थराली आपदा प्रभावितों का विरोध: महिलाओं ने रोक दिया मुख्यमंत्री का काफिला
Round The Watch, Desk: थराली में आपदा प्रभावितों का गुस्सा रविवार को उस समय फूट पड़ा, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के स्थलीय निरीक्षण के बाद राडीबगड़ से लौट रहे थे। मुख्यमंत्री के काफिले को देखकर ग्रामीणों ने नारेबाजी शुरू कर दी और कहा कि प्रशासन अब तक उनके नुकसान को लेकर … The post थराली आपदा प्रभावितों का हंगामा, महिलाओं ने रोका मुख्यमंत्री का काफिला appeared first on Round The Watch.
थराली आपदा प्रभावितों का विरोध: महिलाओं ने रोक दिया मुख्यमंत्री का काफिला
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कम शब्दों में कहें तो थराली में आपदा प्रभावित लोग रविवार को उस समय भड़क उठे जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के बाद राडीबगड़ लौट रहे थे। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के काफिले को देखकर नारों के साथ विरोध शुरू कर दिया, यह आरोप लगाते हुए कि प्रशासन उनके नुकसान के मुद्दे पर गंभीर नहीं है।
महिलाओं का अनोखा विरोध प्रदर्शन
इस विरोध की जड़ें उस समय और बढ़ गईं जब ग्रामीण महिलाएं मुख्यमंत्री के काफिले के रास्ते में बैठ गईं। सुरक्षा कर्मियों ने हटने का अनुरोध किया, लेकिन महिलाएं अपनी मांगों को लेकर दृढ़ रहीं। अंततः मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं गाड़ी से उतरकर महिलाओं से बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की।
ग्रामीणों की बातें
ग्रामीण महिलाओं ने मुख्यमंत्री से मांग की कि राहत कार्यों में हो रही देरी पर प्रशासन की निष्क्रियता को दूर किया जाए। मुख्यमंत्री धामी ने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार हर affected परिवार के साथ खड़ी है और ऊपरी गांवों तक पहुंचने वाले रास्तों को खोलने का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि जैसे ही रास्ता सुरक्षित होगा, वो खुद उन गांवों का दौरा करेंगे।
मुख्यमंत्री का संवाद
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी बताया कि उन्होंने आपदा के समय खुद आगे बढ़कर राहत कार्यों की निगरानी की थी। उन्होंने पुनः यह स्पष्ट किया कि उत्तराखण्ड सरकार आपदा प्रभावितों को सहायता देने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने दोहराया कि किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भविष्य की चुनौतियां
लेकिन इस घटनाक्रम ने सरकार की आपदा प्रबंधन को लेकर बहुत से सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग चाहते हैं कि प्रशासन उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से हल करे। मुख्यमंत्री धामी के समक्ष यह एक चुनौती है, जिसमें उन्हें स्थानीय समुदाय का विश्वास जीतना होगा।
यह घटना इस बात को भी दर्शाती है कि महिलाओं के मुद्दों पर समाज में ज्यादा विचार-विमर्श की आवश्यकता है। ऐसी परिस्थितियों में यह ज़रूरी हो जाता है कि महिलाओं को निर्णय संबंधी प्रक्रियाओं में शामिल किया जाए।
निष्कर्ष
थराली में घटित यह घटना न केवल स्थानीय लोगों की नाराजगी को दिखाती है, बल्कि यह यह भी संकेत करती है कि हमें आपदा प्रबंधन के तरीकों में सुधार की आवश्यकता है। सभी की उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस मामले का समाधान निकालेगी और प्रभावित लोगों को उचित सहायता पहुंचाएगी।
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