उत्तराखंड की रजत जयंती पर मुख्यमंत्री धामी ने रखा 25 सालों के विकास का रोड मैप
सुहानी अग्रवाल देहरादून (महानाद) : उत्तराखंड में आज रजत जयंती समारोह का आगाज करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आह्वाहन किया कि सामरोह के तमाम कार्यक्रमों का सहभागी प्रत्येक राज्यवासी है, जिसमें हम सबको मिलकर 25 वर्षों की उपलब्धियों की चर्चा के साथ आगामी 25 वर्षों का रोड मैप भी प्रस्तुत करना है। अब […]
सुहानी अग्रवाल
देहरादून (महानाद) : उत्तराखंड में आज रजत जयंती समारोह का आगाज करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आह्वाहन किया कि सामरोह के तमाम कार्यक्रमों का सहभागी प्रत्येक राज्यवासी है, जिसमें हम सबको मिलकर 25 वर्षों की उपलब्धियों की चर्चा के साथ आगामी 25 वर्षों का रोड मैप भी प्रस्तुत करना है। अब हमे इस गौरवशाली अवसर से नई ऊर्जा के साथ समृद्ध, शसक्त, आत्मनिर्भर उत्तराखंड के निर्माण जुटना है।
बलबीर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रजत जयंती वर्ष कार्यक्रमों की पत्रकार वार्ता से शुरुआत की। इस अवसर उन्होंने मीडिया जगत समेत समस्त प्रदेशवासियों को विकास की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। रजत जयंती समारोह की भावनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, यह हम सबकी 25 वर्षों की उपलब्धियां का उत्सव है यह मौका आगामी 25 वर्षों के विकास रोड मैप को जनता के सामने प्रस्तुत करने का भी है। आज ईगास के मौके पर उन्होंने दिन की शुरुआत आपदाग्रस्त छेनागाड़ में प्रभावितों के बीच जाकर की है। इन कार्यक्रमों के उद्देश्यों के साथ इस गौरवशाली अवसर पर विधानसभा का विशेष सत्र भी आयोजित किया जा रहा है। 3 एवं 4 नवंबर के विशेष सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन प्रदेश के लिए गौरव और सम्मान का विषय है। इस क्षेत्र में राज्य के समग्र विकास, उपलब्धियां और भविष्य की योजनाओं पर सार्थक चर्चा होने वाली है।
मुख्यमंत्री धामी ने रजत जयंती समारोह कैलेंडर का जिक्र करते हुए बताया कि 1 नवंबर से 11 नवंबर तक प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। जिनकी शुरुआत आज प्रमुख कार्यक्रमों के रूप में मुख्यमंत्री आवास में ईगास पर्व से होगी। इसके उपरांत 2 नवंबर को पिथौरागढ़ के जोली कोंग क्षेत्र में अल्ट्रा मैराथन, 3 नवंबर को राष्ट्रपति का विधानसभा में संबोधन, 5 नवंबर को दून विश्वविद्यालय में प्रवासी उत्तराखंड का सम्मेलन, 6 नवंबर को रोजगार मेला, युवा महोत्सव, पूर्व सैनिक सम्मेलन, 7 नवंबर को रैतिक परेड, 8 नवंबर को राज्य आंदोलनकारी एवं महिला सम्मेलन। इसी क्रम में 9 नवंबर स्थापना दिवस के मुख्य कार्यक्रम में हम सबका सौभाग्य है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शामिल होना। कार्यक्रम श्रृंखला का समापन 11 नवंबर को एफआरआई में रजत स्थापना जयंती के मुख्य समारोह के रूप में होगा।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि रजत जयंती के सभी आयोजन सरकारी नहीं बल्कि अधिक से अधिक जन भागीदारी का उत्सव है। जिसमें मीडिया समेत सभी लोगों को सहभागी की भूमिका में रहना है। हमारी कोशिश होगी, हर जनपद हर नागरिक को इस उत्सव का भागीदार बनाना। इन तमाम कार्यक्रमों में हम सबको 25 वर्ष की उपलब्धियां के साथ अगले 25 वर्ष में राज्य के भविष्य की दिशा को प्रदर्शित करने वाला रोड मैप भी तैयार करना है। जिसमें पीएम मोदी द्वारा निर्धारित 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में अपनी भूमिका का निर्धारण करना है। जिसकी शुरुआत होगी समृद्ध, सशक्त, आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर अग्रणी उत्तराखंड बनाकर।
वहीं इस दौरान उत्तराखंड सरकार की विगत वर्षों की प्रमुख उपलब्धियां का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य उत्तराखंड बना है, राज्य में सशक्त भू कानून, सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून, सख्त नकल विरोधी कानून एवं दंगारोधी कानून लागू करने में सफल हुए हैं। इसी तरह राज्य आंदोलनकारी के लिए सरकारी नौकरी में 10% एवं मातृशक्ति के लिए 30% क्षैतिज आरक्षण लागू हुआ है। सहकारी प्रबंध समितियां में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित हुई।
