कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से की मुलाकात, छह सूत्रीय मांग पत सौंपा, हेली सेवाओं मनमानी पर रोक लगाने की मांग
देहरादून। चारधाम यात्रा के दौरान लगातार हो रही हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए The post कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से की मुलाकात, छह सूत्रीय मांग पत सौंपा, हेली सेवाओं मनमानी पर रोक लगाने की मांग first appeared on radhaswaminews.

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देहरादून। चारधाम यात्रा के दौरान लगातार हो रही हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज एक छह सूत्रीय ज्ञापन मुख्य सचिव आनंद वर्धन को सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने की। ज्ञापन में प्रमुखत: हेलीकॉप्टर सेवाओं में पारदर्शिता, डीजीसीए और एटीसी नियमों का कड़ाई से पालन, तकनीकी जांच, पर्यावरण संरक्षण एवं सुरक्षा मानकों की अनिवार्यता जैसे मुद्दों को उजागर किया गया है।
अन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की गंभीरता
करण माहरा ने मुख्य सचिव से मुलाकात के दौरान कहा कि पिछले 38 दिनों में हुई पाँच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं, जिनमें 13 लोगों की जानें गई हैं, यह प्रदेश की उड्डयन व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती हैं। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं किसी दुर्घटनावश नहीं, बल्कि राज्य में मौजूद अव्यवस्था और लचर निगरानी व्यवस्था का परिणाम हैं।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि हेलीकॉप्टर सेवाएं बिना समय-सारणी, बिना लैंडिंग/ टेकऑफ सीमाओं और बिना तय मानकों के चल रही हैं। कई बार तो हेलीकॉप्टर एक ही दिन में लगातार कई घंटों तक उड़ान भरते हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को खतरा बढ़ता है।
छह सूत्रीय मांगें
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने छह महत्वपूर्ण मांगें पेश की हैं:
- पारदर्शी उड्डयन नीति: डीजीसीए व एयर ट्रैफिक कंट्रोल के दिशानिर्देशों पर आधारित स्पष्ट नीति बने।
- तकनीकी रूप से फिट हेलीकॉप्टर ही उड़ें: सुरक्षा मानकों पर खरा उतरने वाले हीली को उड़ान की अनुमति।
- उड़ान की सीमा तय हो: प्रति दिन उड़ानों, लैंडिंग, टेकऑफ और फ्लाइंग ऑवर का स्पष्ट निर्धारण।
- अनुभवी पायलट अनिवार्य: पर्वतीय उड़ानों के अनुभव रखने वाले पायलट ही तैनात हों।
- पर्यावरण संरक्षण: नेशनल पार्क, ग्लेशियर क्षेत्र और वन्यजीवों की रक्षा के लिए हेलीकॉप्टर संचालन पर नियंत्रण।
- सेफ्टी ऑडिट जरूरी: हेलीकॉप्टरों की आयु, फिटनेस और सुरक्षा ऑडिट राष्ट्रीय मानकों के अनुसार हो।
पर्यावरणीय चिंता भी उठी
वरिष्ठ कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि “धामों के पास उड़ रही अंधाधुंध उड़ानों से न सिर्फ यात्री खतरे में हैं, बल्कि राजाजी, कॉर्बेट, नंदा देवी और वैली ऑफ फ्लावर्स जैसे राष्ट्रीय उद्यानों में वन्यजीवों पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है।” उन्होंने कहा कि कई ग्लेशियर, जो हिमालय के पर्यावरण संतुलन के लिए आवश्यक हैं, वो लगातार हेलीकॉप्टरों की कंपन से पिघल रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने उम्मीद जताई कि जन और पर्यावरण हित में राज्य सरकार इस ज्ञापन पर त्वरित कार्यवाही करेगी, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में सरदार अमरजीत सिंह, शीशपाल सिंह बिष्ट, डॉ. जसविंदर सिंह गोगी, मदन लाल, दिनेश कौशल और देवेंद्र सिंह भी शामिल थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि राज्य सरकार इस ज्ञापन पर ध्यान देती है, तो भविष्य में हेलीकॉप्टर सेवाओं में सुधार संभव है, जो यात्रियों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए आवश्यक है।
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