Macron की राह का सबसे बड़ा रोड़ा हटा, फ्रांस की प्रमुख विपक्षी नेता पर कोर्ट ने 5 साल के ल‍िए लगा द‍िया बैन

फ्रांस की दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन को 2027 के राष्ट्रपति चुनाव से रोक दिया गया है। उन्हें यूरोपीय संसद के धन के गबन का दोषी पाया गया। कोर्ट ने उन्हें 5 साल तक सार्वजनिक पद के लिए चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया। यह उनके लिए बड़ा राजनीतिक झटका है। ले पेन को 4 साल की जेल की सजा सुनाई गई, जिसमें से 2 साल निलंबित हैं और बाकी 2 साल जेल के बाहर इलेक्ट्रॉनिक ब्रेसलेट के साथ गुजारने होंगे। उनकी पार्टी नेशनल रैली ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया। इसे भी पढ़ें: About the Eiffel Tower | जब प्रतिष्ठित एफिल टॉवर का पूरा हुआ निर्माण, 1710 सीढ़ियाँ चढ़कर फहराया था झंड़ा, जानें इस विशाल इमारत की कहानीमैक्रों की राह कैसे हुई आसानइस फैसले ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की उत्तराधिकारी के रूप में प्रबल दावेदार मानी जा रहीं पेन के करियर पर प्रश्नचिह्न लगा दिया। मैकों का दूसरा और अंतिम कार्यकाल 2027 में समाप्त होगा। अदालत के इस फैसले से नाखुश पेन के कुछ राजनीतिक विरोधियों ने भी कहा कि अदालत ने कुछ ज्यादा ही सख्त रुख अख्तियार किया। मुख्य न्यायाधीश ने जब यह फैसला सुनाया उस समय पेन अदालत में नहीं थीं। अदालत का यह फैसला दक्षिणपंथी नेता के करियर को बर्बाद कर सकता है। फैसला सुनाए जाने तक पेन अदालत से बाहर निकल चुकी थीं। न्यायाधीश ने पहले उन्हें सार्वजनिक पद पर आसीन होने से रोक दिया था हालांकि उन्होंने शुरू में यह स्पष्ट नहीं किया था कि कि पेन कब तक पद की दौड़ में शामिल होने के लिए अयोग्य हैं। पेन ने हालांकि तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उनके समर्थकों ने जल्द ही फैसले पर अपनी नाखुशी जाहिर कर दी। इसे भी पढ़ें: भारत की धाक, अमेरिका-ब्रिटेन-फ्रांस जुड़े अब तक 42 देश, इस संस्था के लिए लग गई लाइन2 साल बाद होने हैं चुनावपेन अगर चुनाव में खड़ी नहीं होती हैं तो उनके 29 वर्षीय सहायक जॉर्डन बार्डेला राष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभर सकते हैं। जॉर्डन बार्डेला ने एक्स पर कहा कि पेन के साथ अन्याय किया जा रहा है और फ्रांस में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। पेन के राजनीतिक विरोधियों में शामिल और इस फैसले से असहज कन्जरवेटिव सांसद लॉरेंट वाउकीज ने कहा कि अदालत के फैसले ने हमारे लोकतंत्र पर दबाव बढ़ा दिया है। इस फैसले के खिलाफ अपील में पक्ष में फैसला आने के बाद ही पेन की राष्ट्रपति बनने की उम्मीदें फिर से जाग सकती हैं। हालांकि चुनाव सिर्फ दो वर्ष बाद है और ऐसी कोई गारंटी नहीं है कि अपील का फैसला पेन के पक्ष में ही होगा। अदालत का फैसला पेन की पार्टी के लिए करारी हार जैसा है। न्यायाधीश ने पेन की पार्टी के आठ अन्य वर्तमान या पूर्व सदस्यों को भी दोषी करार दिया। अदालत ने पेन और पार्टी सांसदों के अलावा उन 12 अन्य लोगों को भी दोषी ठहराया, जो पेन और वर्तमान नेशनल रैली पार्टी (पूर्व में नेशनल फ्रंट) के संसदीय सहयोगी के रूप में काम करते थे।

Apr 1, 2025 - 13:39
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Macron की राह का सबसे बड़ा रोड़ा हटा, फ्रांस की प्रमुख विपक्षी नेता पर कोर्ट ने 5 साल के ल‍िए लगा द‍िया बैन
Macron की राह का सबसे बड़ा रोड़ा हटा, फ्रांस की प्रमुख विपक्षी नेता पर कोर्ट ने 5 साल के ल‍िए लगा द‍िया बैन

Macron की राह का सबसे बड़ा रोड़ा हटा, फ्रांस की प्रमुख विपक्षी नेता पर कोर्ट ने 5 साल के लिए लगा दिया बैन

Haqiqat Kya Hai

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के लिए राजनीतिक हलचल का समय है। हाल ही में, फ्रांस की प्रमुख विपक्षी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री, जोआन बार्नियर, पर कोर्ट ने 5 साल का बैन लगा दिया है। यह फैसला उन्हें फ्रांसीसी राजनीति में सबसे बड़ा रोड़ा समझा जा रहा है। इस लेख में हम इस घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी देंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि यह फैसला प्रमुख विपक्षी पार्टी के लिए किन चुनौतियों का सामना करवा सकता है।

बैन की वजहें

जस्टिस कोर्ट ने जोआन बार्नियर पर यह बैन मुख्यत: उनके भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में घिरने के बाद लगाया। रिपोर्ट्स के अनुसार, बार्नियर पर कई बार आरोप लगे हैं कि वे सरकारी पदों पर अपने लाभ के लिए गलत तरीके से लाभ उठाती रही हैं। कोर्ट के इस फैसले से विपक्षी पार्टियों में एक अजीब सी सन्नाटा छा गया है और उनके समर्थक हताश हैं।

मैक्रों के लिए मौका

इस फैसले के बाद, इमैनुएल मैक्रों के लिए राजनीतिक दिशा बदलने का एक सुनहरा अवसर है। विपक्ष की ताकत कमजोर होने से, मैक्रों को अपने कानूनों और नीतियों को लागू करने में अधिक सुविधा मिलेगी। यह बैन ना केवल उनकी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि इससे फ्रांस में उनकी सरकार की स्थिरता भी बढ़ने की संभावना है।

राजनीतिक प्रभाव

जोआन बार्नियर का यह बैन फ्रांस की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। इसके कारण, कई विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चुनावों में विपक्ष के पास मजबूत नेता नहीं होगा। इससे मैक्रों की पार्टी को अधिक लाभ होगा और वे अपने एजेंडे को बिना किसी बड़ी रुकावट के धरातल पर उतार सकेंगे।

समर्थन और प्रतिक्रिया

इस फैसले के बाद बार्नियर के समर्थकों ने न्यायालय के निर्णय को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। उनके समर्थकों का मानना है कि यह बैन उन पर असाधारण तरीके से व्यक्तिगत हमले करने के लिए है। काफी लोगों का इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया है और सोशल मीडिया पर इसकी ख़बरें तेजी से फैल रही हैं।

निष्कर्ष

फ्रांस के राजनीतिक परिदृश्य पर यह बैन एक महत्वपूर्ण घटना है। आने वाले समय में यह देखना रोचक होगा कि क्या मैक्रों इस मौके का सही इस्तेमाल कर पाते हैं या नहीं। वहीं, विपक्ष की स्थिति को मजबूत करने के लिए किसी नए नेता की खोज जरूरी होगी। आखिरकार, जो भी हो, यह घटना हमारी राजनीतिक जगत को नया मुकाम दे सकती है।

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