उन्होंने बताया कि बीते 4 वर्षों में 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने में हम सफल हुए हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में औद्योगिक इन्वेस्टमेंट को लेकर अक्सर पैदा होने वाले संशय को भी हमने दूर करने का काम किया है ग्लोबल इन्वेस्टर सबमिट से 3.56 लाख करोड़ के एमओयू साइन कर। जिसमें अब तक रिकॉर्ड एक लाख करोड रुपए से अधिक निवेश की ग्राउंडिंग हो चुकी है। इतना ही नहीं राज्य के इतिहास में पहली बार एक लाख करोड़ से अधिक का बजट संभव हुआ है। अब तक कुल 58 लाख आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए, शहीद सैनिकों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि भी 10 लाख से बढ़कर 50 लख रुपए और परमवीर चक्र विजेताओं की अनुग्रह राशि 50 लाख करने का भी काम हुआ। सरकार की लगातार प्रयासों से राज्य का मातृ मृत्यु अनुपात अब घटकर 91 पर आया है, जिसे आने वाले समय में और भी काम किया जाएगा।
आज राज्य की अर्थव्यवस्था का आकार राज्य स्थापना के बाद 26 गुना बड़ा है, जो वर्ष 2000 में 14501 करोड़ था वह अब 3,78,240 करोड़ रुपए होने जा रहा है। प्रति व्यक्ति आय भी 17 गुना वृद्धि हुई है। केंद्र के सहयोग से केदारनाथ पुनर्निर्माण और बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत बड़े पैमाने पर विकास कार्य किया जा रहे हैं इसी तरह केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब को भी रोपवे से जोड़कर यात्रा को सरल बनाया जा रहा है। इसी तरह कुमायूं क्षेत्र में भी मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत 48 मंदिरों तथा गुरुद्वारों को सर्किट के रूप में जोड़ने का कार्य गतिमान है। देहरादून दिल्ली के बीच 13,000 करोड़ की लागत से बन रही एलिवेटेड रोड से सफर मात्र 2 से ढाई घंटे का होने जा रहा है। राज्य में पहाड़ों पर रेल चलाने का सपना साकार होने का 70 फीसदी कार्य पूर्ण हो गया है और आगे, व्यासी या जहां तक भी संभव होगा, रेल को हम शीघ्र पहुंचाएंगे। नई फिल्म नीति के तहत उत्तराखंड की कुमाऊनी, गढ़वाली जौनसारी आदि क्षेत्र भाषाओं की फिल्मों को कुल लागत का 50% अथवा दो करोड़ तक की सब्सिडी हम दे रहे हैं। राज्य में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड रुपए के वेंचर फंड की स्थापना की है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लखपति दीदी योजना के तहत समूह को 5 लाख रुपये तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें अब तक 1.53 लाख लखपति दीदी बनाई जा चुकी है।
मुख्यमंत्री अंत्योदय निःशुल्क गैस रिफिल योजना से अब तक राज्य की करीब पौने दो लाख गरीब परिवारों को साल में 3 सिलेंडर मुफ्त रिफिल किया जा रहे हैं। वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमांत क्षेत्र के 51 गांवों में सुनियोजित विकास किया जा रहा है। हमने वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर 1500 रुपये किया और दोनों बुजुर्ग दंपतियों को इसका लाभ दिया जा रहा है।
इसी तरह राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड में होना हम सब की विशेष उपलब्धि है। इसी तरह सिल्क्यारा टनल रेस्क्यू समेत तमाम आपदा से प्रभावित लोगों में त्वरित सहायता उपलब्ध करना, खनन क्षेत्र में प्रभावी प्रबंधन करते हुए राजस्व को 1200 करोड़ तक पहुंचाना और शीर्ष हिमालई राज्यों में पुरस्कृत होना, आर्थिक प्रबंधन के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल करने में हम सफल हुए हैं।
उन्होंने कहा, राज्य की जनता, जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों, युवाओं और महिलाओं के सहयोग से उत्तराखंड नई नई ऊंचाईयों को छू रहा है। यह रजत जयंती वर्ष हम सबके लिए बहुत ही गौरव आत्म मंथन और संकल्प का अवसर है। वहीं आग्रह किया कि हम सब मिलकर ईगास से रजत जयंती कार्यक्रमों तक सभी आयोजनों को हर्षाैल्लास से मनाएं। जिसके साथ आगे हमें विकसित उत्तराखंड की तरफ तीव्र गति से अपने कदम बढ़ाने हैं।
पत्रकार वार्ता में मुख्य रूप से प्रदेश महामंत्री कुंदन परिहार, दीप्ति रावत, तरुण बंसल, प्रदेश मीडिया प्रमुख मनवीर सिंह चौहान, मुख्य प्रवक्ता सुरेश जोशी, सह संयोजक राजेंद्र सिंह नेगी, प्रदेश प्रवक्ता हनी पाठक, मथुरा दत्त जोशी, कमलेश रमन प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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