मोदी शासन: एक रुद्र बनाम रौद्र रूप, गर्व कीजिए कि हम भारतीय हैं!

सदैव लोककल्याणकारी देवाधिदेव महादेव के दरबार में एक रुद्र का मतलब ग्यारह होता है। सनातन धर्म में यह बेहद कल्याणकारी अंक समझा जाता है। इस नजरिए से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजनीतिक क्लोन भारतीय जनता पार्टी के देशव्यापी शासन के छठवीं पारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निरंतरता के 11 वर्ष पूरे होने पर देशवासियों यानी हर हिंदुस्तानी को गर्व तो होना ही चाहिए। क्योंकि इसी वर्ष पाकिस्तान द्वारा प्रोत्साहित और चीन-अमेरिका द्वारा उकसाए हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद दी गई जवाबी प्रतिक्रिया में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी संयुक्त सेनाओं ने जो अपना रौद्र रूप दिखलाया है, वह काबिलेतारीफ है। इसने दुनियावी महाशक्तियों को अपनी हद में रहने अन्यथा दुष्परिणाम झेलने का दो टूक संदेश दिया है।कहना न होगा कि भारतीयों की यह महानतम उपलब्धि अनायास नहीं है, बल्कि मोदी सरकार की ग्यारह वर्षीय सैन्य साधना का चमत्कार है। यह आरएसएस के शताब्दी वर्ष को और भाजपा को 45 वर्ष पूरे करने की सलामी है, जिसे जनसंघ को विघटित किये जाने के पश्चात एक नया रूप दिया गया था। वैसे तो जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी-दीन दयाल उपाध्याय, पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी-पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-गृहमंत्री अमित शाह सरीखे सैकड़ों-लाखों संघ पुरुषों के त्याग-बलिदान के बाद यह शुभ दिन देखने को मिल रहा है, इसलिए युगपुरुष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष बधाई के पात्र हैं, क्योंकि उन्होंने जिस शिद्दत से यह महानतम उपलब्धि हासिल की है और विभिन्न उपलब्धियों की जो विश्वयव्यापी श्रृंखला बनाई है, वह अनुकरणीय है। इसके लिए मोहन भागवत जैसे विभिन्न संघ प्रमुखों व उनके लाखों स्वयंसेवकों व भाजपा कार्यकर्ताओं के त्याग व बलिदान को भी नहीं भुलाया जा सकता है।इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ग्यारह वर्ष, विकसित व समृद्धशाली बनने की ओर अग्रसर नया भारतकहना न होगा कि 'विदेशी एजेंट्स' के तौर पर कार्य करने वाले कतिपय भारतीय राजनेताओं ने जिस भाजपा को सियासी अछूत और साम्प्रदायिक पार्टी करार देने में कोई कोताही नहीं बरती, आज उसी की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां व सूबाई रणनीति इन राजनेताओं के राजनीतिक अस्तित्व को ही समाप्त करती जा रही हैं। अमेरिका और चीन जैसे अंतरराष्ट्रीय दोगले देशों के साथ चूहे-बिल्ली का खेल खेलते हुए भारत अब दुनिया की बड़ी आर्थिक व सैन्य शक्ति बन गया है। आर्थिक रूप से शक्तिशाली देशों की सूची में भारत जहां वर्ष 2014 में 10वें स्थान पर था, वह अब 2025 में 4थे स्थान पर पहुंच चुका है। हमारी अर्थव्यवस्था अब उछलकर विश्व के चौथे स्थान पर जा पहुंची है।