ट्रेन अपहरण के बाद अब Baloch Liberation Army ने सुरक्षा बलों के काफिले को बनाया निशाना, आत्मघाती हमले में 7 सैनिकों की मौत
ट्रेन अपहरण के बाद पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में अब सुरक्षा बलों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें सात जवानों की मौत हो गयी है। बलूच लिबरेशन आर्मी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। बीएलए ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया है कि उनके आत्मघाती हमले में 90 सैन्यकर्मी मारे गए हैं। हालांकि, सूत्रों ने अभी तक सात मौतों की पुष्टि की है। इस बीच, सुरक्षा बलों ने विस्फोट स्थल की घेराबंदी कर दी है। इसी के साथ इलाके की निगरानी के लिए ड्रोन लॉन्च किए गए हैं।कब और कहां हुआ हमला?क्वेटा से ताफ्तान जा रहे अर्धसैनिक फ्रंटियर कॉर्प (एफसी) के काफिले पर हमला नोश्की इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ। एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन से काफिले को टक्कर मार दी। बता दें, सुरक्षा बलों के इस काफिले में सात बस और दो वाहन शामिल थे। इसे भी पढ़ें: Crew 10 इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचा, नौ महीने बाद बुधवार को घर के लिए रवाना होंगे Butch Wilmore और Sunita Williamsपुलिस ने हमले की पुष्टि कीस्थानीय नोश्की पुलिस थाने के प्रमुख जफरुल्लाह सुमालानी ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि यह एक आत्मघाती हमला था। अधिकारी ने कहा, 'मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।' सुमालानी ने कहा कि हमले की जगह से मिले साक्ष्यों से पता चलता है कि एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को एफसी काफिले में घुसा दिया।बीएलए ने बयान जारी कियाइंडिया टुडे के अनुसार, बीएलए की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'बलूच लिबरेशन आर्मी की फिदायी इकाई मजीद ब्रिगेड ने कुछ घंटे पहले नोशकी में आरसीडी हाईवे पर रखशान मिल के पास वीबीआईईडी फिदायी हमले में कब्जे वाली पाकिस्तानी सेना के काफिले को निशाना बनाया। काफिले में आठ बसें थीं, जिनमें से एक विस्फोट में पूरी तरह नष्ट हो गई।'इसमें कहा गया, 'हमले के तुरंत बाद, बीएलए के फतेह दस्ते ने आगे बढ़कर एक और बस को पूरी तरह से घेर लिया, व्यवस्थित रूप से उसमें सवार सभी सैन्य कर्मियों को मार गिराया, जिससे दुश्मन के हताहतों की कुल संख्या 90 हो गई।' इसे भी पढ़ें: Donald Trump का सख्त रुख, Yemen के हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले के आदेश, अब तक 31 लोगों की मौतबुगती ने हमले की निंदा कीबलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने हमले की निंदा की और जानमाल का नुकसान होने पर दुख जताया। बुगती ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, 'बलूचिस्तान की शांति के साथ खिलवाड़ करने वालों का दुखदायी अंत होगा।' बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने भी निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर किए गए हमले की निंदा की।इससे पहले ट्रेन हाईजैक की थीइससे पहले इसी प्रांत में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के आतंकवादियों ने 11 मार्च को गुडलार और पीरू कुनरी के पहाड़ी इलाकों के पास 440 यात्रियों को लेकर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर घात लगाकर हमला किया था। सेना द्वारा 12 मार्च को सभी 33 आतंकवादियों को मार गिराने से पहले आतंकवादियों ने 21 यात्रियों और अर्धसैनिक बलों के चार जवानों को मार डाला था।

ट्रेन अपहरण के बाद अब Baloch Liberation Army ने सुरक्षा बलों के काफिले को बनाया निशाना, आत्मघाती हमले में 7 सैनिकों की मौत
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: नेहा शर्मा और सुमन सिंह, टीम न्यतानागरी
परिचय
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादियों की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में नेशनल एक्सप्रेस के ट्रेन अपहरण के बाद, Baloch Liberation Army ने एक सुरक्षा बल के काफिले पर आत्मघाती हमला किया, जिसमें 7 सैनिकों के शहीद होने की खबर है। यह घटना बलूचिस्तान के मस्तुंग जिले में हुई है, जिससे सुरक्षा बलों के लिए स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण हो गई है।
हमले का विवरण
20 अक्टूबर को हुए इस आत्मघाती हमले में नामजद आतंकवादी संगठन Baloch Liberation Army ने बम से भरी गाड़ी का उपयोग किया। इस हमले में सुरक्षा बलों के काफिले को निशाना बनाया गया, जिसमें सेना के कई जवान शामिल थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास के क्षेत्र में जोरदार आवाज सुनाई दी और कई लोग घायल भी हुए।
सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया
हमले के तुरंत बाद, सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और संदिग्धों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया। प्रशासन ने कहा है कि हमले के पीछे बलूच लिबरेशन आर्मी का हाथ है, जो कि पाकिस्तान के खिलाफ अपनी अलगाववादी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। ये घटनाएं उस समय हो रही हैं, जब पाकिस्तान सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच संघर्ष को समाप्त करने की कोशिश कर रहा है।
बेरुखी का माहौल
यह हमला न केवल सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संगठन अपनी पुरानी रणनीतियों को फिर से अपनाते हुए, सरकार को चुनौती देने के लिए सक्रिय हो रहा है। बलूचिस्तान में इस प्रकार की घटनाओं का बढ़ता होना ना केवल स्थानीय लोगों के लिए खतरा है, बल्कि बलूचिस्तान के विकास में भी रुकावट डालता है।
निष्कर्ष
बीते दिनों से चल रहे सुरक्षा बलों पर हमलों ने दिखा दिया है कि बलूचिस्तान में स्थिति कितनी चिंतित करने वाली है। प्रशासन को चाहिए कि वो तुरंत प्रभावी कदम उठाएं और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। हमें आशा है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकलेगा और हमारे सैनिकों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
फिर से कहें तो, सुरक्षा बलों की स्थिति दिन-प्रतिदिन और भी कठिन होती जा रही है। हमें उम्मीद है कि उनकी वीरता और बलिदान से बलूचिस्तान में शांति स्थापित होगी।
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