Madhavrao Scindia Birth Anniversary: जमीन से जुड़े नेता थे माधवराव सिंधिया, दो बार बनते-बनते रह गए CM

आज ही के दिन यानी की 10 मार्च को कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे माधवराव सिंधिया का जन्म हुआ था। वह राजघराने से ताल्लुक रखते थे। वह सिर्फ शाही वारिस ही नहीं बल्कि एक प्रभावशाली राजनेता भी थे। उन्होंने अपना राजनीतिक सफर जनसंघ से शुरू किया था। चार दशक के राजनीतिक करियर में दो मौके ऐसे भी थे, जब माधवराव सिंधिया मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद के एकदम करीब पहुंचे। लेकिन दोनों बार ही माधवराव की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर माधवराव सिंधिया के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...जन्म और शिक्षामुंबई में 10 मार्च 1945 को माधवराव सिंधिया का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम जीवाजीराव सिंधिया था, जोकि ग्वालियर के महाराज थे। माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर के प्रतिष्ठित सिंधिया स्कूल से पढ़ाई की। फिर आगे की शिक्षा विनचेस्टर कॉलेज और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पूरी की। वहीं साल 1961 में पिता जीवाजीराव सिंधिया की मृत्यु के बाद माधवराव सिंधिया ग्वालियर के महाराज बने।इसे भी पढ़ें: Biju Patnaik Birth Anniversary: आधुनिक ओडिशा के शिल्पकार थे बीजू पटनायक, ऐसे बने राजनीति के हीरोराजनीतिक सफरसाल 1971 में पहली बार माधवराव सिंधिया राजनीति में आए। वहीं कुछ समय बाद ही वह देश के बड़े नेताओं में शुमार हो गए। साल 1991 से 1993 के बीच वह नरसिम्हा राव सरकार में नागरिक उड्डयन और पर्यटन मंत्री भी रहे। बता दें कि उन्होंने 26 साल की उम्र में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद उनकी जीत का सिलसिला शुरू हो गया था। वहीं साल 1977 में हुए चुनावों में उन्होंने गुना से जीत हासिल की। जनसंघ से अपने राजनीतिक सफऱ की शुरूआत करने वाले माधवराव सिंधिया का 80 के दशक में झुकाव कांग्रेस की ओर हो गया। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता भी ले ली। कांग्रेस में शामिल होने के बाद साल 1984 के लोकसभा चुनाव की लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई। दरअसल, भाजपा के कद्दावर नेता अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर से चुनावी मैदान में उतरे। तो वहीं कांग्रेस ने अंतिम समय में ग्वालियर से माधवराव सिंधिया को अपना उम्मीदवार बनाया। वहीं माधवराव सिंधिया ने जीत हासिल की और उनको रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई।मृत्युकांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया 30 सितंबर 2001 को अपने प्राइवेट प्लेन से उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक सभा को संबोधित करने के लिए जा रहे थे। तभी भैंसरोली के पास उनका एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया था। इस हादसे में सिंधिया समेत सभी लोगों की मौत हो गई थी।

Mar 10, 2025 - 12:39
 112  171.5k
Madhavrao Scindia Birth Anniversary: जमीन से जुड़े नेता थे माधवराव सिंधिया, दो बार बनते-बनते रह गए CM
Madhavrao Scindia Birth Anniversary: जमीन से जुड़े नेता थे माधवराव सिंधिया, दो बार बनते-बनते रह गए CM

Madhavrao Scindia Birth Anniversary: जमीन से जुड़े नेता थे माधवराव सिंधिया, दो बार बनते-बनते रह गए CM

Haqiqat Kya Hai

आज माधवराव सिंधिया की जयंती है, जो भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर रहे हैं। उनका जीवन और योगदान आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। जब हम उनकी बात करते हैं, तो हम एक ऐसे नेता की याद करते हैं जो जमीन से जुड़े रहे और जनता के साथ उनके हितों को समझने का प्रयास किया।

माधवराव का प्रारंभिक जीवन

माधवराव सिंधिया का जन्म 10 मार्च 1945 को हुआ था। वे एक राजघराने से संबंध रखते थे, लेकिन उन्होंने पारंपरिक राजनीति से अलग हटकर जनता के हितों पर ध्यान केंद्रित किया। उनके पिता, महाराज जयविजय सिंह, के प्रभाव से उन्हें राजनीति में दिलचस्पी हुई। माधवराव ने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज से प्राप्त की, जिससे उनकी सोच में एक व्यापकता आई।

राजनीतिक सफर

माधवराव सिंधिया ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1971 में की। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बने और जल्दी ही महत्वपूर्ण पदों पर पहुंचे। उनका सबसे बड़ा सपना मुख्यमंत्री बनना था, जिसके लिए वे कई बार प्रयास भी किए। बावजूद इसके, वे मुख्यमंत्री पद के समीप पहुंचकर भी चूक गए।

जमीन से जुड़े नेता

माधवराव सिंधिया को हमेशा "जमीन से जुड़े नेता" के रूप में पहचाना गया। उन्होंने अपनी राजनीति को जनता की समस्याओं और आवश्यकताओं से जोड़ा। वे जनता के बीच रहकर उनकी आवाज को उठाते रहे। उनका विश्वास था कि नेता को हमेशा जनता की भावनाओं और आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए।

उनकी उपलब्धियां

माधवराव सिंधिया ने कई विकासात्मक कार्य किए, जो आज भी याद किए जाते हैं। उनके नेतृत्व में कई योजनाएं लागू हुईं, जिनका लाभ ग्रामीण क्षेत्रों को हुआ। उन्हें विकास का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने हमेशा गरीबों और पिछड़े वर्गों की आवाज को उठाने का प्रयास किया।

निष्कर्ष

माधवराव सिंधिया का जीवन हमें यह सिखाता है कि एक नेता को कैसे जनता से जुड़ना चाहिए। उनकी जयंती पर हमें उनके आदर्शों और सिद्धांतों को याद करना चाहिए। वे आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

हम आशा करते हैं कि आज के दिन हम सभी माधवराव सिंधिया की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करें। उनके जीवन के बारे में और जानने के लिए, और अधिक अपडेट्स के लिए "haqiqatkyahai.com" पर जाएं।

Keywords

Madhavrao Scindia Birth Anniversary, भारतीय राजनीति, जमीन से जुड़े नेता, मुख्यमंत्री बनने का प्रयास, नागरिक विकास, राजनीतिक आदर्श, कांग्रेस नेता, माधवराव सिंधिया का जीवन

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow