डीजे के शोर से भड़के हाथी: दून में कांवड़ यात्रियों के भंडारे में घुसने का खतरनाक मंजर

Amit Bhatt, Dehradun: सावन माह की कांवड़ यात्रा के दौरान लच्छीवाला रेंज अंतर्गत मणि माई मंदिर के पास एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। शनिवार रात करीब 8:30 बजे एक नर और मादा हाथी अपने शिशु के साथ जंगल से सड़क पार कर रहे थे। इस दौरान सड़क किनारे चल रहे कांवड़ियों के भंडारे में … The post Video: दून में डीजे के शोर से भड़के हाथी, कांवड़ यात्रियों के भंडारे में घुसे appeared first on Round The Watch.

Jul 20, 2025 - 09:39
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डीजे के शोर से भड़के हाथी: दून में कांवड़ यात्रियों के भंडारे में घुसने का खतरनाक मंजर
Video: दून में डीजे के शोर से भड़के हाथी, कांवड़ यात्रियों के भंडारे में घुसे

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Author: Priya Sharma, Neha Kapoor, Team Haqiqat Kya Hai

परिचय

देहरादून में एक चिंताजनक घटना में कांवड़ यात्रा की शांति उस समय भंग हो गई जब डीजे के शोर से हाथियों का एक परिवार विचलित हो गया। शनिवार रात, मणि माई मंदिर के पास एकत्रित कांवड़ियों के भंडारे में दो हाथियों ने घुसकर हंगामा मचा दिया। यह घटना यह बात स्पष्ट करती है कि मानव आबादी के आस-पास वन्यजीवों के प्रति जागरूकता कितनी आवश्यक है, विशेषकर आध्यात्मिक आयोजनों के दौरान।

घटना का विवरण

अमित भट्ट, देहरादून: सावन मास की कांवड़ यात्रा के आयोजन के दौरान, लच्छीवाला रेंज के निकट एक गंभीर स्थिति बनी जब रात लगभग 8:30 बजे, नर और मादा हाथी अपने छोटे बच्चे के साथ जंगल से सड़क पार कर रहे थे। शोध बताते हैं कि तेज आवाजें जंगली जानवरों को उत्तेजित कर सकती हैं, और इस घटना में, डीजे की तेज आवाज और भीड़ के शोर ने हाथियों को उत्तेजित कर दिया।

भंडारे में उथल-पुथल

गवाहों ने बताया कि बिगड़ती स्थिति के बावजूद, कई कांवड़ यात्री हाथियों की वीडियो बना रहे थे और उनका मजाक उड़ा रहे थे। शोर और भीड़ से उत्तेजित, हाथियों ने आक्रामक व्यवहार दिखाते हुए पास के दो ट्रेलरों को पलटा दिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई और एक कांवड़ यात्री गंभीर रूप से घायल हो गया। आश्चर्यजनक रूप से, हाथी मुख्य समारोह स्थल में प्रवेश नहीं कर पाए, जिससे कई जीवन बच गए।

आपातकालीन प्रतिक्रिया

वन विभाग और स्थानीय पुलिस की तेज प्रतिक्रिया सराहनीय थी। अधिकारी पुरन सिंह रावत की अगुवाई में, टीमों ने तुरंत स्थिति का आकलन किया, स्थल को साफ किया और हाथियों को जंगल में वापस भेजने के लिए पटाखों का उपयोग किया। पुलिस ने यातायात को नियंत्रित किया, जिससे यात्रियों को सुरक्षित रूप से आगे बढ़ने का निर्देश दिया गया। यह घटना वन्यजीवों के साथ मानव इंटरैक्शन की अप्रत्याशितता का स्पष्ट प्रमाण है।

सीखने के लिए सबक

लच्छीवाला टोल प्लाजा के पर्यवेक्षकों राकेश नौटियाल और अरुण ने बताया कि अगर हाथी तुरंत नहीं लौटते, तो बहुत से जीवन खतरे में पड़ सकते थे। यह घटना यह दर्शाती है कि तीर्थ आयोजनों के दौरान सुरक्षा प्रबंधन को बेहतर बनाना और वन्यजीवों के आवासों का सम्मान करना कितना आवश्यक है।

वन विभाग की चेतावनी

इस घटना के प्रकाश में, वन विभाग ने कांवड़ यात्रियों और आयोजकों से अपील की है कि वे वन्यजीव क्षेत्रों के पास तेज डीजे सिस्टम या चमकती रोशनी का उपयोग करने से बचें। किसी भी तरह से नियमों का उल्लंघन करना या वन्यजीवों के मार्गों को बाधित करना दंडनीय कार्य होगा। ऐसे खतरनाक मुठभेड़ों से बचने के लिए वन्यजीवों से संबंधित नियमों को समझना और उनका पालन करना आवश्यक है।

निष्कर्ष

कांवड़ यात्रा में हाथियों की घटना हमें वन्यजीवों के संरक्षण और उनके आवास की मानव पहचान पर महत्वपूर्ण चर्चा की ओर ले जाती है। भविष्य के उत्सवों को जन सुरक्षा और वन्यजीवों की संप्रभुता को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि हम सभी शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व बना सकें। नवीनतम जानकारी और वन्यजीवों के взаимодействन के बारे में अपडेट के लिए haqiqatkyahai.com पर जाएं।

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