BJP ने सुरेश राठौर को निष्कासित किया, दो पत्नी प्रकरण और UCC पर बयान बना कारण
देहरादून : भाजपा ने ज्वालापुर से पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता सुरेश राठौर को पार्टी The post BJP ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर को किया निष्कासित, दो पत्नी प्रकरण और UCC पर बयान बना कारण first appeared on radhaswaminews.

BJP ने सुरेश राठौर को निष्कासित किया, दो पत्नी प्रकरण और UCC पर बयान बना कारण
देहरादून : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ज्वालापुर से पूर्व विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता सुरेश राठौर को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय राठौर के व्यक्तिगत और सार्वजनिक आचरण के कारण लिया गया, जिसने पार्टी की छवि को हानि पहुंचाई है।
सुरेश राठौर का विवादास्पद बयान
हाल ही में सुरेश राठौर ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर एक ऐसा विवादित बयान दिया, जिसने पार्टी की नीति पर सवाल उठाया। राठौर ने अपनी पहली पत्नी और परिवार के सामने दूसरी महिला से विवाह कर उसे आधिकारिक पत्नी का दर्जा दिया, जिससे न केवल पार्टी में बल्कि समाज में भी उथल-पुथल मच गई। यह घटना सहारनपुर जिले में हुई और इसके वीडियो ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ लिया।
सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियाएँ
सुरेश राठौर का नाम लंबे समय से अभिनेत्री उर्मिला सनावर से जुड़े विवादों में रहा है। दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई कानूनी मामले दर्ज कराए हैं। हाल ही में राठौर ने उसी अभिनेत्री से विवाह कर लिया, जिससे मामला और बढ़ गया। इस विवाह का वीडियो जब ऑनलाइन सामने आया, तो भाजपा की नेतृत्व टीम ने तुरंत कार्रवाई करने का निर्णय लिया।
पार्टी द्वारा लिया गया सख्त कदम
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने सुरेश राठौर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें उनकी अनुशासनहीनता का उल्लेख किया गया था। नोटिस में सात दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब मांगा गया था, अन्यथा पार्टी को कार्रवाई करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
जब राठौर की गतिविधियाँ लगातार मीडिया और सोशल मीडिया में पार्टी के मूल्यों और अनुशासन के विपरीत दिखने लगीं, तो पार्टी ने उन्हें निष्कासित करने का फैसला किया।
भाजपा की कार्रवाई का महत्व
भाजपा की यह कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश देती है कि पार्टी अनुशासन और आचार संहिता के प्रति कितनी गंभीर है। यह उन नेताओं के लिए एक चेतावनी है जो व्यक्तिगत आचरण के मामले में अनुशासन की सीमाओं को लांघते हैं। यह दर्शाता है कि भाजपा अपनी छवि और मूल्यों को बनाए रखने के लिए किसी भी कीमत पर कार्रवाई करने के लिए तैयार है।
निष्कर्ष
सुरेश राठौर के निष्कासन का फैसला भारतीय राजनीति में व्यक्तिगत आचरण के महत्व को स्पष्ट करता है। यह घटना न केवल एक राजनीतिक निर्णय है, बल्कि सामाजिक मानदंडों की भीहाइलाइट करती है। इसके माध्यम से यह देखा जा सकता है कि भाजपा अपने सिद्धांतों के प्रति कितनी गंभीर है और व्यक्तिगत आचरण के प्रभाव को कैसे देखती है।
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