‘3.5 फीट’ लच्छू पहाड़ी ने ऊंचे उम्मीदवारों को दी मात, BDC सदस्य बने
बागेश्वर : उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 में बागेश्वर जनपद के गरुड़ ब्लॉक से लच्छू पहाड़ी The post ‘3.5 फीट’ के लच्छू पहाड़ी के सामने बौने साबित हुए ‘लंबे-लंबे प्रत्याशी’, पहाड़ जैसे हौसले से हासिल की जीत, बने BDC मेंबर first appeared on radhaswaminews.

‘3.5 फीट’ लच्छू पहाड़ी ने ऊंचे उम्मीदवारों को दी मात, BDC सदस्य बने
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बागेश्वर: उत्तराखंड पंचायत चुनाव 2025 में बागेश्वर जनपद के गरुड़ ब्लॉक से लच्छू पहाड़ी का नाम तेजी से चर्चा में आया है। छोटे कद के बावजूद, उन्होंने अपनी शानदार जीत से यह साबित कर दिया कि राजनीतिक नेतृत्व के लिए केवल कद का होना आवश्यक नहीं है, बल्कि सेवा और हौसले का होना भी बेहद महत्वपूर्ण है।
लच्छू पहाड़ी की अद्वितीय यात्रा
हम बात कर रहे हैं लक्ष्मण कुमार, जिन्हें पहाड़ी लच्छू के नाम से जाना जाता है, की। उनकी हाइट मात्र 3.5 फीट है, लेकिन उन्होंने जनसेवा की लगन और जमीनी जुड़ाव से जैसर गढ़खेत क्षेत्र पंचायत सीट से BDC (क्षेत्र पंचायत सदस्य) का चुनाव जीता। इस दौड़ में उनके हौसले ने उन्हें उन उच्च कद वाले प्रत्याशियों से भी आगे निकाल दिया जो पहले उनका मजाक उड़ाते थे।
लच्छू का अनोखा प्रचार तरीका
लच्छू, जो एक लोक कलाकार भी हैं, उनकी पहचान इस बात से भी होती है कि उन्होंने अपने प्रचार में कभी बाइक से तो कभी घोड़े पर सवार होकर गांव-गांव का दौरा किया। सोशल मीडिया पर भी उनकी लोकप्रियता है, जहां वह गीत, नृत्य और अभिनय के जरिए जनता से जुड़ते हैं। यह उनके अनूठे प्रचार के तरीके में शामिल था, जिसने जन-संपर्क को बहुत सफल बनाया।
विस्फोटक चुनावी परिणाम
चुनाव में लच्छू को 348 वोट मिले, जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी कैलाश राम को 230, पप्पू लाल को 227 और प्रताप राम को 181 वोट मिले। इस तरह लच्छू ने 118 वोटों के अंतर से शानदार जीत हासिल की। यह परिणाम देश की ग्रामीण आबादी की बदलती सोच को दर्शाता है, जो अब योग्यताओं और अच्छे इरादों को प्राथमिकता देने लगी है।
लच्छू की नई जिम्मेदारियां और दृष्टि
लच्छू एक स्वाभाविक नेता हैं, जो गाँव के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने कहा है कि "गाँव की सुविधा के लिए मैं काम करूंगा, चाहे वह सड़क हो, शिक्षा या स्वास्थ्य।" अब जब वह BDC सदस्य बन चुके हैं, तो उनकी प्राथमिकता इन मुद्दों को हल करना रहेगा।
समाज में प्रेरणा का प्रतीक
इस चुनाव के माध्यम से लच्छू जैसे उम्मीदवारों की जीत ने स्पष्ट किया है कि ग्रामीण भारत में नेतृत्व के लिए अब केवल कद नहीं बल्कि काबिलियत और नीयत भी महत्वपूर्ण मानी जाने लगी है। उनकी जीत ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपने शारीरिक रूपों को सपनों की रुकावट मानते हैं।
“मेरा कद छोटा हो सकता है, लेकिन मेरा दिल और सोच बड़ी है। अब मेरा असली काम शुरू होता है, गाँव मेरा घर है, और अब मैं इसका सेवक हूं।” — लच्छू, नव-निर्वाचित BDC सदस्य
लच्छू की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची मेहनत और सेवाभाव के साथ किए गए प्रयास किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।
कम शब्दों में कहें तो, लच्छू पहाड़ी ने साबित किया है कि हौसला और सेवा भाव हमेशा जीतते हैं। इसके साथ ही उन सभी को सुचना देने का मौका देते हैं जो अपने सपनों पर संदेह करते हैं।
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