Jayalalithaa Birth Anniversary: जयललिता ने ऐसे तय किया था अभिनेत्री से तमिलनाडु के सीएम तक का सफर
कई महिलाओं ने भारतीय राजनीति में अपनी दमदार जगह बना ली है। तो वहीं कई सफल अभिनेत्रियों ने राजनीति में भी अपना नाम कमाया है। इन्हीं महिला राजनेताओं में से एक नाम जयललिता का भी है। अभिनय से राजनीति में अपना नाम कमाने वाली जयललिता तमिलनाडु की सीएम रह चुकी हैं। तमिलनाडु के लोग जयललिता से इतना प्यार मिलता था कि लोग उनको प्यार से 'अम्मा' कहकर बुलाते थे। आज ही के दिन यानी की 24 फरवरी को जयललिता का जन्म हुआ था। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर जयललिता के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...जन्म और परिवारकर्नाटक के मांड्या जिले के पांडवपुरा तालुक के मेलुरकोट गांव में 24 फरवरी 1984 को अय्यर परिवार में जयललिता का जन्म हुआ था। उनका असली नाम 'कोमावल्ली' था। उनके पिता का नाम जयराम और मां का नाम वेदवल्ली था। जयललिता की मां वेदवल्ली दक्षिण भारतीय सिनेमा की फेमस अभिनेत्री थीं। हालांकि जयललिता को फिल्मों में रुचि नहीं थी। वह कभी भी अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थीं, लेकिन वह अपनी मां के कारण जबरन फिल्म इंडस्ट्री में आईं।इसे भी पढ़ें: Maulana Abul Kalam Azad Death Anniversary: आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे मौलाना अबुल कलाम आजादफिल्मी करियरजयललिता पढ़ाई में काफी ज्यादा होनहार थीं और वह अपने पिता की तरह वकील बनना चाहती थीं। लेकिन जयललिता की मां ने उनको कम उम्र में ही जबरन अभिनय की दुनिया में डाल दिया था। वहीं महज 15 साल की उम्र में उन्होंने एक एडल्ट फिल्म में काम किया था। यहां से उनकी फिल्मी करियर की शुरूआत हुई। कई फिल्मों में जयललिता ने शानदार काम किया था। जयललिता ने अपने फिल्मी करियर में करीब 85 फिल्मों में काम किया, जिसमें से 85 फिल्में हिट हुईं। वह पहली ऐसी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने स्लीवलेस ब्लाउज पहना था। अपने करियर में जयललिता का नाम सुपरस्टार शोभन बाबू से जुड़ा था। दोनों का अफेयर काफी ज्यादा चर्चा में रहा, लेकिन शादी नहीं हुई।राजनीतिक सफरबता दें कि जयललिता को फिल्मों से राजनीति में लाने वाले एमजी रामचंद्रन थे। बताया जाता है कि एमजीआर और जयललिता एक-दूसरे से प्यार करते थे। लेकिन उन्होंने न तो शादी की और न ही अपने रिश्ते को कभी जगजाहिर किया। साल 1982 में एमजी रामचंद्रन के साथ जयललिता ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की सदस्य बन गईं। यहीं से उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत हुई। फिर साल 1984 से 1989 तक जयललिता तमिलनाडु से राज्यसभा की सदस्य भी रहीं। वहीं एमजीआर के निधन के बाद AIADMK पार्टी की जिम्मेदारी जयललिता के कंधों पर आ गई और फिर बाद में वह तमिलनाडु की सीएम बनीं।उपलब्धियांधीरे-धीरे तमिलनाडु में जयललिता की लोकप्रियता बढ़ने लगी। लेकिन एक अभिनेत्री के तौर पर नहीं बल्कि नेता और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में। यह जयललिता की राजनीतिक जीत थी और वह 6 बार तमिलनाडु की सीएम बनीं। जयललिता ने कन्या भ्रूण हत्या की समस्या से निपटने के लिए 'क्रैडल टू बेबी स्कीम' शुरू की थी। इस स्कीम में करीब 18 लोक कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई थीं। वहीं अम्मा के नाम से चलाई जा रही योजनाएं या तो पूरी तरह से फ्री थीं, या फिर उन स्कीमों पर भारी सब्सिडी दी जाती थी। साथ ही अम्मा कैंटीन में शहरी गरीबों को एक रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जाता था।मृत्युवहीं 05 फरवरी 2016 को 68 साल की उम्र में जयललिता ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था।

Jayalalithaa Birth Anniversary: जयललिता ने ऐसे तय किया था अभिनेत्री से तमिलनाडु के सीएम तक का सफर
Haqiqat Kya Hai
लेखक: सिमा शर्मा, टीम नीतानागरी
जयललिता का नाम भारतीय राजनीति में एक अद्वितीय स्थान रखता है। एक अभिनेत्री के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने के बाद, उन्होंने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के पद तक का सफर तय किया। उनका यह सफर न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया। इस विशेष अवसर पर, उनकी जयंती पर हम उनके अद्वितीय जीवन और संघर्षों पर नजर डालते हैं।
शुरुआत: अभिनय से राजनीति तक
जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को मैसूर में हुआ। अपने अभिनय करियर की शुरुआत उन्होंने 1960 के दशक में की थी। उन्होंने कई लोकप्रिय फिल्मों में काम किया, जिसमें 'श्री रामराज्यम' और 'हरिहरनाथ' शामिल हैं। उनके अभिनय कौशल और आकर्षण ने उन्हें दर्शकों के बीच एक खास स्थान दिलाया।
राजनीति में कदम रखना
जयललिता ने 1982 में राजनीति में कदम रखा और अन्नाद्रमुक पार्टी में शामिल हुई। तत्कालीन मुख्यमंत्री एम.जी. रामचंद्रन के साथ उनकी नजदीकी ने उन्हें पार्टी में प्रमुखता दिलाई। 1989 में विधानसभा चुनावों के लिए वे पहली बार उम्मीदवार बनीं और जीत हासिल की। इसके बाद, उन्होंने अपने राजनीतिक सफर को मजबूती से आगे बढ़ाया।
मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
1991 में, जयललिता ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की गईं, जैसे मुफ्त दूध वितरण, महिला अधिकारिता, और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार। उन्होंने अपने नेतृत्व में पार्टी को मजबूत किया और तमिलनाडु में विकास की नई धाराएं प्रवाहित कीं।
विरासत और प्रभाव
जयललिता का जीवन हमें यह सिखाता है कि कठिन परिश्रम और ताकत के माध्यम से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनके शासनकाल की खासियत यह थी कि उन्होंने हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ किया। उनका प्रभाव आज भी तमिलनाडु की राजनीति में नजर आता है। उनकी जयंती पर हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और उनके कार्यों को याद करते हैं।
निष्कर्ष
जयललिता का सफर न केवल एक अभिनेत्री से मुख्यमंत्री का था, बल्कि यह साहस, दृढ़ता और संघर्ष की कहानी भी है। उनके द्वारा की गई पहलों और कार्यक्रमों ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उन्होंने जिस प्रकार से अपनी पहचान बनाई, वह हर किसी को प्रेरित करती है। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।
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