पाक सेना प्रमुख Asim Munir के अमेरिकी आमंत्रण पर विराम, व्हाइट हाउस ने खारिज की खबरें
हाल ही में यह अफवाह फैली थी कि पाकिस्तानी सेना के जनरल असीम मुनीर को वाशिंगटन में एक सैन्य परेड में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। हालांकि, अमेरिकी सशस्त्र बलों की 250वीं वर्षगांठ के दौरान असीम मुनीर कहीं नजर नहीं आए। अब, व्हाइट हाउस के सूत्रों ने इन खबरों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि इस परेड में किसी भी विदेशी सैन्य नेता को आमंत्रित नहीं किया गया था।यह स्पष्टीकरण उन रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें दावा किया गया था कि अमेरिका ने जनरल मुनीर को न्योता भेजा था, जिसके बाद भारत में तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया शुरू हो गई थी। कांग्रेस पार्टी ने इसे भारत के लिए 'राजनयिक झटका' करार दिया था, खासकर 'ऑपरेशन सिंदूर' (पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी शिविरों पर भारत के हालिया सटीक हमले) के आलोक में। इस नए खुलासे से अब इस पूरे विवाद पर विराम लग गया है। इसे भी पढ़ें: Donald Trump की ईरान को सीधी चेतावनी, हमला हुआ तो अमेरिकी सेना की पूरी ताकत दिखेगीकांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'खबर है कि अमेरिकी सेना दिवस (14 जून) के अवसर पर वाशिंगटन डीसी में आयोजित कार्यक्रम में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को आमंत्रित किया गया है। कूटनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से यह खबर भारत के लिए बड़ा झटका है।'कांग्रेस नेता ने पूछा, 'यह वही व्यक्ति है जिसने पहलगाम आतंकी हमले से ठीक पहले भड़काऊ और भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया था, सवाल उठता है कि अमेरिका की मंशा क्या है?' इस बीच, भाजपा ने इन दावों को खारिज कर दिया और जयराम रमेश पर 'गलत सूचना फैलाने' और भारत की विदेश नीति पर 'आक्षेप लगाने' का आरोप लगाया।भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, 'प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी निरंतर दुश्मनी से प्रेरित होकर जयराम रमेश ने गैर-जिम्मेदाराना तरीके से झूठे दावों को बढ़ावा दिया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को अमेरिकी परेड में आमंत्रित किया गया था।' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री पर हमला करने की अपनी उत्सुकता में रमेश ने न केवल गलत सूचना फैलाई, बल्कि भारत की विदेश नीति पर भी संदेह जताया, जो प्रभावी रूप से पाकिस्तान के हितों की सेवा करने वाले आख्यानों को दोहराता है।' इसे भी पढ़ें: Israel-Iran War: इजराइल के तेहरान पर हवाई हमले, ईरान ने तेल अवीव को नुकसान पहुंचायापाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की वाशिंगटन यात्रा की खबरों ने अमेरिका में पाकिस्तानी समुदाय के बीच विरोध प्रदर्शन को भी बढ़ावा दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने मुनीर की यात्रा के दौरान अमेरिकी राजधानी में प्रदर्शन की घोषणा की थी। पीटीआई के विदेश मामलों के सचिव सज्जाद बुर्की ने 14 जून को वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर पाकिस्तानी-अमेरिकियों से इकट्ठा होने का आह्वान करते हुए कहा, 'व्हाइट हाउस को बता दें कि इस सरकार के साथ कोई भी समझौता पाकिस्तान के लोगों को स्वीकार्य नहीं है।'

पाक सेना प्रमुख Asim Munir के अमेरिकी आमंत्रण पर विराम, व्हाइट हाउस ने खारिज की खबरें
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हाल ही में यह अफवाह फैली थी कि पाकिस्तानी सेना के जनरल असीम मुनीर को वाशिंगटन में एक सैन्य परेड में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। हालांकि, अमेरिकी सशस्त्र बलों की 250वीं वर्षगांठ के दौरान असीम मुनीर कहीं नजर नहीं आए। अब, व्हाइट हाउस के सूत्रों ने इन खबरों को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि इस परेड में किसी भी विदेशी सैन्य नेता को आमंत्रित नहीं किया गया था।
राजनीतिक प्रतिक्रिया का खंडन
यह स्पष्टीकरण उन रिपोर्टों के बाद आया है जिनमें दावा किया गया था कि अमेरिका ने जनरल मुनीर को न्योता भेजा था, जिसके बाद भारत में तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया शुरू हो गई थी। कांग्रेस पार्टी ने इसे भारत के लिए 'राजनयिक झटका' करार दिया था, खासकर 'ऑपरेशन सिंदूर' (पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों पर भारत के हालिया सटीक हमले) के आलोक में। इस नए खुलासे से अब इस पूरे विवाद पर विराम लग गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "खबर है कि अमेरिकी सेना दिवस (14 जून) के अवसर पर वाशिंगटन डीसी में आयोजित कार्यक्रम में पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को आमंत्रित किया गया है। कूटनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से यह खबर भारत के लिए बड़ा झटका है।"
भाजपा का खंडन
कांग्रेस नेता ने यह भी सवाल उठाया कि "यह वही व्यक्ति है जिसने पहलगाम आतंकी हमले से ठीक पहले भड़काऊ और भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया था, सवाल उठता है कि अमेरिका की मंशा क्या है?" इस बीच, भाजपा ने इन दावों को खारिज कर दिया और जयराम रमेश पर 'गलत सूचना फैलाने' और भारत की विदेश नीति पर 'आक्षेप लगाने' का आरोप लगाया।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी निरंतर दुश्मनी से प्रेरित होकर जयराम रमेश ने गैर-जिम्मेदाराना तरीके से झूठे दावों को बढ़ावा दिया।"
समुदाय में विरोध प्रदर्शन
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की वाशिंगटन यात्रा की खबरों ने अमेरिका में पाकिस्तानी समुदाय के बीच विरोध प्रदर्शन को भी बढ़ावा दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने मुनीर की यात्रा के दौरान अमेरिकी राजधानी में प्रदर्शन की घोषणा की थी।
पीटीआई के विदेश मामलों के सचिव सज्जाद बुर्की ने 14 जून को वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर पाकिस्तानी-अमेरिकियों से इकट्ठा होने का आह्वान करते हुए कहा, "व्हाइट हाउस को बता दें कि इस सरकार के साथ कोई भी समझौता पाकिस्तान के लोगों को स्वीकार्य नहीं है।"
निष्कर्ष
इस घटनाक्रम ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को फिर से उजागर किया है, साथ ही यह दिखाया है कि कैसे अफवाहें और राजनीतिक बयानबाजी दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकती हैं। एक ओर जहां व्हाइट हाउस ने अपनी तरफ से स्पष्टीकरण दिया है, वहीं दूसरी ओर भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में इसका जिक्र अवश्य रहेगा।
संक्षेप में, अमेरिकी आमंत्रण के खंडन ने दोनों देशों में संचार की जटिलताओं को तस्वीर में ला दिया है। इससे साफ है कि न केवल सैन्य संबंध, बल्कि कूटनीतिक संचार भी बेहद संवेदनशील और तार्किक होते हैं।
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