कहने का तातपर्य यह कि जिस ब्रिटेन ने दुनियाभर पर राज्य किया, वह तो कब का भारत से पिछड़ गया, वहीं अब धनकुबेर जापान को भी भारत ने पछाड़ दिया है और अपनी हठधर्मिता से दुनिया को दो विश्व युद्ध की सौगात देने वाले और तीसरे संभावित विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि तैयार करने वाले जर्मनी को आर्थिक चकमा देकर भारत कब दुनिया की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बन जायेगा और फिर अमेरिका-चीन से आर्थिक होड़ शुरू कर देगा, इसमें ज्यादा अवधि नहीं बची है! क्या यह देशवासियों के खुश होने का वक्त नहीं है? आंकड़े बताते हैं कि 1947 में आजादी मिलने के बाद साल 2014 तक यानी लगभग 70 वर्षों में देश महज 2 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी ही बना पाया था। ऐसा इसलिए कि हमारी सरकारें विदेशियों के मुंह पोछते रहने की आत्मघाती नीतियों पर चल रही थीं। वहीं, राष्ट्र्वादी सरकार की 4थी से 6 ठी पारी के बीच यानी 11 साल बाद भारतीय अर्थव्यवस्था 4.2 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन चुकी है। अब भारत का तात्कालिक लक्ष्य तीसरे स्थान पर चल रहे जर्मनी को पछाड़कर 2028 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनना है। मतलब साफ है कि एक विकासशील देश से विकसित देश बनने को आतुर भारत का अगला शिकार जर्मनी होगा। तब भारत की अर्थव्यवस्था से आगे सिर्फ चीन और अमेरिका रह जाएंगे, जो हमसे पिछले कई दशकों से मजबूत प्रतिद्वंद्विता करते आए हैं।ऐसे में हम विगत 11 सालों में मोदी सरकार या एनडीए सरकार पास हुई या फेल, इस विवाद को हम विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के लिए छोड़ते हैं। जबकि बाकी काम जनता जानती है और उसके पास जवाब देने के लिए अनेक अवसर हैं। जो असंभव को संभव बनाने का कार्य मोदी सरकार ने किया है, वह हम सबके सामने है। चाहे राम मंदिर निर्माण हो, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति हो और तीन तलाक़ नामक कुप्रथा की समाप्ति, आदि.... ऐसे बड़े काम हैं जो पिछली सरकारें कभी नहीं कर पातीं। उसे छोड़िए, हुआ न हुआ, इसको सरकार और विपक्ष पर छोड़ते हैं। लेकिन अब हमारी निगाहें 22 साल बाद यानी 2047 के विकसित भारत की ओर लगी हैं। वर्तमान अमृत काल खंड सबको आकर्षित कर रहा है। माना कि वह साल हम लोग और हमारी वर्तमान पीढ़ी नहीं देख पाएगी। या जो सौभाग्यशाली होंगे, वो देख पाएंगे। पर भारत को विकसित राष्ट्र बनते हमारे बच्चे देखेंगे और हम उनकी आंखों से देखेंगे। कहना न होगा कि विगत 11 सालों में भारत की गतिशील अर्थव्यवस्था का रास्ता खुद ही नहीं खुला, बल्कि टीम मोदी प्रशासन की अथक तैयारियों के साथ खोला गया है। यदि एपल, स्टारलिंक और टेस्ला जैसी बड़ी अमेरिकी कंपनियां अमेरिका की बजाय भारत में अपना उद्योग लगाना चाहती हैं तो कोई तो बात हुई होगी इन 11 वर्षों में? जबकि कुछ लोगों ने दंगों-फसादों में ही झुलसते रहने का ही ठेका ले लिया है?आप गौर कीजिए कि आखिर अब ऐसा कौन-सा मोर्चा बचा हुआ है जिस पर भारत मजबूत न हुआ हो? क्योंकि कोई भी देश मजबूत अर्थव्यवस्था वाला देश तभी बनता है जब वह हर मोर्चे पर मजबूत हुआ हो। यही वजह है कि ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने भारत की मजबूती देखी। भारत के हमलों की मार पाकिस्तान के उस परमाणु भंडार तक पहुंच गई जिसमें अमेरिका और चीन भी अपने अपने परमाणु हथियार रखे हुए हैं।

Jun 10, 2025 - 18:39
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मोदी शासन: एक रुद्र बनाम रौद्र रूप, गर्व कीजिए कि हम भारतीय हैं!
मोदी शासन: एक रुद्र बनाम रौद्र रूप, गर्व कीजिए कि हम भारतीय हैं!

