रीठा महादेव में भगवान शंकर के विवाह प्रसंगों का दिव्य वर्णन, भक्तगण हुए अभिभूत
रीठा महादेव शिवालय में शिव महापुराण रुद्र महायज्ञ सीएनई रिपोर्टर रानीखेत क्षेत्र के प्राचीन एवं प्रसिद्ध श्री ऋषेश्वर रीठा महादेव मंदिर प्रांगण में शिव महापुराण रुद्र महायज्ञ में छठे दिन भगवान शंकर के पावन विवाह प्रसंगों का दिव्य वर्णन किया गया। उल्लेखनीय है कि प्रति वर्ष रीठा महादेव शिवालय में शिव महापुराण रूद्र महायज्ञ क्षेत्रवासियों […] The post भगवान शंकर के पावन विवाह प्रसंगों का दिव्य वर्णन सुन अभिभूत हुए भक्तगण appeared first on Creative News Express | CNE News.
रीठा महादेव में भगवान शंकर के विवाह प्रसंगों का दिव्य वर्णन, भक्तगण हुए अभिभूत
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रानीखेत क्षेत्र का प्राचीन और प्रसिद्ध श्री ऋषेश्वर रीठा महादेव मंदिर फिर से धार्मिक उत्सव का साक्षी बना है। यहाँ आयोजित हो रहे शिव महापुराण रुद्र महायज्ञ के छठे दिन भगवान शंकर के पावन विवाह प्रसंगों का दिव्य और भावनात्मक वर्णन किया गया। इस अद्भुत अवसर पर सैकड़ों भक्तगण उपस्थित रहे, जिन्होंने ध्यानपूर्वक कथा का आनंद लिया और भक्ति में लीन हो गए।
विवाह प्रसंगों की महत्ता
भगवान शिव का विवाह पार्वती जी के साथ भारतीय पौराणिक कथाओं में एक अविस्मरणीय घटना है। यह विवाह न केवल प्रेम और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि यह आत्म-ज्ञान और मोक्ष के मार्ग का मार्गदर्शन भी करता है। शिव महापुराण में पार्वती जी की कठिन तपस्या और भगवान शिव के प्रति उनके अनन्य प्रेम का विस्तृत वर्णन किया गया है।
महायज्ञ के दौरान श्रद्धालुओं को सुनहरे और दिव्य वचनों का अनुभव हुआ। इन वचनों में स्वरूपों का अद्भुत चित्रण किया गया, जिसमें शिव और पार्वती की जीवनशैली, उनका विवाह समारोह, और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ शामिल थीं। इस सुनहरे अवसर पर भक्तगण भावुक हो उठे, जिससे कुछ की आँखों में आंसू आ गए।
स्थानीय समुदाय की भागीदारी
हर साल की तरह, इस वर्ष भी क्षेत्रवासी इस महायज्ञ में भाग लेने के लिए उत्सुक थे। इस अवसर पर स्थानीय समिति ने सजगता से महायज्ञ की तैयारी की, जिससे समुदाय के सभी वर्ग मिलकर एकजुट होकर भक्ति का अनुभव कर सके। इस आयोजन ने क्षेत्रवासियों के बीच गहरी सांस्कृतिक जुड़ाव को पुनर्जीवित किया।
भक्तों की प्रतिक्रिया
हालांकि यह एक धार्मिक समारोह था, लेकिन इसका सकारात्मक असर स्थानीय समुदाय की एकता पर भी देखा गया। भक्तों ने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों का महत्व उन्होंने फिर से महसूस किया है। एक भक्त ने कहा, "भगवान शिव की कथाएँ सुनकर हमारे मन में आस्था और दृढ़ता की भावना और भी बढ़ गई है।"
निष्कर्ष
भगवान शिव के पावन विवाह प्रसंगों का वर्णन सुनकर भक्तगण अभिभूत हो गए, जिसने उनके विश्वास को एक नया आयाम दिया। इस महायज्ञ ने न केवल धार्मिक भावनाओं को जागृत किया, बल्कि स्थानीय समुदाय की एकता और भाईचारे को भी प्रदर्शित किया।
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यह आयोजन केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक जागरूकता का प्रतीक भी है। इससे सभी भक्तों ने एक नई प्रेरणा पाई है और आगामी समारोहों में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है।
टीम हकीकत क्या है, सुषमा गुप्ता
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