‘जिनकी क्षमता कम, हम बनेंगे उनकी ताकत’ - देहरादून में उद्घाटन हुआ आधुनिक पुनर्वास केंद्र
Amit Bhatt, Dehradun: समाज वही तरक्की कर सकता है, जहां बिना किसी भेद के सभी को समान अवसर दिए जाएं। बात जब दिव्यांगजनों की हो तो उन्हें दया की नहीं समाज की मजबूती की जरूरत होती है। यदि उन्हें उचित सहायता दी जाए तो वह सामान्य व्यक्तियों की भांति ही अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर … The post ‘जिनकी क्षमता कम, उनकी ताकत बनेंगे हम’ डीएम ने दिव्यांगजनों को समर्पित किया आधुनिक पुनर्वास केंद्र appeared first on Round The Watch.

‘जिनकी क्षमता कम, हम बनेंगे उनकी ताकत’ - देहरादून में उद्घाटन हुआ आधुनिक पुनर्वास केंद्र
कम शब्दों में कहें तो: देहरादून में दिव्यांगजनों के लिए स्थापित पहली आधुनिक पुनर्वास केंद्र ने समाज में समानता और अवसरों का नया उदाहरण पेश किया है। यह केंद्र न केवल दिव्यांगजनों की जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि उन्हें सशक्त बनाने का भी कार्य करेगा।
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Amit Bhatt, Dehradun: समाज वही तरक्की कर सकता है, जहां बिना किसी भेद के सभी को समान अवसर दिए जाएं। दिव्यांगजनों की स्थिति को समझते हुए, देहरादून जिला प्रशासन ने उत्तराखंड का पहला आधुनिक पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) स्थापित किया है। यह केंद्र दिव्यांगजनों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगा, जिससे उन्हें आवागमन में कोई कठिनाई नहीं होगी और वे अपनी क्षमता का सही प्रदर्शन कर सकेंगे।
नया दृष्टिकोण: दिव्यांगजनों की ताकत बनना
गांधी शताब्दी जिला चिकित्सालय में आयोजित उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि महापौर सौरभ थपलियाल और विधायक खजान दास ने इस केंद्र के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर जिलाधिकारी सविन बंसल और मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह भी उपस्थित थे। महापौर ने कहा कि "यह केंद्र सशक्त समाज के निर्माण की दिशा में एक मील का पत्थर है।" उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए सभी आवश्यक सेवाएं एकत्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सभी सेवाओं का एकीकृत केंद्र
यह पुनर्वास केंद्र दिव्यांगजनों को फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक सलाह, दिव्यांग प्रमाण पत्र, और कृत्रिम अंग जैसी सुविधाएं प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि "यह केंद्र दिव्यांगजनों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है जहां वे सभी सेवाएं एक ही स्थान पर प्राप्त कर सकते हैं।" इसके अलावा, स्पेशल डेडिकेटेड वाहनों का भी प्रबंध किया गया है, जिससे दिव्यांगजन आसानी से केंद्र तक पहुंच सकें।
मुख्यमंत्री की सुलभ सेवा नीति
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की समावेशी नीतियों को प्रभावी बनाने के लिए यह केंद्र एक महत्वपूर्ण कदम है। इस केंद्र का संचालन भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा किया जाएगा, और इसकी आवश्यकताओं से मेल खाते हुए संसाधनों का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री धामी की रणनीति का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।
डीडीआरसी की प्रमुख सुविधाएं
डीडीआरसी केंद्र में दिव्यांगजनों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं में कई महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं:
- दिव्यांग प्रमाणपत्र एवं यूडीआईडी कार्ड की सुविधा
- फिजियोथेरेपी और मनोवैज्ञानिक परामर्श
- छात्रवृत्तियाँ और कौशल विकास प्रशिक्षण
- कृत्रिम अंग और अन्य सहायक उपकरणों का वितरण
- प्रशिक्षण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास
दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र का महत्व
जिले में करीब 20 प्रतिशत आबादी किसी न किसी प्रकार की दिव्यांगता से प्रभावित है। ऐसे में, यह केंद्र न केवल दिव्यांगजनों के जीवन को आसान बनाएगा, बल्कि समाज में जागरूकता और समावेशिता को भी बढ़ावा देगा। केंद्र के तहत आयोजित कलात्मक प्रतियोगिताओं में दिव्यांग छात्रों को पुरस्कृत किया गया, जिससे उनकी प्रेरणा बढ़ी है।
अंत में, महापौर और विधायक द्वारा हेल्पलाइन नंबर 8077386815 की घोषणा की गई, जिसमें दिव्यांगजन घर बैठे अपनी जरूरतों के समाधान के लिए संपर्क कर सकेंगे।
इस अवसर का उद्देश्य केवल सेवा प्रदान करना नहीं है, बल्कि एक मजबूत और सशक्त समाज की दिशा में कदम बढ़ाना भी है, जिसमें दिव्यांगजन अपनी पहचान और अधिकारों के लिए लड़ सकें।
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