ष
अमेरिका आज एक नाजुक स्थिति में है। एक तरफ, दुनिया के सबसे बड़े तकनीकी दिग्गज टिम कुक ने भारत में फैक्ट्री खोलने का फैसला लिया है, वहीं दूसरी ओर देश में सामाजिक विद्वेष और हिंसा तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में यह देखना होगा कि क्या टिम कुक की कंपनी के साथ अमेरिकी लोग सच्चे अर्थ में एक "ग्रेट अगेन अमेरिका" का निर्माण कर पाएंगे या फिर देश की स्थिति और बिगड़ जाएगी।
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