रूस ने कुर्स्क में पीछे से यूक्रेनी सैनिकों पर हमले के लिए गैस पाइपलाइन का इस्तेमाल किया
यूक्रेन की सेना और रूस के युद्ध ब्लॉगर्स ने दावा किया है कि रूसी विशेष बल कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी इकाइयों पर पीछे से हमला करने के लिए एक गैस पाइपलाइन के अंदर कई किलोमीटर पैदल चल कर गए। मॉस्को अपने सीमावर्ती प्रांत के कुछ हिस्सों को फिर से अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहा है, जिस पर कीव ने एक हमले में कब्जा कर लिया था। अगस्त में यूक्रेन ने कुर्स्क में सीमा के भीतर घुसकर एक दुस्साहसपूर्ण हमला किया था जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से रूसी क्षेत्र पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। कुछ ही दिन में, यूक्रेनी इकाइयों ने 1,000 वर्ग किलोमीटर (386 वर्ग मील) क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था जिसमें रणनीतिक सीमावर्ती शहर सुदजा भी शामिल था। कीव के अनुसार, इस अभियान का उद्देश्य भविष्य की शांति वार्ता में मोलभाव करना और रूस को पूर्वी यूक्रेन में अपने आक्रामक अभियान से सैनिकों को हटाने के लिए मजबूर करना था। लेकिन यूक्रेन के धमाकेदार अभियान के महीनों बाद, कुर्स्क में उसके सैनिक 50,000 से अधिक सैनिकों के लगातार हमलों से थके हुए हैं। हमला करने वालों में रूस के सहयोगी उत्तर कोरिया के कुछ सैनिक भी शामिल थे। युद्ध क्षेत्र के मानचित्रों से पता चलता है कि हजारों यूक्रेनी सैनिकों को घेर लिए जाने का जोखिम है। यूक्रेन में जन्मे, क्रेमलिन समर्थक एक ब्लॉगर द्वारा डाली गई टेलीग्राम पोस्ट के अनुसार, रूस के बल पाइपलाइन के अंदर लगभग 15 किलोमीटर (9 मील) तक चले, जिसका उपयोग मॉस्को हाल के दिनों तक यूरोप को गैस भेजने के लिए करता था। ब्लॉगर यूरी पोडोल्याका ने दावा किया कि कुछ रूसी सैनिकों ने सुदज़ा शहर के पास पीछे से यूक्रेनी इकाइयों पर हमला करने से पहले कई दिन पाइप में बिताए थे। यूक्रेन पर फरवरी 2022 के रूसी आक्रमण से पहले शहर में लगभग 5,000 निवासी थे और यहां पाइपलाइन के साथ प्रमुख गैस स्थानांतरण और मापन स्टेशन हैं। यह कभी यूक्रेनी क्षेत्र के माध्यम से रूसी प्राकृतिक गैस निर्यात के लिए एक प्रमुख केंद्र था। एक अन्य युद्ध ब्लॉगर ने कहा कि सुदजा के लिए भीषण लड़ाई चल रही है और रूसी सेना गैस पाइपलाइन के माध्यम से शहर में प्रवेश करने में सफल रही। ‘एसोसिएटिड प्रेस’ इन ब्लागर्स के खातों की प्रामाणिकता का सत्यापन नहीं कर सकी और रूस के अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। रूसी रक्षा मंत्रालय ने रविवार को बताया कि उसके सैनिकों ने सुदज़ा के उत्तर और उत्तर-पश्चिम में चार गांवों पर कब्जा कर लिया है, जिनमें से सबसे नजदीकी गांव शहर के केंद्र से लगभग 12 किलोमीटर (7.5 मील) दूर है। यह दावा मंत्रालय द्वारा सुदजा के पास तीन और गांवों पर कब्जा करने की रिपोर्ट के एक दिन बाद आया है। यूक्रेन ने रूसी दावों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक साक्षात्कार में कहा कि यूक्रेन शायद अस्तित्व में न रहे। फॉक्स न्यूज चैनल के कार्यक्रम संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स में एक साक्षात्कार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप से पूछा गया कि पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने यूक्रेन की मदद बंद कर दी, तो उसका अस्तित्व खत्म हो जाएगा। उन्होंने जवाब दिया, ‘‘खैर, वह वैसे भी बच नहीं सकता।

रूस ने कुर्स्क में पीछे से यूक्रेनी सैनिकों पर हमले के लिए गैस पाइपलाइन का इस्तेमाल किया
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: प्रिया वर्मा, टीम नेटानागरी
हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना में, रूस ने कुर्स्क क्षेत्र में एक नई रणनीति अपनाते हुए यूक्रेनी सैनिकों पर हमले के लिए गैस पाइपलाइन का इस्तेमाल किया। इस हमले ने बातचीत की मेज पर उपस्थित देशों में ध्यान आकर्षित किया है और विशेषज्ञों के बीच गंभीर चर्चा का विषय बन गया है।
हमले के पीछे की कहानी
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष ने पिछले कुछ वर्षों में कई भयानक मोड़ लिए हैं। हाल ही में, कुर्स्क में एक गैस पाइपलाइन का इस्तेमाल करते हुए यूक्रेनी सैनिकों पर हमले की पुष्टि हुई है। यह पाइपलाइन आमतौर पर गैस परिवहन के लिए उपयोग की जाती है, लेकिन इस बार इसे एक सैन्य उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया गया। इस हमले के दौरान, रूस ने गैस के साथ-साथ बम के विस्फोट जैसी तरकीबों का भी इस्तेमाल किया, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद, कई देशों ने रूस की कार्रवाई की निंदा की है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इसे एक गंभीर उकसावे के रूप में देखा है और तुरंत एक बैठक बुलाई है ताकि इस पर चर्चा की जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के हमले अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हैं।
गैस पाइपलाइन का सामरिक महत्व
गैस पाइपलाइनें सिर्फ ऊर्जा का स्रोत नहीं होतीं, बल्कि ये सैन्य रणनीतियों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। रूस ने इस हमले से पहले कई बार अपने ऊर्जा संसाधनों का उपयोग सैन्य ताकत के रूप में किया है, जो दर्शाता है कि ऊर्जा और सुरक्षा के बीच का संबंध कितना गहरा है।
निष्कर्ष
कुर्स्क में हुए इस हमले ने जंग के नए तरीकों को दर्शाया है और इसे देखना महत्वपूर्ण है कि यह आगे किस दिशा में बढ़ता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें इस घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में रूस और यूक्रेन के बीच स्थिति कैसे विकसित होती है।
कम शब्दों में कहें तो, इस हमले ने एक नया मोड़ लाया है, जो न केवल यूक्रेन के लिए बल्कि पूरे यूरोप के लिए चिंता का विषय है। इस पर गहरी निगरानी रखने की आवश्यकता है।
Keywords
Russia Ukraine conflict, Kursk gas pipeline attack, international reaction, military strategy, energy security, Ukraine soldiers attack, geopolitical tensionsWhat's Your Reaction?






