सीएम धामी का ग्राउंड जीरो पर सक्रियता का अनिवार्यता पर जोर – आपदा प्रबंधन में नए आयाम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि धराली आपदा हो या सिल्कयारा का संकट, मात्र कार्यालय से निर्देश जारी करने की बजाय वे ग्राउंड जीरो पर रहकर कार्य करने पर विश्वास करते हैं | शासन के उच्च अधिकारियों को भी आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में कैंप कर करके स्थिति पर सीधी निगरानी रखने के निर्देश दिए […]
सीएम धामी का ग्राउंड जीरो पर सक्रियता का अनिवार्यता पर जोर – आपदा प्रबंधन में नए आयाम
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में राज्य में आपदा प्रबंधन को लेकर एक महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के लिए केवल कार्यालय से निर्देश देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि ग्राउंड जीरो पर रहकर समस्याओं का समाधान करना अधिक प्रभावी है। विशेष रूप से धराली आपदा और सिल्कयारा संकट के संदर्भ में उन्होंने यह बात कही। उनका मानना है कि उच्च अधिकारियों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कैंप लगाकर स्थिति की सीधी निगरानी करनी चाहिए।
ग्राउंड जीरो पर सक्रियता का महत्व
सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि "धराली आपदा हो या सिल्कयारा का संकट, केवल कागज़ी आदेशों से समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता।" उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे घटनास्थल पर मौजूद रहें ताकि तुरंत समाधान किया जा सके। यह दृष्टिकोण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि किसी भी आपदा के समय अत्यधिक विश्वसनीय और त्वरित निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। इस पहल के तहत, उच्च अधिकारियों को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रहने का निर्देश दिया गया ताकि वे वास्तविक स्थिति पर नजर रख सकें और आवश्यकतानुसार त्वरित कार्रवाई कर सकें।
यूनीफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) का सामाजिक प्रभाव
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में लागू होने जा रहे यूनीफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) की भी चर्चा की, जो एक महत्वपूर्ण सामाजिक बदलाव के प्रतीक के रूप में सामने आया है। उनका कहना था कि यह नीति सभी नागरिकों के अधिकारों की समानता सुनिश्चित करती है और समाज में महिलाओं को सुरक्षा और समानता प्रदान करती है। यूसीसी का यह निर्णय राज्य की सामाजिक संरचना में एक ऐतिहासिक घटना है, जो विभिन्न धर्मों और वर्गों की महिलाओं के लिए नई उम्मीदें लेकर आया है।
पारदर्शिता के लिए सख्त नकल विरोधी कानून
मुख्यमंत्री धामी ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के लिए उत्तराखंड में लागू किए गए सख्त नकल विरोधी कानून की सराहना की। उन्होंने कहा, "यह कानून देश में सबसे सख्त है, जिसके चलते पिछले चार वर्षों में 25,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है।” ऐसे प्रभावी कदमों से युवाओं में आत्मविश्वास का संचार हुआ है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी युवा के सपनों को कुचला न जाए।
विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए
कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी ने बताना चाहा कि उत्तराखंड हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर है। उनका यह मानना है कि विकसित भारत का संकल्प तभी साकार होगा जब उत्तराखंड के सभी क्षेत्रों का समग्र विकास हो। यह एक ऐसा युग है जब विकास की गारंटी देने के लिए प्रशासनिक पहलुओं को ग्राउंड जीरो पर सक्रिय करना जरूरी है।
समापन विचार: प्रशासन और जनभागीदारी
मुख्यमंत्री धामी ने निवासियों को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार प्रभावित क्षेत्रों की देखभाल के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उनका यह संकल्प उत्तराखंड के विकास में एक सकारात्मक दिशा को दर्शाता है। सीएम का यह दृष्टिकोण प्रशासकों को केवल कागजी निर्णय लेने से अधिक संवेदनशील और तुरंत प्रतिक्रिया देने वाले बनाता है।
इन पहलुओं के साथ, यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री धामी का दृष्टिकोण आपदा प्रबंधन और प्रशासन में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना, यह संदेश उन्होंने स्पष्ट किया है।
इन सभी घटनाक्रमों और नीतियों से यह प्रतीत होता है कि उत्तराखंड की सरकार आपदा प्रबंधन सहित अन्य क्षेत्रों में नई सोच और दिशा को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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