Prabhasakshi Exclusive: US-China के बीच Trade War से दोनों देशों के संबंधों पर क्या असर पड़ेगा?
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि अमेरिका और चीन के बीच खासतौर पर शुरू हुआ टैरिफ युद्ध दुनिया को कैसे प्रभावित करेगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि 1 फरवरी को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार चीन, कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाएगी। उन्होंने कहा कि टैरिफ 4 फरवरी की आधी रात से प्रभावी होने वाले थे। उन्होंने कहा कि कनाडा और मैक्सिको दोनों की सरकारों ने कम से कम एक अस्थायी राहत हासिल की कि ट्रंप प्रशासन ने 3 फरवरी को 30 दिनों के लिए टैरिफ लागू करने पर रोक लगाने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि ट्रंप के चीन टैरिफ केवल एक सौदेबाजी की चाल है, जिसका उद्देश्य किसी अंतिम समझौते पर पहुंचने के लिए लाभ उठाना है।ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि टैरिफ की घोषणा के तुरंत बाद चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि चीन इस कदम की कड़ी निंदा करता है और इसका विरोध करता है और अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए आवश्यक जवाबी कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि चीन ने कहा था कि व्यापार और टैरिफ युद्धों का कोई विजेता नहीं होता। उन्होंने कहा कि इस खेल में भले ही कोई विजेता न हो, लेकिन चीन हार न मानने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसे ही अमेरिकी टैरिफ लागू हुआ, बीजिंग ने अपने स्वयं के उपायों के साथ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि चीन अपनी कई ऊर्जा जरूरतों को अमेरिका से आयात नहीं करता है। उन्होंने कहा कि अपने स्वयं के टैरिफ लागू करने के अलावा, चीन ने यह भी घोषणा की कि वह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अमेरिका के खिलाफ मामला दायर कर रहा है।इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: Russia-Ukraine War के तीन साल पूरे होने वाले हैं, अब तक यूक्रेन के 20 प्रतिशत से ज्यादा भाग पर कब्जा कर चुका है रूसब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि चीन अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंधों को पूरी तरह से प्रतीकात्मक के बजाय वास्तविक तरीके से लागू करने की नई इच्छा दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि ड्रोन और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे प्रमुख बाजारों में अपने प्रभुत्व का लाभ उठाने के बीजिंग के हालिया प्रयास, आपूर्ति श्रृंखलाओं को हथियार बनाने और लक्षित संस्थाओं पर आर्थिक लागत लगाने की बढ़ती इच्छा को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से ट्रंप की मुलाकात के बाद हालात में बदलाव आये लेकिन माना जा रहा है कि जिनपिंग अभी अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात नहीं करना चाहते।

Prabhasakshi Exclusive: US-China के बीच Trade War से दोनों देशों के संबंधों पर क्या असर पड़ेगा?
Haqiqat Kya Hai
इस लेख में हम अमेरिका और चीन के बीच चल रही ट्रेड वार के प्रभावों का विश्लेषण करेंगे। यह संबंध न केवल दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
ट्रेड वार का उदय
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव ने पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़त हासिल की है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर टैरिफ लगाने की प्रक्रिया शुरू की, जिससे व्यापार में व्यवधान उत्पन्न हुआ। इस ट्रेड वार का मुख्य कारण आर्थिक संतुलन बनाए रखना और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल करना है।
अमेरिका और चीन के संबंधों पर प्रभाव
दूसरी तरफ, ट्रेड वार ने अमेरिका और चीन के संबंधों को प्रभावित करने का काम किया है। अमेरिकी कंपनियों ने चीन में अपने निवेश को कम करने का निर्णय लिया है, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इसके साथ ही, चीन ने भी अमेरिका के उत्पादों की खरीद में कटौती की है। इस सभी घटनाक्रम से दोनों देशों के बीच विश्वास का संकट उत्पन्न हुआ है।
ग्लोबल इकोनॉमी पर प्रभाव
ट्रेड वार का असर केवल अमेरिका और चीन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर रहा है। वैश्विक व्यापार में कमी आई है, और विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाएं इसकी चपेट में आ रही हैं। जैसे-जैसे टैरिफ बढ़ते जा रहे हैं, देशों के बीच सहयोग और समन्वय में कमी आ रही है।
भविष्य में क्या होगा?
आने वाले समय में अमेरिका और चीन दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। हालांकि, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि इस स्थिति का समाधान बातचीत के माध्यम से हो सकता है। दोनों देशों को समझना होगा कि उनका स्थायी संबंध वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
अमेरिका और चीन के बीच की ट्रेड वार ने न केवल उनके संबंधों को प्रभावित किया है, बल्कि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी अस्थिर कर रही है। भविष्य में सामंजस्य और बातचीत के द्वारा स्थिति को सामान्य बनाना आवश्यक होगा।
फिर से, अमेरिका और चीन के संबंधों पर नजर रखने के लिए, haqiqatkyahai.com पर और अपडेट्स पाते रहें।
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