उत्तराखंड के हर गांव में ‘आयुष्मान’ से मिलेगा स्वास्थ्य संकट का समाधान: पीएचसी और सीएचसी की होगी सूचीबद्धता
Amit Bhatt, Dehradun: अब आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदेशवासियों को उनके घर के नजदीक ही मिलेगा। राज्य सरकार ने इसे लेकर बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के सभी प्राथमिक (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) को योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) … The post उत्तराखंड के हर गांव में मिलेगा ‘आयुष्मान’ का सहारा: प्रदेश के सभी पीएचसी व सीएचसी होंगे सूचीबद्ध appeared first on Round The Watch.

उत्तराखंड के हर गांव में ‘आयुष्मान’ से मिलेगा स्वास्थ्य संकट का समाधान: पीएचसी और सीएचसी की होगी सूचीबद्धता
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लेखक: प्रियंका रावत, साक्षी सेठ, नेहा कपूर
टीम Haqiqat Kya Hai
सरकारी पहल का महत्व
देहरादून: उत्तराखंड राज्य सरकार ने 'आयुष्मान भारत योजना' के तहत एक बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के निवासी इस योजना का लाभ अपने घर के नजदीक ही प्राप्त कर सकेंगे। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) को इस योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं सीधे गांव तक
रीना जोशी ने कहा है कि, "हमारी योजना है कि आम लोगों को दूर-दूर के अस्पतालों में न जाकर अपने गांव या कस्बे में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मिले।" इससे 614 पीएचसी और 24 सीएचसी को इस योजना के तहत चिन्हित किया जाएगा। इस पहल से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता बढ़ेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि लोगों को राहत प्राप्त हो।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति
उत्तराखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) की स्थिति जनपदवार इस प्रकार है:
- पौड़ी गढ़वाल – 93
- अल्मोड़ा – 65
- देहरादून – 62
- टिहरी – 54
- पिथौरागढ़ – 53
- नैनीताल – 51
- हरिद्वार – 40
- उधमसिंह नगर – 40
- चमोली – 39
- रुद्रप्रयाग – 38
- उत्तरकाशी – 32
- बागेश्वर – 29
- चंपावत – 18
राज्य में कुल 83 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जिनमें से 59 पहले से सूचीबद्ध हैं। शेष 24 को इस नई योजना में शामिल किया जा रहा है।
सामाजिक न्याय की दृष्टि से पहल
रीना जोशी ने बैठक में स्पष्ट किया कि सूचीबद्धता की प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए तुरंत आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। वह कहती हैं, "यह केवल स्वास्थ्य सेवाएं देने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह सोशल जस्टिस की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारी कोशिश है कि किसी भी नागरिक को योजना के लाभ से वंचित नहीं रहना पड़े।"
निष्कर्ष में आशा की किरण
यह निर्णय निश्चित रूप से लाखों ग्रामीण नागरिकों के लिए एक नई उम्मीद की किरण साबित होगा। शहर की ओर भागने की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी, और इससे उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को एक नया दिशा मिल सकेगा। अब प्रदेशवासियों को निःशुल्क उपचार की सुविधा अपने गांव के आस-पास ही उपलब्ध होगी, जो उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, इस योजना का अन्य राज्यों में सफल कार्यान्वयन का उदाहरण सामने रखे जाने पर, उत्तराखंड सरकार की यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए अद्वितीय है, बल्कि प्रदेश के विकास का एक नया मार्ग भी प्रशस्त कर रही है।
कम शब्दों में कहें तो, 'आयुष्मान भारत योजना' के तहत स्वास्थ्य सेवाओं का पहुंचना अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी संभव हो सकेगा। अधिक जानकारी के लिए, हमारी वेबसाइट देखें.
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