उत्तराखंड में 24 और 28 जुलाई को मतदान के मद्देनजर अवकाश, कोषागार रहेंगे बंद
सुहानी अग्रवाल देहरादून (महानाद) : उत्तराखंड के सभी जिलों में (हरिद्वार को छोड़कर) आगामी 24 व 28 जुलाई को छुट्टी रहेगी। राज्यपाल ने इसका आदेश जारी कर दिया है। उत्तराखंड शासन ने अधिसूचना जारी करते हुए आदेश दिया है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के मद्देनजर प्रथम चरण के मतदान दिवस 24 जुलाई 2025, बृहस्पतिवार तथा […]
उत्तराखंड में 24 और 28 जुलाई को मतदान के मद्देनजर अवकाश, कोषागार रहेंगे बंद
सुहानी अग्रवाल
देहरादून (महानाद) : उत्तराखंड राज्य के सभी जिलों में, जो हरिद्वार को छोड़कर हैं, आगामी 24 और 28 जुलाई को छुट्टी घोषित की गई है। राज्यपाल द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। यह अवकाश त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर लिया गया है, जिसमें पहला चरण का मतदान 24 जुलाई 2025 को और दूसरा चरण का मतदान 28 जुलाई 2025 को किया जाएगा। सरकारी और अशासकीय कार्यालयों, शिक्षण संस्थानों, और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत सभी कर्मियों और श्रमिकों को इस अवकाश का लाभ मिलेगा।
मतदान का महत्व और अवकाश का उद्देश्य
यह अवकाश इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि सभी श्रमिक और नागरिक अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। चुनावों के दौरान प्रत्येक वोट की महत्ता होती है, और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि लोग अपने वोट डालने के लिए पूरी तरह से तैयार हों। उत्तराखंड सरकार ने इस निर्णय को मतदान प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए लागू किया है। यह नागरिकों के लिए एक अवसर है कि वे अपनी आवाज उठा सकें और लोकतंत्र की सक्रिय भागीदारी में योगदान दे सकें।
कोषागार और उपकोषागार भी रहेंगे बंद
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, चुनावी तिथियों के दौरान सभी निर्वाचन क्षेत्रों के कोषागार और उपकोषागार भी बंद रहेंगे। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि चुनावी प्रक्रिया में कोई अवरोध उत्पन्न न हो। चुनावी दिवस पर सार्वजनिक सेवाओं का प्रबंधन सुचारू रह सके, ताकि सभी मतदाता निर्बाध रूप से अपने वोट डाल सकें।
कैसे करें तैयारी?
24 और 28 जुलाई को छुट्टी का सही उपयोग करने के लिए नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने मतदाता पहचान पत्र की स्थिति की जांच कर लें और यह सुनिश्चित करें कि उनका नाम मतदाता सूची में शामिल है। मतदान केंद्र का पता भी पहले से लगाकर रखा जाना चाहिए, ताकि मतदान के दिन कोई कठिनाई न हो। यह एक सुनहरा अवसर है, और इसे पूरी तैयारी और जिम्मेदारी के साथ अपनाना चाहिए।
निष्कर्ष
इस निर्णय को उत्तराखंड सरकार का एक सकारात्मक कदम माना जा सकता है, जो लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। नागरिकों को अपने मतदान के अधिकार का उपयोग करना चाहिए और इस अवसर का लाभ उठाकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। क्योंकि जब हम सक्रिय रूप से मतदान करते हैं, तब ही हमारा लोकतंत्र मजबूत होता है।
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