हिंदी पखवाड़े पर चिन्यालीसौड़ महाविद्यालय में “हिंदी भाषा में रोजगार के अवसर” पर महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन

चिन्यालीसौड़ : राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़, उत्तरकाशी में हिंदी पखवाड़े के उपलक्ष्य में “हिंदी भाषा में The post हिंदी पखवाड़े के अवसर पर चिन्यालीसौड़ महाविद्यालय में “हिंदी भाषा में रोजगार के अवसर” पर गोष्ठी आयोजित first appeared on radhaswaminews.

Sep 12, 2025 - 18:39
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हिंदी पखवाड़े पर चिन्यालीसौड़ महाविद्यालय में “हिंदी भाषा में रोजगार के अवसर” पर महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन
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हिंदी पखवाड़े पर चिन्यालीसौड़ महाविद्यालय में “हिंदी भाषा में रोजगार के अवसर” पर महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन

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कम शब्दों में कहें तो, चिन्यालीसौड़ के राजकीय महाविद्यालय में आयोजित इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य छात्रों को हिंदी भाषा में उपलब्ध रोजगार के अवसरों से अवगत कराना था।

चिन्यालीसौड़ : उत्तरकाशी स्थित राजकीय महाविद्यालय चिन्यालीसौड़ ने हिंदी पखवाड़े के उपलक्ष्य में “हिंदी भाषा में रोजगार के अवसर” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. प्रभात द्विवेदी ने दीप प्रज्वलन द्वारा किया।

मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. मंजू कोगियाल, प्रभारी प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय नैनबाग, टिहरी गढ़वाल ने ऑनलाइन माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा, “आत्मा की ध्वन्यात्मक अभिव्यक्ति ही भाषा है।” इस विचार के माध्यम से उन्होंने दर्शाया कि भाषा का विकास और उसकी संभावनाएँ समाज में कितनी महत्वपूर्ण हैं।

डॉ. कोगियाल ने संस्कृत से हिंदी भाषा के विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हिंदी में रोजगार की संभावनाएँ अत्यधिक हैं। वे छात्रों को प्रेरित करते हुए बताती हैं कि हिंदी के विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों जैसे अनुवादक, शिक्षक, लेखक, संपादक आदि में अपने करियर को आकार दे सकते हैं।

कार्यक्रम के संयोजक और हिंदी विभाग के प्रोफेसर, डॉ. यशवंत सिंह पंवार ने 21वीं सदी को हिंदी के उत्कर्ष की सदी करार दिया। उन्होंने धराली आपदा के संदर्भ में अपनी स्वरचित कविता प्रस्तुत की और हिंदी को सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि भाषाओं की परंपरा बताया। प्राचार्य प्रो. द्विवेदी ने छात्रों को अधिक से अधिक पुस्तकें पढ़ने और एन-लिस्ट जैसे विविध संसाधनों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बेबिलोनिया, सेपियंस और निएंडरथल के उदाहरणों के माध्यम से भाषा की शक्ति को स्पष्ट किया।

वरिष्ठ प्राध्यापक, डॉ. किशोर सिंह चौहान ने छात्रों को हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में सृजनात्मक लेखन के लिए प्रोत्साहित किया। इस गोष्ठी में छात्रों ने स्वरचित कविताएँ, भाषण और गीत प्रस्तुत किए। आइसा भट्ट, आंचल, मुस्कान, गौरी, रवीना रीमल, आदित्य, प्रवेश, विकास, दीक्षा और शालिनी जैसे छात्रों की प्रस्तुतियों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।

इस कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में डॉ. निशि दुबे, डॉ. सुगंधा वर्मा, डॉ. आराधना राठौर, डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल, डॉ. आलोक बिजल्वाण, डॉ. नेहा बिष्ट और डॉ. मंजू पांडे शामिल रहे। गोष्ठी का समापन धन्यवाद ज्ञापन और जलपान के साथ हुआ।

इसके अलावा, इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों में जागरूकता बढ़ाई, बल्कि हिंदी भाषा को उसकी वास्तविक संभावनाओं के साथ जोड़ने का भी प्रयास किया है। अगर आप इस प्रकार की और जानकारी चाहते हैं, तो आप हमारी वेबसाइट Haqiqat Kya Hai पर जाकर देख सकते हैं।

आप इस गोष्ठी के बारे में अपने विचार हमें बताएं और हिंदी भाषा की महत्वता पर चर्चा करें।

सादर,
टीम Haqiqat Kya Hai (आर्या शर्मा)

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