उत्तराखंड में गुलदार का खौफ: घर में घुसकर महिला पर किया हमला!

रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। The post उत्तराखंड : जंगल नहीं गए, तो गुलदार खुद घर चला आया! कमरे में घुसकर महिला पर हमला first appeared on radhaswaminews.

Jul 29, 2025 - 18:39
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उत्तराखंड में गुलदार का खौफ: घर में घुसकर महिला पर किया हमला!
उत्तराखंड : जंगल नहीं गए, तो गुलदार खुद घर चला आया! कमरे में घुसकर महिला पर हमला

उत्तराखंड में गुलदार का खौफ: घर में घुसकर महिला पर किया हमला!

कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि नगर पंचायत क्षेत्र में एक महिला पर गुलदार के हमले की घटना ने स्थानीय निवासियों को चिंता में डाल दिया है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि उत्तराखंड में वन्य जीवों की मानव बस्तियों में घुसपैठ बढ़ती जा रही है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Haqiqat Kya Hai

घटनास्थल का विवरण

रुद्रप्रयाग में हुई इस वारदात में 37 वर्षीय कुशला देवी पर गुलदार ने मंगलवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे जानलेवा हमला कर दिया। घटना के समय वह अपने पति नत्थी लाल और तीन बच्चों के साथ घर में सो रही थीं, जिसमें उनका बेटा आशू, अंकित, और मायके से आई बेटी ज्योति शामिल थीं। अचानक एक गुलदार दरवाजे को धकेलते हुए घर में घुस आया और कुशला देवी पर हमला कर दिया। इस अप्रत्याशित हमले के कारण घर में अफरा-तफरी मच गई।

साहसिक बचाव

कुशला देवी के पति नत्थी लाल ने अपनी पत्नी को बचाने के लिए साहस का परिचय दिया और गुलदार से संघर्ष किया। इस दौरान परिवार ने शोर मचाकर अंततः गुलदार को भगाने में सफलता हासिल की। कुशला देवी को गंभीर चोटें आई हैं, और उन्हें तुरंत अगस्त्यमुनि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों के अनुसार, उन्हें चेहरे पर सात टांके लगाए गए हैं, और उनकी हालत चिंताजनक है।

स्थानीय समुदाय की चिंता

नत्थी लाल ने कहा, “आज मेरा परिवार बाल-बाल बच गया। यह डर हमेशा हमारे साथ रहेगा।” उन्होंने मांग की है कि वन विभाग इस क्षेत्र में गुलदार के लिए पिंजरे लगाकर सुरक्षा का इंतजाम करे। स्थानीय निवासियों ने नगर पंचायत से भी सोलर लाइट लगाने की अपील की है ताकि ऐसे ही हमले भविष्य में न हों।

भूतपूर्व हमलों की श्रृंखला

यह घटना इस क्षेत्र में पिछले एक महीने में गुलदार के हमलों की चौथी घटना है। हाल ही में सिल्लाबामण गांव में भी एक महिला पर गुलदार ने हमला किया था। इससे पहले किरोड़ा गांव में एक छात्रा और गंगतल में एक अन्य महिला भी गुलदार के शिकार हुई थीं। इस तरह के लगातार हमले स्थानीय निवासियों में भय का माहौल गहरा रहे हैं।

चमराड़ा गांव के ग्रामीण भी इस इलाके में गुलदार की बार-बार मौजूदगी की शिकायत कर रहे हैं। हालांकि, अब तक किसी की जान नहीं गई है, लेकिन खौफ का माहौल बना हुआ है। घटना की खबर मिलते ही वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई और गश्त तेज कर दी। हालांकि, स्थानीय लोगों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्थितियों में सुधार की मांग की है।

विचार और सुझाव

उत्तराखंड में इस प्रकार की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष बढ़ रहा है। स्थानीय प्रशासन को इस पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। क्या जैव विविधता की रक्षा करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए या इस समस्या को सीमित करना होगा? स्थानीय व्यवस्थाओं का इस खतरे से निपटने के लिए प्रभावी उपाय करना अत्यावश्यक है।

सुरक्षा उपायों के रूप में, वन विभाग को नियमित गश्त, पिंजरे लगाना और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए ताकि लोग अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें। इसके अलावा, सोलर लाइटों की स्थापना और सूचना से भरपूर ग्रामीण कार्यक्रमों का आयोजन भी महत्वपूर्ण है।

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सादर,
टीम हकीकत क्या है, नीरज शर्मा।

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