Gayatri Devi Birth Anniversary: भारत की सबसे खूबसूरत महारानी थीं गायत्री देवी, ऐसा रहा राजनीतिक सफर
भारत की महिलाएं हर क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपना परचम लहरा रही हैं। आज ही के दिन यानी की 23 मई को महारानी गायत्री देवी का जन्म हुआ था। वह शाही परिवार से ताल्लुक रखती थीं। गायत्री देवी ने शादी के बाद न सिर्फ अपने राज्य को संभाला बल्कि राजनीति में भी अहम योगदान दिया था। उस दौर में महारानी गायत्री देवी की टक्कर इंदिरा गांधी से हुआ करती हैं। माना जाता है कि वह किसी भी मामले में इंदिरा गांधी से कम नहीं थीं। वहीं कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि इंदिरा गांधी को गायत्री देवी से जलन थीं। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर गायत्री देवी के राजशाही जीवन और राजनीतिक करियर के बारे में...जन्म और परिवारलंदन में 23 मई 1919 को महारानी गायत्री देवी का जन्म हुआ था। वह जयपुर के राजघराने से ताल्लुक रखती थीं। इनके पिता का नाम राजकुमार जितेंद्र नारायण था, जोकि बंगाल में कूचबिहार के युवराज के छोटे भाई थे। कूंच बिहार के राजा की मृत्यु के बाद जितेंद्र नारायण वहां के राजा बन गए। महारानी गायत्री और उनके अन्य भाई-बहन छोटे ही थे, जब उनके पिता का निधन हो गया था। जिसके बाद माता इंदिरा राजे ने राजघराने और बच्चों को संभाला था।इसे भी पढ़ें: Raja Ram Mohan Roy Birth Anniversary: राजा राम मोहन राय ने बनवाया था सती प्रथा के खिलाफ कानून, एकेश्वरवाद के थे समर्थकलव लाइफ और शादीगायत्री देवी प्यार और शादी के मामले में अपनी मां इंदिरा राजे जैसी ही थीं। सिर्फ 12 साल की उम्र में उनको जयपुर के राजा मानसिंह बहादुर से प्यार हो गया। जबकि मानसिंह की पहले से दो शादियां हो चुकी थीं। मानसिंह गायत्री देवी से 9 साल बड़े थे। जब गायत्री देवी 16 साल की हुईं, तो मानसिंह ने उनसे शादी के बारे में पूछा, वहीं गायत्री देवी ने हामी भर दी और समाज के खिलाफ जाकर मानसिंह से शादी कर ली।राजनीतिक जीवनमानसिंह बहादुर से शादी के बाद गायत्री सिंह जयपुर की महारानी बन गईं। उनको न तो बंगाली और न ही राजस्थानी भाषा सही से बोलनी आती थी। वह अंग्रेची और फ्रेंच में बात किया करती थीं। उस दौर में गायत्री सिंह को सबसे सुंदर महिला का खिताब मिला था। हालांकि राजनीति में गायत्री देवी को अपनी बेबाकी के लिए भी जाना जाता था। साल 1962 में स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और 1 लाख 92 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। उस दौरान इतनी बड़ी जीत की वजह से उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया था।इंदिरा गांधी से विवादएक बार गायत्री देवी की संसद में जवाहर लाल नेहरू से बहस हो गई थी। हालांकि नेहरू और गायत्री देवी के बीच राजनीतिक विरोध था। लेकिन जब इंदिरा गांधी राजनीति में आईं, तो यह निजी बन गया। गायत्री देवी और इंदिरा गांधी दोनों एक-दूसरे को बचपन से जानती थीं। एक बार सदन में इंदिरा गांधी ने गायत्री देवी को कांच की गुड़िया कहकर पुकारा था। दोनों का एक किस्सा मशहूर है, जब महारानी गायत्री देवी को जेल में डालकर इंदिरा गांधी ने जयगढ़ के किले में फौज भेज दी थी। मृत्युवहीं 29 जुलाई 2009 को 90 साल की उम्र में महारानी गायत्री देवी का निधन हो गया था।

Gayatri Devi Birth Anniversary: भारत की सबसे खूबसूरत महारानी थीं गायत्री देवी, ऐसा रहा राजनीतिक सफर
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आज, 23 मई को, हम महारानी गायत्री देवी के जन्मदिन का जश्न मना रहे हैं, जो भारतीय राजनीति और समाज में एक महत्वपूर्ण नाम हैं। भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपना परचम लहरा रही हैं, और गायत्री देवी ने इसे साबित किया।
जन्म और परिवार
गायत्री देवी का जन्म 23 मई 1919 को लंदन में हुआ था। वह जयपुर के राजघराने से ताल्लुक रखती थीं। उनके पिता का नाम राजकुमार जितेंद्र नारायण था, जो कूचबिहार के राजा के छोटे भाई थे। उनके पिता की मृत्यु के बाद, उनकी मां इंदिरा राजे ने परिवार और राजघराने की जिम्मेदारियों को संभाला।
लव लाइफ और शादी
गायत्री देवी ने प्यार और शादी में भी अपनी मां का अनुसरण किया। महज 12 साल की उम्र में, उनका दिल जयपुर के राजा मानसिंह बहादुर पर आया, जो उनसे 9 साल बड़े थे और पहले से दो विवाह कर चुके थे। जब गायत्री देवी 16 साल की हुईं, तो उन्होंने समाज की अवधारणाओं को चुनौती देते हुए मानसिंह से विवाह किया।
राजनीतिक जीवन
गायत्री देवी ने मानसिंह के साथ विवाह के बाद जयपुर की महारानी का सम्मान प्राप्त किया। वह न तो बंगाली और न ही राजस्थानी बोलने में दक्ष थीं। उन्हें अंग्रेजी और फ्रेंच बोलने में महारत थी। 1962 में, स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर गायत्री देवी ने लोकसभा चुनाव में भाग लिया और 1 लाख 92 हजार वोटों से जीत हासिल की। यह जीत उन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करने के लिए योग्य बनाती है।
इंदिरा गांधी से विवाद
गायत्री देवी और इंदिरा गांधी के बीच राजनीतिक उलझनों के कारण स्थितियां निजी हो गई थीं। दोनों के बीच बहस और बयानबाजी हुई। एक बार, इंदिरा गांधी ने गायत्री देवी को "कांच की गुड़िया" कहकर पुकारा, जो दर्शाता है कि उनके बीच संबंध कितने जटिल थे। एक विवादास्पद घटनाक्रम में, इंदिरा गांधी ने गायत्री देवी को जेल में डालने का आदेश दिया, जो इस विवाद का हृदय बिंदु बना।
मृत्यु
गायत्री देवी का निधन 29 जुलाई 2009 को 90 वर्ष की आयु में हुआ। उनके योगदान और संघर्षों को भारतीय राजनीति में कभी नहीं भुलाया जा सकता। वह हमेशा से एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व रहीं हैं उन सभी के लिए जो सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन की चाह रखते हैं।
गायत्री देवी की जीवन यात्रा हमें यह सिखाती है कि एक महिला अपने अधिकारों और स्थान के लिए संघर्ष कर सकती है, चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों।
तो आइए, उनकी जयंती पर हम इस महान महिला को सम्मान दें और उनके कार्यों को याद करें।
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