जलील करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे ट्रंप, अमेरिका ने जारी किया जंजीरों में बंधे भारतीयों का पहला वीडियो, बताया- अवैध एलियन
भारत से दोस्ती की बात करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने मुल्क से भारतीयों को निकालने का फैसला किया तो दुनिया में हड़कंप मच गया। लेकिन ट्रंप नहीं रुके। उन्होंने अपनी वायुसेना के सी-27 विमान से भारतीयों को अमृतसर में उतरा दिया और जैसे ही ये खबर सामने आई वैसे ही सभी के मन में ये सवाल आया कि क्या भारतीयों को अमेरिका ने जंजीरों और हथकड़ियों से बांधा था? अब उसका जवाब सामने आ गया वो भी पूरे सबूत और वीडियो के साथ। एक वीडियो को अमेरिकी सीमा पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी किया। अमेरिकी अधिकारी उन्हें अवैध एलियन भी कह रहे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स बॉर्डर पेट्रोल (यूएसबीपी) के प्रमुख माइकल डब्ल्यू बैंक्स ने एक वीडियो जारी किया जिसमें भारतीय नागरिकों को निर्वासन विमान में चढ़ते समय हथकड़ी और पैरों में बाधा डालते हुए दिखाया गया है।इसे भी पढ़ें: हथकड़ी लगाकर ही लोगों को ट्रंप ने अमेरिका से किया था बाहर, अमेरिका से लौटे भारतीयों पर विदेश मंत्री जयशंकर का आया बड़ा बयानमाइकल डब्ल्यू बैंक्स ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि यूएसबीपी और साझेदारों ने अवैध एलियंस को सफलतापूर्वक भारत लौटाया, जो सैन्य परिवहन का उपयोग करते हुए अब तक की सबसे दूर की निर्वासन उड़ान है। यह मिशन आव्रजन कानूनों को लागू करने और तेजी से निष्कासन सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यदि आप अवैध रूप से पार करते हैं तो आपको बाहर किया जाएगा। अवैध आप्रवासन के कारण निर्वासित किए गए 104 भारतीयों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य सी-17 परिवहन विमान बुधवार को अमृतसर में उतरा, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के तहत भारत में इस तरह का पहला निर्वासन था। इस मुद्दे पर भारत की संसद में आज दिन भर गहमा गहमी वाला माहौल नजर आया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसको लेकर बयान भी दिया। इसे भी पढ़ें: Trump का नहीं इस शख्स का है गाजा प्लान! कौन हैं जेरेड कुशनर और इंवाका से क्या है कनेक्शन?विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रही है कि निर्वासित किए जा रहे भारतीयों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो। ज्ञात हो कि अमेरिका में कथित तौर पर बिना दस्तावेजों/ के रह रहे 104 भारतीयों को निर्वासित किए जाने के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने हंगामा किया। कई विपक्षी सदस्यों ने निर्वासन के दौरान भारतीयों के साथ किए गए व्यवहार को लेकर रोष व्यक्त किया था। जयशंकर ने कहा कि हम निश्चित तौर पर अमेरिकी सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए बातचीत कर रहे हैं कि वापस लौट रहे भारतीयों के साथ उड़ान के दौरान किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि साथ ही सदन इस बात की सराहना करेगा कि हमारा ध्यान वैध यात्रियों के वीजा को आसान बनाने के लिए कदम उठाते समय अवैध आव्रजन उद्योग पर कड़ी कार्रवाई पर भी होना चाहिए। USBP and partners successfully returned illegal aliens to India, marking the farthest deportation flight yet using military transport. This mission underscores our commitment to enforcing immigration laws and ensuring swift removals.If you cross illegally, you will be removed. pic.twitter.com/WW4OWYzWOf— Chief Michael W. Banks (@USBPChief) February 5, 2025

जलील करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे ट्रंप, अमेरिका ने जारी किया जंजीरों में बंधे भारतीयों का पहला वीडियो, बताया- अवैध एलियन
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: साक्षी शर्मा, टीम नेटानागरी
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश की सीमा सुरक्षा को लेकर नए विवादास्पद बयान दिए हैं। उन्होंने उन भारतीय प्रवासियों के बारे में एक वीडियो जारी किया है, जिन्हें जंजीरों में बंधा हुआ दिखाया गया है और यूएस इमिग्रेशन ने उन्हें "अवैध एलियन" करार दिया है। इस वीडियो ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल पैदा कर दी है।
भारत और अमेरिका के बीच तनाव का बढ़ता ग्राफ
ट्रंप प्रशासन की इस कार्रवाई को कई लोग भारतीय प्रवासियों के प्रति भेदभाव के तौर पर देख रहे हैं। पिछले कुछ समय से अमेरिका में भारतीय प्रवासियों खासकर छात्रों और कामकाजी वर्ग पर मामलों का दुरुपयोग करने के आरोप लगते रहे हैं। ज्यादातर लोग इस वीडियो को अमेरिकी प्रशासन की अपूर्णता का एक उदाहरण मान रहे हैं।
वीडियो का समर्पण
इस वीडियो में भारतीय लोगों को कैद में बंद दिखाया गया है, जो ट्रंप के बयानों का समर्थन करता हुआ प्रतीत होता है। इसमें दिखाया गया है कि इन लोगों को अवैध तरीके से अमेरिका में दाखिल होने का दोषी ठहराया जा रहा है। जंजीरों में बंधे हुए इन लोगों की छवि ने दुनियाभर में नकारात्मक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है।
क्यों उठ रही है आलोचना?
इस प्रकार के वीडियो जारी करके ट्रंप सरकार ने न केवल भारतीय प्रवासियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है, बल्कि यह अमेरिका की छवि को भी प्रभावित कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों का मानना है कि जब आप किसी समुदाय को अवैध रूप से संदर्भित करते हैं, तो यह केवल उनके अधिकारों का हनन नहीं करता, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी प्रभावित करता है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस मामले पर अपनी चिंता जताई है और कहा है कि इस तरह की कार्रवाई से हमारे देश के नागरिकों की गरिमा को ठेस पहुंचती है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह मामले को लेकर अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और इस संदर्भ में अमेरिका से चर्चा करेगी।
निष्कर्ष
इस वीडियो के माध्यम से अमेरिका ने एक बार फिर अपने प्रवासी नीतियों की कठोरता को उजागर किया है। जलील करने की इस कोशिश का अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया से बचना मुश्किल होगा। ट्रंप के इस कदम ने यह सिद्ध कर दिया है कि प्रवासियों के मुद्दे पर अमेरिका की नीति कितनी विवादित और जटिल होती जा रही है।
भारत और उसके नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। हम उम्मीद करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर ध्यान देगा और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ उठ खड़ा होगा।
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