बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड में पेपर लीक प्रकरण, प्रोफेसर सुमन और दो महिलाओं की गिरफ्तारी, खालिद फरार
Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की रविवार को हुई स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक कांड में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने बड़ी कार्रवाई की है। एसआईटी की अब तक की जांच और उसकी रिपोर्ट के आधार पर रायपुर थाने में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन समेत 04 नामजद और एक अज्ञात … The post बिग ब्रेकिंग: पेपर लीक में प्रोफेसर सुमन, हिना और साबिया पर शिकंजा, खालिद फरार appeared first on Round The Watch.

बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड में पेपर लीक प्रकरण, प्रोफेसर सुमन और दो महिलाओं की गिरफ्तारी, खालिद फरार
Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा रविवार को आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड में विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने अहम कदम उठाया है। एसआईटी की जांच के आधार पर रायपुर थाने में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन, साथ ही तीन अन्य नामजद व्यक्तियों और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने इस मामले में अमरोड़ा डिग्री कॉलेज, टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन, उसकी बहनें हिना और साबिया को हिरासत में ले लिया है। हालाँकि, मुख्य आरोपी खालिद मलिक अभी भी फरार है। जानकारी के अनुसार, खालिद ने हरिद्वार में परीक्षा देने के लिए वहां उपस्थित हुआ था और वह वर्तमान में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में संविदा जेई के पद पर कार्यरत था।
पुलिस की कार्रवाई और आरोपियों का कनेक्शन
इससे पहले, पेपर लीक कांड में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किया था, जहाँ उसने परीक्षा केंद्र से बाहर आने की पूरी कहानी बताई थी। पुलिस ने यह भी कहा है कि परीक्षा से एक दिन पहले नकल माफिया हाकम सिंह और उसके साथी पंकज गौड़ को 12 से 15 लाख रुपए की डील करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हाकम सिंह पूर्व में कई भर्ती परीक्षाओं में मास्टर माइंड की भूमिका में भी आरोपी रह चुका है और अभी वह जमानत पर बाहर है।
शंका के बाद की गई कार्रवाई
परीक्षा के दौरान एसआईटी जांच में यह पता चला कि सुमन को सुबह 07:55 बजे खालिद के मोबाइल से एक व्हाट्सएप मैसेज मिला, जिसमें कहा गया कि उसकी बहन के पेपर हैं जिनकी मदद करनी है। जवाब में सुमन ने 08:02 बजे "OK" मैसेज किया। उसके बाद, 11:34 बजे, खालिद की बहनें साबिया और हिना ने सुमन को व्हाट्सएप कॉल किया।
उसके बाद, स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र के तीन पृष्ठों की तस्वीर सुमन के मोबाइल पर भेजी गई। उन्होंने इन प्रश्नों के उत्तर हाथ से लिखकर 11:45 बजे खालिद के मोबाइल नंबर पर भेज दिए। सुमन ने पुलिस को बताया कि उत्तर भेजने के तुरंत बाद उसे शक हुआ कि कोई पेपर नहीं हो सकता। इसपर उसने अपनी बहन से बात की और फिर अन्य लोगों को सूचित करने के प्रयास किए।
एसएसपी की निर्णायक कार्रवाई और संभावित नेटवर्क का पर्दाफाश
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह ने जैसे ही पेपर लीक की सूचना प्राप्त की, तुरंत ही एसआईटी का गठन किया। इसके बाद, सोमवार को रिपोर्ट आने के बाद भर्ती में अनुचित साधन रोकथाम एवं निवारण अध्यादेश 2023 के तहत केस दर्ज किया गया। पुलिस ने फरार आरोपियों की तलाश के लिए छापेमारी तेज कर दी है और तकनीकी टीम को उनकी लोकेशन ट्रैक करने का काम सौंपा गया है।
एसएसपी के अनुसार, असली कहानी तब सामने आएगी जब खालिद गिरफ्तार होगा, क्योंकि वह ही बता सकता है कि एग्जाम पेपर परीक्षा केंद्र से कैसे बाहर गया।
युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़
पेपर लीक प्रकरण ने एक बार फिर से युवाओं के सपनों की धज्जियाँ उड़ा दी हैं। आरोपियों में प्रोफेसर और परीक्षार्थियों की मिलीभगत से واضح हो जाता है कि परीक्षा की पवित्रता को आघात पहुँचाया जा रहा है। पुलिस और प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों की पूछताछ से और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। इस बार पुलिस और प्रशासन आरोपियों के खिलाफ कड़ी धाराएँ और संपत्ति कुर्की तक की कार्रवाई करने की तैयारी में हैं।
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में हुए इस पेपर लीक मामले ने परीक्षा प्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा किए हैं और आगे की कार्रवाई का सभी को इंतजार है। अधिक अपडेट के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट हकीकत क्या है पर जाएं।
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