महिलाओं की गिरफ्तारी के साथ आईजी रिद्धिम अग्रवाल के नेतृत्व में 10 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग्स की बरामदगी

महानाद डेस्क : आईजी कुमायूँ रिद्धिम अग्रवाल के नेतृत्व में जनपद चम्पावत एवं पिथौरागढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने ड्रग्स के विरुद्ध एक प्रभावशाली एवं संगठित कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए ड्रग्स तस्करों से दस करोड़ तेईस लाख चौरासी हजार रुपये कीमत की 5 किलो 688 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स बरामद करते हुए एक महिला […]

Jul 12, 2025 - 18:39
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महिलाओं की गिरफ्तारी के साथ आईजी रिद्धिम अग्रवाल के नेतृत्व में 10 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग्स की बरामदगी
आईजी रिद्धिम अग्रवाल के नेतृत्व में बड़ी कामयाबी, 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की ड्रग्स पकड़ी

महिलाओं की गिरफ्तारी के साथ आईजी रिद्धिम अग्रवाल के नेतृत्व में 10 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग्स की बरामदगी

महानाद डेस्क: आईजी कुमायूँ रिद्धिम अग्रवाल के नेतृत्व में जनपद चम्पावत और पिथौरागढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने ड्रग्स के खिलाफ एक महत्वपूर्ण अभियान चलाते हुए 10 करोड़ 23 लाख चौरासी हजार रुपये मूल्य की 5 किलो 688 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स सफलतापूर्वक बरामद की है। इस कार्रवाई में एक महिला को नशीले पदार्थों की तस्करी में गिरफ्तार किया गया है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

सफलता की कहानी: किस प्रकार हुआ यह अभियान

12 जुलाई 2025 को एसपी चंपावत अजय गणपति एवं एसपी पिथौरागढ़ रेखा यादव के नेतृत्व में, पुलिस की 14 सदस्यीय टीम ने नेपाल सीमा के निकट शारदा नहर क्षेत्र में चेकिंग अभियान प्रारंभ किया। इस अभियान के दौरान पुलिस ने एक महिला को संदिग्ध स्थिति में देखा, जो काले पिट्ठू बैग के साथ भागने का प्रयास कर रही थी। महिला की गतिविधियों से अंदेशा हुआ और उसे रोका गया।

ड्रग्स की बरामदगी: एक महत्वपूर्ण कदम

महिला के बैग की तलाशी में 5 किलो 688 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स बरामद हुई। यह ड्रग्स अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अनुमानित 18,000 रुपये प्रति ग्राम के मूल्य में है, जो कुल मिलाकर 10 करोड़ 23 लाख रुपये तक पहुँचती है। पूछताछ के दौरान, महिला ने बताया कि यह ड्रग्स उसकी पति के द्वारा पिथौरागढ़ से लाकर दी गई थी और उसे इसे शारदा नहर में फेंकने के लिए कहा गया था।

पुलिस की तत्परता और पुरस्कार प्रणाली

आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने पुलिस दल की सराहना की और उन्हें 20,000 रुपये के नगद पुरस्कार से सम्मानित किया। यह कार्रवाई इस वर्ष में नशीले पदार्थों के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाइयों में से एक है। इससे पहले, चम्पावत पुलिस ने 4 करोड़ रुपये से अधिक के नशीले पदार्थ भी बरामद किए थे। यह दर्शाता है कि पुलिस विभाग अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीरता से कार्य कर रहा है।

नशे की बढ़ती समस्या और इसके प्रभाव

एमडीएमए, जिसे युवा वर्ग में "एक्स्टसी" के रूप में जाना जाता है, एक सिंथेटिक ड्रग है। इसका प्रभाव नशे की अन्य वस्तुओं के समान होता है। पश्चिमी देशों में इसकी खपत तेजी से बढ़ रही है, जिसके परिणामस्वरूप भारत में भी इसके उपयोग में वृद्धि हुई है। युवा वर्ग में इसकी लोकप्रियता चिंता का विषय बन गई है।

सुरक्षा और नशीले पदार्थों पर नियंत्रण

आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि पुलिस की गतिविधियों और सतर्कता के चलते नशा तस्करी की बढ़ती गतिविधियों को काफी हद तक नियंत्रित किया गया है। चम्पावत और पिथौरागढ़ की पुलिस ने मिलकर इस गिरोह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और इसके नेटवर्क को खंगालने की कोशिश कर रही है।

समापन: जागरूकता की आवश्यकता

यह सफलता केवल पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम नहीं है, बल्कि समाज में नशे के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने का भी अवसर है। पुलिस की सक्रियता यह स्पष्ट करती है कि वे नशीले पदार्थों के खिलाफ संघर्ष को निरंतर जारी रखेंगे। इस प्रकार की कार्रवाइयाँ यह संदेश देती हैं कि ड्रग्स तस्करी से लडऩा आवश्यक है और पुलिस इसकी जिम्मेदारी निभाने के लिए कटिबद्ध है।

हम सभी को नशे के खिलाफ इस लड़ाई में सहयोगी बनना होगा। इस प्रकार की कार्रवाइयाँ समाज में बदलाव लाने के लिए आवश्यक हैं।

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धन्यवाद!

टीम हकीकत क्या है, सुमन शर्मा द्वारा।

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