China भेजने वाला था अपनी प्राइवेट आर्मी, तभी पाकिस्तान पर एक साथ हो गया 72 हमला
पाकिस्तान पर एक साथ 72 हमले किए गए हैं। ये हमले बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना और पाकिस्तानी सरकार पर किए गए हैं। लगभग एक ही समय में हुए इन सीरियल हमलों में पाकिस्तान की सेना, सुरक्षा जवानों, पुलिस की चौकियों, सरकारी दफ्तरों, खुफिया एजेंसियों और सरकार की संपत्तियों को निशाना बनाया गया है। दावा किया जा रहा है कि इन कॉर्डिनेटेड हमलों में कम से कम 32 पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए हैं। जबकि 40 से ज्यादा जवान घायल हैं। इन हमलों को करने से पहले बलूचिस्तान में 30 जगहों पर हाइवे बंद कर दिए गए और पाकिस्तानी सेना की गाड़ियां उड़ा दी गई। हैरान करने वाली बात ये है कि पाकिस्तानी सेना पर ये 72 हमले ऐसे समय में हुए हैं जब बलूचिस्तान के लोग भारत से मदद मांग रहे हैं और चीन का विरोध कर रहे हैं। पाकिस्तान पर ये हमले बीआरएएस नाम के एक समूह ने किए हैं। बीआरएएस यानी बलूच राजी आजोई संगर जिसे बनाने के लिए बलूचों के तीन संगठन ने हाथ मिला लिए थे। इसे भी पढ़ें: हमला होकर रहेगा...ईरान ने उतार दिए 3000 जहाज, ट्रम्प की बमबारी की धमकी के बाद लिया बड़ा फैसलाक्या है बीआरएएसपिछले महीने ही बलूचिस्तान की पाकिस्तान से आजादी की वकालत करने वाले विभिन्न सशस्त्र संगठनों के गठबंधन बलूच राजी आजोई संगर (बीआरएएश) के नेतृत्व में बलूच प्रतिरोध समूहों ने पाकिस्तान और चीन के खिलाफ एक नए तीव्र हमले की घोषणा की थी। बीआरएएस में बलूच लिबरेशन आर्मी, बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट, बलूच रिपब्लिकन गार्ड्स, सिंधी लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन और सिंधुदेश रिवोल्यूशनरी आर्मी जैसे विभिन्न सशस्त्र संगठन शामिल हैं। एक बयान में कहा गया कि बलों ने एक संयुक्त संगठन बनाने का फैसला किया है, जो बलूच नेशनल आर्मी के रूप में काम करेगा। संगठन के नेताओं ने कहा कि जमीनी स्तर पर सभी क्षेत्रों में संगठनात्मक और सैन्य नींव को मजबूत और पुनर्गठित करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी। ईद के बाद बड़े हमले की तैयारी में थी पाक सेनाबीआरएएस समूह ने बताया है कि वो इतने बड़े पैमाने पर कॉर्डिनेटेड तरीके से पाकिस्तान पर हमला कर सकता है। जिस सटीकता से हमले किए गए हैं उसके लिए प्लानिंग, कॉर्डिनेशन, हथियार और इंटेलिजेंस की जरूरत होती है। ये सभी शक्तियां बलूचों ने हासिल कर ली है। पाकिस्तान की सेना ईद के बाद बलूचिस्तान पर बड़े हमले की तैयारी कर रही थी। इसके लिए पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान के अलग अलग इलाकों में अपने कई सैनिक तैनात कर दिए थे। पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान की एक्टविस्ट महरंग बलोच को भी गिरफ्तार कर लिया। लेकिन बीआरएएस ने ऐसा बदला लिया कि पाकिस्तान की धज्जियां उड़ गई हैं। इसे भी पढ़ें: Modern Day Wars Part 3 | गाजा और इजरायल की जंग क्या रूस-यूक्रेन वॉर से है अलग? | Teh Takचीन भेजने वाला है प्राइवेट आर्मीखबरें तो यहां तक हैं कि बीआरएएस ने ये 72 हमले इसलिए किए हैं ताकी चीन को एक संदेश दिया जा सके। चीन पाकिस्तान में अपनी प्राइवेट आर्मी भेज रहा है। इस प्राइवेट आर्मी का काम चीन के सीपैक प्रोजेक्ट की रक्षा करना है। लेकिन चीन के प्राइवेट आर्मी के आने से पहले ही बलूचों ने अपनी सेना की ताकत दिखा दी है। इस बीच, पाकिस्तानी शासन पर बलूच प्रदर्शनकारियों और कार्यकर्ताओं पर कथित नरसंहार और हिंसक कार्रवाई का भी आरोप लगाया जाता रहा है, तथा पिछले कई दशकों से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

China भेजने वाला था अपनी प्राइवेट आर्मी, तभी पाकिस्तान पर एक साथ हो गया 72 हमला
परिचय
इस समय विश्व के राजनीतिक दृष्य में भारी हलचल मची हुई है। चीन ने अपनी प्राइवेट आर्मी पाकिस्तान भेजने की योजना बनाई थी, लेकिन ऐसा होने से पहले ही पाकिस्तानी सीमा पर एक साथ 72 हमले हुए। यह घटनाएं न केवल दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाती हैं, बल्कि पूरे क्षेत्र में सुरक्षा सूचकांक को भी प्रभावित करती हैं। आइए, इस मुद्दे की गहराई में जाकर समझते हैं कि "Haqiqat Kya Hai।"
चीन की प्राइवेट आर्मी का क्या है महत्व?
चीन की प्राइवेट आर्मी को लेकर कई अफवाहें और कयास लगाए जा रहे थे। चीन ने अपने सैन्य आंतरिक मामलों में इन आकाओं के इस्तेमाल की योजना पर विचार किया था। यह सेना विशेष रूप से एशियाई देशों में अपनी शक्ति बढ़ाने के इरादे से सक्रिय हो रही थी। विवादास्पद मुद्दा यह है कि क्या चीन अपने निजी सैन्य कर्मियों को पाकिस्तान भेजने में सक्षम होगा या नहीं।
पाकिस्तान पर हुए 72 हमले
पाकिस्तान में एक साथ 72 हमले होना अत्यंत चिंताजनक है। यह एक मिलीभगत का संकेत है, जिसमें आतंकी संगठन और विभिन्न समूह शामिल हो सकते हैं। यह हमले न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए एक चुनौती हैं, बल्कि क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर भी असर डाल सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन हमलों के प्रभाव से चीन की योजनाओं में विघ्न आ सकता है।
द्विपक्षीय संबंधों पर प्रभाव
चीन और पाकिस्तान के बीच वर्षों से गहरे संबंध रहे हैं। लेकिन इस तरह के हमलों से द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ सकता है। पाकिस्तान की सरकार को अपनी आंतरिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जिससे कि चीन की योजना प्रभावित हो सके। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पाकिस्तान अपनी सुरक्षा के लिए चीन की सहायता लेने पर सहमत होगा या नहीं।
निष्कर्ष
सारांश में, चीन द्वारा प्राइवेट आर्मी भेजने की योजना और पाकिस्तान पर एक साथ हुए हमले दोनों ही महत्त्वपूर्ण घटनाएं हैं। यह घटनाएं यह दर्शाती हैं कि कैसे क्षेत्रीय तनाव और विदेश नीति एक दूसरे पर प्रभाव डाल सकते हैं। भारत सहित आस-पड़ोस के देशों को इन घटनाओं पर नज़र रखनी चाहिए।
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