क्या पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को रोकने का क्रेडिट डोनाल्ड ट्रंप को जाता है? अमेरिकी सांसद ने अमेरिकी राष्ट्रपति को आईना दिखाया!
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनीं हुई थी ऐसे में तीन से चार दिन तक चले ताबड़तोड़ हमले के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर का ऐलान कर दिया गया। सीजफायर का ऐलान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से किया। इसके बाद पूरे विश्व में शुरूआत में ये संदेश फैल गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर ट्रंप मे कराया था। इसके बाद भारत सरकार ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान और भारत के बीच सीजफायर दोनों देशों द्वारा लिया गया स्वंम का निर्णय था। पर डोनाल्ड ट्रंप कभी भी कोई क्रेडिट लेने से नहीं चूकते हैं। ऐसे में अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य श्री थानेदार ने सोमवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की, क्योंकि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने का श्रेय लिया है। थानेदार ने ट्रंप पर राजनीतिक लाभ के लिए स्थिति का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। मुंबई मराठी पत्रकार संघ में एक चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान अमेरिकी हस्तक्षेप के बिना स्वतंत्र रूप से अपने मुद्दों को हल करने में सक्षम हैं।इसे भी पढ़ें: मैक्रों और पत्नी ब्रिगिट के बीच प्लेन में ऐसा क्या हुआ? अचानक जब खुला दरवाजा, दुनिया रह गई हैरान अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने का श्रेय लेने का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पास कोई आधार नहीं है। अमेरिकी सांसद ने साथ ही ट्रंप पर इस परिस्थिति से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने का आरोप लगाया। यहां मुंबई मराठी पत्रकार संघ में एक कार्यक्रम में श्री थानेदार ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारत का ऑपरेशन सिंदूर शुरू करके जवाब देना स्वाभाविक था और अमेरिका ने निश्चित रूप से नयी दिल्ली की स्थिति को स्वीकार किया।इसे भी पढ़ें: 'वो' जो बनी इमरान और आसिम मुनीर के भिड़ने की वजह, अब हो जाएगा राजनीति का The End, जिया उल हक का चेला न कर दे जुल्फिकार जैसी हालत उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान अपने मुद्दों को सुलझाने में सक्षम हैं, न तो भारत और न ही पाकिस्तान ने अमेरिका को मध्यस्थता के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि ट्रंप द्वारा की गई घोषणा का कोई आधार था। वह केवल इससे लाभ उठाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने यह घोषणा की।’’ थानेदार ने कहा, ‘‘अमेरिका की इसमें (संघर्ष को रोकने में) कोई भूमिका नहीं थी। भारत ने भी ऐसी किसी बात से इनकार किया है। ट्रंप का इसका श्रेय लेने का कोई आधार नहीं है।

क्या पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को रोकने का क्रेडिट डोनाल्ड ट्रंप को जाता है? अमेरिकी सांसद ने अमेरिकी राष्ट्रपति को आईना दिखाया!
भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण है। हाल ही में, तीन से चार दिनों तक चले ताबड़तोड़ हमलों के बाद दोनों देशों ने सीजफायर का ऐलान किया। इस सीजफायर का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर लिया, जिससे यह भ्रम उत्पन्न हो गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को समाप्त करने में अमेरिका की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यह निर्णय दोनों देशों के बीच का था, न कि अमेरिका द्वारा हस्तक्षेप के कारण।
अमेरिकी सांसद की आलोचना
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य श्री थानेदार ने राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने का श्रेय लेने का प्रयास किया है, जो पूरी तरह अनुचित है। श्री थानेदार ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “भारत और पाकिस्तान अपने मुद्दों को बिना किसी अमेरिकी हस्तक्षेप के सुलझाने में सक्षम हैं।”
भारत का ऑपरेशन सिंदूर
श्री थानेदार के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद भारत का ऑपरेशन सिंदूर शुरू करना एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका ने नई दिल्ली की स्थिति को मान्यता दी, लेकिन इसका श्रेय ट्रंप को लेना उचित नहीं है। उनके बयान से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका की इसमें कोई अहम भूमिका नहीं थी।
ट्रंप का श्रेय लेने का आरोप
श्री थानेदार ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस स्थिति का उपयोग किया है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि ट्रंप द्वारा की गई घोषणा का कोई आधार था। वह केवल इससे लाभ उठाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने यह घोषणा की।" अमेरिकी सांसद ने यह भी बताया कि भारत और पाकिस्तान ने कभी भी अमेरिका को मध्यस्थता के लिए आमंत्रित नहीं किया, जो इस बात का संकेत है कि दोनों देश अपने मुद्दों को स्वतंत्र रूप से हल करने में सक्षम हैं।
युद्ध जैसी स्थिति का अंत
सीजफायर की घोषणा के बाद से, तनाव कम हुआ है और दोनों देशों के संयम को बढ़ावा मिला है। हालांकि, यह समझना आवश्यक है कि यह निर्णय दोनों देशों का था, और इसे किसी भी दृष्टि से अमेरिकी हस्तक्षेप का परिणाम नहीं माना जाना चाहिए।
समग्रतः, यह स्पष्ट है कि ट्रंप का सीजफायर की घोषणा को लेकर बयान केवल उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास हो सकता है। समय में, दोनों देशों को एक स्थायी शांति की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।
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लेखक: प्रियंका शर्मा, साक्षी मेहता, और राधिका तिवारी (टीम haqiqatkyahai)
Keywords:
Donald Trump, Operation Sindoor, India-Pakistan ceasefire, US Congress members, political benefits, conflict resolution, India and Pakistan relations, US interventionWhat's Your Reaction?






