Kalpana Chawla Death Anniversary: अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं कल्पना चावला, दूसरा मिशन बना आखिरी सफर

आज ही के दिन यानी की 01 फरवरी को भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की मृत्यु हो गई थी। अंतरिक्ष में रहने के सपने दिखाने वालों में से एक रहीं कल्पना चावला का जीवन भी उड़ते- उड़ते खत्म हो गया। जब कल्पना चावला ने अंतरिक्ष तक का सफर यह किया तो उनकी इस उपलब्धि से न सिर्फ महिलाओं को प्रेरणा मिली, बल्कि यह भारत के लिए गौरव और विश्व के लिए ऐतिहासिक क्षण बन गया था। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर कल्पना चावला के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में।बचपने से उड़ने का सपना देखती थीं कल्पनाहरियाणा के करनाल में 17 मार्च 1962 को कल्पना चावला का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संज्योति चावला था। कल्पना चावला की शुरूआती शिक्षा करनाल में पूरी हुई। कल्पना ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के ग्रेजुएशन पूरा किया और फिर वह अमेरिका चली गईं। साल 1982 में जब कल्पना चावला अमेरिका गईं, तो वहां पर टैक्सस यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एम.टेक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो से डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की।इसे भी पढ़ें: Homi J Bhabha Death Anniversary: होमी जे भाभा को कहा जाता है परमाणु का जनक, उनकी मौत आज भी बनी है रहस्यऐसे शुरू हुआ पहला सफरबता दें कि साल 1988 में कल्पना चावला ने नासा ज्वॉइन किया था। वहीं साल 1997 में कल्पना ने अपना पहला सफर शुरू किया था। इस मिशन के लिए वह अपने 5 एस्ट्रोनॅाट साथियों के गई थीं। इस दौरान कल्पना चावला ने 10.4 मिलियन माइल्स का सफर तय किया था और पृथ्वी के 252 चक्कर काटे थे। पहले मिशन के कामयाब होने से कल्पना का उत्साह 7वें आसमान पर था।दूसरे सफर में हुई मौतपहले मिशन के सक्सेस होने के बाद 16 जनवरी 2003 में कल्पना चावला सहित 7 लोगों ने कोलंबिया STS-107 से उड़ान भरी थी। यह कल्पना चावला का दूसरा स्पेश मिशन था। लेकिन बदकिस्मती से यह उनका आखिरी मिशन भी रहा। दरअसल, नासा का अंतरिक्ष यान कोलंबिया 01 फरवरी 2003 को अंतरिक्ष यात्रा के बाद 7 चालक दल के सदस्यों के साथ वापस लौट रहा था। इसी दौरान पृथ्वी पर लौटते समय शटल कोलंबिया वायुमंडल में प्रवेश करते ही दुर्घटना का शिकार हो गया।लोगों ने धरती पर आसमान से आग का एक गोला गिरते देखा। इस दुर्घटना में कल्पना चावला समेत 7 लोगों की मौत हो गई। वहीं इस हादसे के कारणों की जांच के लिए नासा ने स्पेस शटल फ्लाइट्स को अगले दो साल से अधिक समय के लिए निलंबित कर दिया था।

Feb 1, 2025 - 12:39
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Kalpana Chawla Death Anniversary: अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं कल्पना चावला, दूसरा मिशन बना आखिरी सफर
Kalpana Chawla Death Anniversary: अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं कल्पना चावला, दूसरा मिशन बना आखिरी सफर

Kalpana Chawla Death Anniversary: अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं कल्पना चावला, दूसरा मिशन बना आखिरी सफर

Haqiqat Kya Hai

कल्पना चावला, जिनका जीवन एक प्रेरणा है, आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं। 1 फरवरी 2003 को उनकी मृत्यु हुई थी जब वह अपने दूसरे अंतरिक्ष मिशन पर थीं। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम उन्हें याद करते हैं और उनके योगदानों को सलाम करते हैं। वह केवल एक अंतरिक्ष यात्री ही नहीं थीं, बल्कि उन्होंने विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में वो मुकाम हासिल किया जो हर किसी का सपना होता है।

कल्पना चावला: प्रारंभिक जीवन और प्रेरणा

कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल जिले में हुआ था। विज्ञान और गणित में उनकी गहरी रुचि थी, जिसके चलते उन्होंने इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। अमेरिका में पढ़ाई के दौरान, उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया। जिस समय वह NASA में शामिल हुईं, वह भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गईं।

अंतरिक्ष यात्रा: पहला मिशन

कल्पना चावला का पहला अंतरिक्ष मिशन 1997 में हुआ था, जब वह STS-87 में शटल कोलंबिया के जरिए अंतरिक्ष में गईं। यह भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री का सफर था, जिसने पूरे देश को गर्वित किया। इस मिशन ने उनके लिए अंतरिक्ष विज्ञान में नए दरवाजे खोले और युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया।

दूसरा और अंतिम मिशन: STS-107

उनका दूसरा और अंतिम अंतरिक्ष मिशन STS-107 था, जो 16 जनवरी 2003 को लॉन्च हुआ। यह मिशन विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए था, लेकिन दुर्भाग्यवश, 1 फरवरी 2003 को शटल कोलंबिया पृथ्वी पर लौटते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस ट्रágेडी में कल्पना चावला सहित सभी सात दल के सदस्य की मृत्यु हो गई, जिससे पूरे विश्व में शोक की लहर दौड़ गई।

कल्पना चावला की विरासत

कल्पना चावला न केवल एक योग्य वैज्ञानिक थीं, बल्कि वह एक मजबूत महिला भी थीं जिन्होंने अपने जीवन में कई बाधाओं को पार किया। उनका योगदान विज्ञान, तकनीकी, और मानवता के लिए अनमोल रहेगा। उनकी याद में कई संस्थाएं और विज्ञान केंद्र स्थापित किए गए हैं। हर साल उनकी पुण्यतिथि पर विभिन्न समारोह आयोजित किए जाते हैं।

निष्कर्ष

कल्पना चावला का जीवन एक सबक है कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत और लगन से काम करना चाहिए। उन्होंने अपनी सामर्थ्य से साबित किया कि भारतीय महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अपना नाम कर सकती हैं। उनकी याद हमें यह प्रेरणा देती है कि हमें अपने सपनों के लिए कोशिश करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

उनके जीवन और संघर्ष की कहानी हमेशा नई पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक रहेगी। आइए, इस पुण्यतिथि पर हम कल्पना चावला को श्रद्धांजलि अर्पित करें और उनके द्वारा छोड़ी गई प्रेरणा को आगे बढ़ाएं। अधिक जानकारी के लिए, visit haqiqatkyahai.com.

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