मोदी शासन: एक रुद्र बनाम रौद्र रूप, गर्व कीजिए कि हम भारतीय हैं!

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लेखक: सुषमा शर्मा, पूजा राय, और अनन्या वर्मा - टीम हकीकतक्या है

परिचय

भारतीय राजनीति की तासीर में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व एक विशेष स्थान रखता है। "मोदी शासन: एक रुद्र बनाम रौद्र रूप, गर्व कीजिए कि हम भारतीय हैं!" शीर्षक से कहीं न कहीं आत्मविश्वास और गौरव का संकेत मिलता है। 11 वर्षों में, मोदी सरकार ने देश को विभिन्न मोर्चों पर सफलता दिलाई है, जो किसी भी भारतीय के लिए गर्व का विषय है।

गर्व का समय: 11 वर्ष की सफलता

سنातन धर्म में रुद्र का मतलब ग्यारह होता है, जो इस बात का प्रतीक है कि मोदी सरकार की 11 वर्षों की यात्रा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस अवधि में भारत ने अपने सामरिक और आर्थिक विकास में मील के पत्थर स्थापित किए हैं। देश ने "ऑपरेशन सिंदूर" जैसे महत्त्वाकांक्षी अभियानों के दौरान अपनी रौद्र शक्ति दिखाते हुए दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया है।

भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति

हाल ही में पाकिस्तान से हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने जो कदम उठाए, वे दर्शाते हैं कि हमारी सैन्य शक्ति अब केवल दिखावटी नहीं है। मोदी सरकार ने जवाबी कार्रवाई करते हुए एक कठोर रुख अपनाया, जिसने न केवल पाकिस्तान बल्कि अमेरिका और चीन को भी एक संदेश दिया - भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर है। यह हमारी उपलब्धियों का संदर्भ है जो दर्शाता है कि हम हर क्षेत्र में सक्षम हैं।

आर्थिक ताकत की ओर बढ़ता भारत

आंकड़े बताते हैं कि 2014 में भारत की आर्थिक स्थिति 10वें स्थान पर थी लेकिन आज हम 2025 तक चौथे स्थान पर पहुंचने का लक्ष्य बना रहे हैं। यह विकास उन नीतियों का परिणाम है जो मोदी सरकार ने इस अवधि में अपनाई हैं। ऐसे में, क्या यह गर्व का समय नहीं है कि भारत एक संपूर्ण अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हुआ है?

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति

भारत अब न केवल एक शक्तिशाली सैन्य देश बन चुका है, बल्कि इसकी आर्थिक वृद्धि भी उसे वैश्विक मंच पर नई पहचान दिला रही है। भारत की अर्थव्यवस्था अब 4.2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है और जल्द ही यह 5 ट्रिलियन डॉलर की दूसरी महाशक्ति बन सकती है। ऐसे में, भारत के आने वाले समय में जर्मनी को पीछे छोड़ने की संभावनाएं देखने योग्य हैं।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जो उपलब्धियां हैं, उन्हें नकारा नहीं जा सकता। यह गौरव और आत्मविश्वास का समय है। हम गर्व से कह सकते हैं कि आज हम एक ऐसे राष्ट्र के नागरिक हैं जो हर मोर्चे पर सफल हो रहा है। जैसे जैसा भारत अपनी सैन्य और आर्थिक शक्ति में आगे बढ़ रहा है, हमें यह समझना होगा कि हमारा दायित्व है कि हम इस समृद्धि और सफलता में भागीदार बनें।

तो, आइये सभी मिलकर गर्व करें कि हम भारतीय हैं, और साथ ही आगे बढ़ें एक विकसित राष्ट्र की ओर।

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