डीएम ने अधीक्षण अभियंता की कार जब्त की, बांध विस्थापित को 02 बार आवंटित कर दी जमीन

Rajkumar Dhiman, Dehradun: टिहरी बांध विस्थापितों को आवंटित जमीन के एक मामले में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जिस व्यक्ति को टिहरी बांध पुनर्वास खंड ऋषिकेश ने वर्ष 2007 में जमीन आवंटित की थी, उसकी बिक्री के बाद वहीं भूमि दोबारा आवंटित कर दी। जब इस जमीन को किसी अन्य को बेचा गया तो कब्जे … The post डीएम ने अधीक्षण अभियंता की कार जब्त की, बांध विस्थापित को 02 बार आवंटित कर दी जमीन appeared first on Round The Watch.

Jul 4, 2025 - 00:39
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डीएम ने अधीक्षण अभियंता की कार जब्त की, बांध विस्थापित को 02 बार आवंटित कर दी जमीन
डीएम ने अधीक्षण अभियंता की कार जब्त की, बांध विस्थापित को 02 बार आवंटित कर दी जमीन

डीएम ने अधीक्षण अभियंता की कार जब्त की, बांध विस्थापित को 02 बार आवंटित कर दी जमीन

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Rajkumar Dhiman, Dehradun: टिहरी बांध विस्थापितों को आवंटित जमीन के एक मामले में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। जिस व्यक्ति को टिहरी बांध पुनर्वास खंड ऋषिकेश ने वर्ष 2007 में जमीन आवंटित की थी, उसकी बिक्री के बाद वहीं भूमि दोबारा आवंटित कर दी। जब इस जमीन को किसी अन्य को बेचा गया तो कब्जे को लेकर विवाद खड़ा हो गया और मामला जिलाधिकारी सविन बंसल तक जा पहुंचा। डीएम ने जांच कराई और फर्जीवाड़ा पुष्ट होने के बाद कड़ी कार्रवाई करते हुए पुनर्वास मंडल के अधीक्षण अभियंता की कार जब्त कर ली। साथ ही आपराधिक षडयंत्र के लिहाज से आगे की जांच उपजिलाधिकारी अपूर्वा सिंह को सौंपी गई है।

जमीन आवंटन का मामला

टिहरी बांध विस्थापितों की जमीन के आवंटन का गड़बड़झाला, तब सामने आया जब देहरादून के शास्त्रीनगर (तपोवन) निवासी पुलमा देवी ने जिलाधिकारी की जनसुनवाई में जून माह में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया कि उन्होंने फूलसनी में वर्ष 2007 में 200 वर्गमीटर भूमि खरीदी थी। यह भूमि बांध विस्थापित चंदरू को पुनर्वास खंड ऋषिकेश ने मार्च 2007 में आवंटित कर अप्रैल 2007 में कब्जा दिया था। आवंटित भूमि को चंदरू ने उसी दौरान पुलमा देवी को बेच दिया था।

इसके बाद इसी भूमि पर वर्ष 2019 में खेल किया गया। फर्जीवाड़ा कर यही भूमि वर्ष 2019 में चंदरू को दोबारा आवंटित कर दी। जिसे उसने वर्ष 2020 में किसी अन्य को बेच दिया। दूसरी पार्टी जब जबरन पुलमा देवी की भूमि पर कब्जा लेने का प्रयास करने लगी, तब यह मामला उजागर हुआ।

जिलाधिकारी की कार्रवाई

जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच करवाई। जिसके बाद भी बांध विस्थापित को आवंटित जमीन की बिक्री और दोबारा आवंटन का खेल पकड़ में आया। यह बात भी सामने आई कि इसी जमीन का वाद सिविल जज जूनियर डिविजन विकासनगर में पुलमा देवी बनाम जतिन गोयल भी गतिमान है। जिलाधिकारी ने साफ किया कि जिला प्रशासन पुलमा देवी को न्याय दिलाने तक चुप नहीं बैठेगा। जरूरत पड़ी तो एसआइटी (भूमि) के माध्यम से एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

डीएम ने पुनर्वास अफसरों के कसे पेच

बांध विस्थापित को दोबारा जमीन आवंटित किए जाने पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने पुनर्वास अधिकारियों को फटकार लगाई। वरिष्ठ प्रबंधक (पुनर्वास) टिहरी बांध परियोजना केदारपुर ने अपने पत्र में कहा कि टिहरी के ग्राम बंद्राकोटी निवासी चंदरू ने गुमराह करते हुए दो बार जमीन अपने नाम पर आवंटित करवा ली। जिलाधिकारी ने सवाल किया कि ऐसे कैसे कोई व्यक्ति सरकारी सिस्टम को गुमराह कर सकता है। यह बात भी सामने आई कि पुनर्वास खंड ऋषिकेश ने वर्ष 2019 में भूमिधरी प्रकरण तहसील विकासनगर भेजा था और फिर चंदरू के नाम पर दोबारा भूमिधरी चढ़ा दी।

इस घटनाक्रम ने न केवल पुनर्वास प्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे भ्रष्टाचार और मिलीभगत के चलते आम जनता का अधिकार छिनने का खतरा बना रहता है। जिलाधिकारी ने पुनर्वास अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य सभी विस्थापितों को न्याय दिलाना है।

इस मामले में अब देखना यह है कि आगे की जांच कैसे होती है और क्या पुलमा देवी को जल्द ही न्याय मिलेगा या नहीं।

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